TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Unnao News: Al Haq व AOV स्लाटर हाउस को गलत तरीके से एनओसी देने पर क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी निलंबित

Unnao News: उन्नाव में प्रदूषण अधिकारी गलत तरीके से एनओसी देने के मामले में निलंबित हो गए।

Shaban Malik
Published on: 11 Nov 2024 11:53 AM IST (Updated on: 11 Nov 2024 3:40 PM IST)
Unnao News
X

एनओसी देने पर क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी निलंबित (न्यूजट्रैक)

Unnao News: उन्नाव में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उन पर आरोप है कि उन्होंने स्लाटर हाउसों को गलत तरीके से एनओसी दी थी। यह कार्रवाई शासन के निर्देश पर की गई है, जिसमें अधिकारी की भूमिका की जांच की गई और पाया गया कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। इस मामले में अल हक स्लाटर हाउस और एओवी स्लाटर हाउस को गलत तरीके से एनओसी देने का आरोप है। शासन ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की है और अधिकारी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन करने और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

क्या है मामला

उन्नाव जिले में संचालित दो स्लाटर हाउसों की स्थापना और संचालन के लिए अनियमित तरीके से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जारी करने के मामले में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर को निलंबित कर दिया गया है। मुख्य सचिव के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई। जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा मानकों की अनदेखी कर स्लाटर हाउसों को अनुमति देने की अनियमितता की पुष्टि की। यह मामला तब सामने आया जब एओवी एक्सपोर्ट्स प्रॉ. लि. और अलहक फूड्स नामक दो स्लाटर हाउसों की स्थापना और संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गलत तरीके से एनओसी देने की शिकायत मुख्य सचिव से की गई थी। इस पर मुख्य सचिव ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र भेजकर मामले की जांच करने का निर्देश दिया।

अपर मुख्य सचिव ने क्या कहा

अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने 14 अक्टूबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य को इस मामले की जांच के आदेश दिए और टीम गठित करने को कहा। जांच में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया। जिसमें मुख्य पर्यावरण अधिकारी (प्रशासन) राजेंद्र सिंह, मुख्य विधि अधिकारी (प्रभारी) महेंद्र नाथ, पर्यावरण अभियंता प्रवीण कुमार, जेपी मौर्य और विधि अधिकारी अनुज चौबे शामिल थे। टीम को 15 अक्टूबर तक इस मामले की साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश था। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर ने अपने पदीय कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया और स्लाटर हाउसों की स्थापना और संचालन के लिए अनियमित तरीके से एनओसी जारी की। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इन स्लाटर हाउसों ने पर्यावरण सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का उल्लंघन किया था फिर भी उन्हें बिना सही प्रक्रिया के अनुमति दे दी गई।

प्रदूषण अधिकारी हुए निलंबित

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र प्रताप सिंह ने क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल माथुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। निलंबन की अवधि के दौरान अनिल माथुर को लखनऊ स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय से संबद्ध रहने का निर्देश दिया गया है। यह निलंबन जिले में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण सुरक्षा के मामलों में कड़ी कार्रवाई के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से प्रदूषण नियंत्रण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच भी जारी रहेगी ताकि इस प्रकार की अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो सके। कार्यवाहक डीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के खिलाफ काफी पहले से जांच चल रही थी। जांच में अनियमितता सामने आने पर उन्हें निलंबित किया गया है।



\
Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

Content Writer

Next Story