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Unnao News: संसद मे सिर्फ एक संत साक्षी, उन्नाव को 35 साल बाद भी नहीं मिला मंत्रिमंडल मे मौका
Unnao News: एक तरफ एक के बाद एक मोदी सरकार के रिकार्ड तोड़ने की चर्चाएं है तो दूसरी तरफ जिले के लिए 1971 से 1989 के बीच केंद्र की 'कांग्रेस' सरकार के शासन काल में बना रिकार्ड अब तक कायम है।
Unnao News: देश में लोकतांत्रिक इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर रिकॉर्ड बना दिया है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद ऐसा करने वाले नरेंद्र मोदी पहले राजनेता हैं। 9 जून 2024 रविवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण मे 7 देश के राष्ट्रीय प्रमुखो समेत 8 हजार से अधिक अतिथियों की उपस्थिति में मोदी ने ईश्वर के नाम पर पद और गोपनीयता की शपथ ली। मोदी 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण पूरा हो गया। जिसके बाद शेयर बाजार में उछाल आने जैसा उत्साह नजर आया। भाजपाई भी खुशी मनाते हुए एक- दूसरे को बधाई देते नजर आये। लेकिन, इन सब के बीच एक कसक भी दिखी। यह कसक कुछ और नहीं बल्कि पिछले 35 साल बाद भी उन्नाव जिले को मंत्रिमंडल में मौका न मिलने की थी। एक तरफ एक के बाद एक मोदी सरकार के रिकार्ड तोड़ने की चर्चाएं है तो दूसरी तरफ जिले के लिए 1971 से 1989 के बीच केंद्र की 'कांग्रेस' सरकार के शासन काल में बना रिकार्ड अब तक कायम है।
नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पद और गोपनीयता की शपथ लेने के साथ ही चर्चा शुरू हो गई कि इस बार के मंत्रिमंडल में भी उन्नाव जिले को स्थान नहीं मिला। वैसे मंत्रिमंडल में लखनऊ को छोड़ दिया जाए तो आसपास के जनपदों में कानपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, हरदोई, मिश्रिख समेत अन्य जनपद भी इस बार कैबिनेट में नहीं दिखे। लेकिन, उन्नाव को लेकर लोग काफी समय से उम्मीद लगाए थे, जो एक बार फिर निराशा हुए। इतिहास के पन्नों पर गौर करें तो 1952 से लेकर अब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में केवल एक चेहरे ही ऐसा रहा जिसमें मंत्री परिषद में मौका मिला। वह कोई और नहीं बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जियाउर्रहमान अंसारी थे।
1971 से लेकर 1984 के बीच दो बार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और एक बार राजीव गांधी के मंत्रिमंडल का वो हिस्सा बने। 1971 में बनी सरकार के मंत्रिमंडल में अंसारी को उपमंत्री का दायित्व मिला था। जिसमें उन्हें उपमंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई, जिसमें उन्हें उद्योग- और पेट्रोलियम मंत्रालय का दायित्व दिया गया था। इसके बाद 1976-77 केंद्रीय राज्य मंत्री बनाते हुए वाणिज्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। आपात काल के बाद 1980 में जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें सिंचाई मंत्रालय, और फिर जहाजरानी एवं परिवहन मंत्रालय का दायित्व दिया गया।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में बनी कांग्रेस की सरकार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का ओहदा देते हुए कैबिनेट में लेते हुए जहाजरानी और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। उसके बाद से अब तक भाजपा को केंद्र में पांचवीं बार नेतृत्व मिला है और कांग्रेस को भी तीन बार नेतृत्व मिला चुका है। लेकिन अंसारी के बाद मंत्रिमंडल में उन्नाव को हिस्सा नहीं मिला है।
सोशल मिडिया पर साक्षी को मंत्रिमंडल मे जगह देने की मांग
मोदी 3.0 सरकार का शपथ ग्रहण पूरा होने के बाद जब साक्षी महाराज को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिले तो उन्नाव लोकसभा क्षेत्र के लोग साक्षी महाराज के समर्थक केंद्र सरकार व नरेंद्र मोदी से साक्षी महाराज को मंत्रिमंडल में जगह देने की सोशल मीडिया पर मांग करने लगे, रोहित राजपूत ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा... पिछड़े वर्ग की कोई ज़रूरत नहीं है न उनको कोई क़दर है 7 बार से लगातार सांसद जहाँ पार्टी ने भेजा वहाँ पर अपना डंका बजाया वहाँ पर सामने वालों की ज़मानत ज़ब्त कर दी। जिनकी भूमिका राम मंदिर आंदोलन में भी थी हिन्दू हृदय सम्राट वरिष्ठ सांसद 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज को मंत्रिमंडल में शामिल करने की माँग करता हुँ।
एक और फेसबुक यूजर्स ने सोनू राजपूत ने लिखा... भारत सरकार के नए मंत्रिमंडल के नामों का एलान हो चुका है। हमें खेद है कि सात बार के सांसद18 वीं लोकसभा में इस बार एक ही संत और संत समाज का गौरव आचार्य महामंडलेश्वर डा० सच्चिदानन्द हरि साक्षी जी महाराज जी जो पिछड़ा वर्ग से आते हैं इनका नाम न होना खेद जनक है। यह अन्याय आप उनके साथ नहीं कर सकते।। मेरा आपसे अनुरोध है ऐसा अन्याय उन्नाव के साथ न करे मैं साक्षी महाराज जी को मंत्रिमंडल में सामिल करने की मांग करता हूं।
1971 से 1989 तक तीन मंत्रिमंडल में मिली उन्नाव को भागीदारी
भाजपा के टिकट पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट-ट्रिक लगाने वाले साक्षी महाराज के न पहुंचने से निराशा उन्नाव लोकसभा ऐसी है जहां से भाजपा के उम्मीदवार दो बार हैट-ट्रिक लगा चुके हैं। पहली बार 1991 से 1999 के बीच देवी बक्स सिंह और दोबारा 2014 से 2024 बीच साक्षी महाराज ने कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल करते हुए हैट-ट्रिक लगाई है। इसके बाद भी उन्हें मंत्रिमंडल में हिस्सा नहीं मिला। जिसे देखते हुए जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा हैं। लोगों ने उन्हें मंत्री परिषद में शामिल करने की मांग की है।
अब तक सिर्फ जिले से जियाउर्रहमान अंसारी को मिला है
लखनऊ और कानपुर के बीच स्थित कलम और तलवार की धरती साहित्य नगरी उन्नाव से अब तक सिर्फ एक सांसद ही केंद्र सरकार में मंत्री बन पाया है। देश के पांच सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र में शामिल उन्नाव 33 लोकसभा सीट से पूर्व सांसद जियाउर्रहमान अंसारी ही जिले से एकमात्र ऐसे सांसद हैं जिन्हें केंद्र सरकार में दो बार मंत्री बनाया गया था। 1971 में वह केंद्र सरकार में उपराज्यमंत्री और 1984 में उद्योग उपराज्य मंत्री बनाए गए थे। उन्नाव जिले से तीन बार सांसद चुने गए जियाउर्रहमान अंसारी को केंद्र सरकार में कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
छात्र राजनीति में सक्रिय रहने वाले जियाउर्रहमान अंसारी ने 1971 में कांग्रेस पार्टी से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने 59 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे जियाउर्रहमान को सरकार ने अपने मंत्रीमंडल में स्थान दिया था। 1973 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की सरकार में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। 1984 में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और बाद में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया था। वह यूपी छात्र कांग्रेस के सदस्य भी रहे। जियाउर्रहमान अंसारी के बाद किसी भी सांसद के केंद्र सरकार मे मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। इनमें वह सांसद भी शामिल हैं जिन्होंने दो बार या इससे अधिक बार जीत दर्ज करने वाले सांसद भी शामिल हैं।