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Unnao News: 45 दिनों में 453 लोगों में टीबी की पुष्टि, पांच की हुई मौत
Unnao News: जिले में 453 लोग सर्दी, जुकाम, खांसी मानकर लगातार अपना इलाज करा रहे थे। लेकिन डॉक्टरों ने जब उनके बलगम जांच कराई तो टीबी की पुष्टि हुई।
Unnao News: सामान्य वायरल मानकर इलाज में लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है। जिले में 453 लोग सर्दी, जुकाम, खांसी मानकर लगातार अपना इलाज करा रहे थे। लेकिन डॉक्टरों ने जब उनके बलगम जांच कराई तो टीबी की पुष्टि हुई। इनमें से पांच पीड़ित मरीजों की मौत भी हो गई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आया और चिकित्सकों ने लापरवाही न बरतने की सलाह दी है। पिछले 45 दिन में जिले के 453 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
बड़ी बात यह रही कि लोग मामूली सर्दी, जुकाम, खांसी मानकर अपना इलाज करा रहे थे। काफी दिनों तक इलाज कराने के बाद भी जब लाभ नहीं मिला तो चिकित्सक ने बलगम की जांच कराई। जिसमें टीबी की पुष्टि हुई। अब इन मरीजों का इलाज जिला क्षय नियंत्रण कार्यालय में शुरू कर दिया गया है। साल 2023 में 237 लोग टीबी की चपेट में आकर दस लोग दम तोड़ चुके हैं। जिले में टीबी के कुल 3900 मरीज चिन्हित हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं पिछले साल 6200 मरीजों ने क्षय रोग को मात दी है।
सात दिन से अधिक खांसी तो कराएं जांच
डॉक्टरों के अनुसार लोग खांसी और जुकाम समझकर जांच नहीं कराते हैं। जबकि सात दिन से अधिक खांसी आने पर जांच करा लेनी चाहिए। मरीजों की लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। टीबी उन्मूलन के तहत लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।
टीबी के लक्षण
बलगम में खून आना, वजन कम होना, रात में पसीना आना, गले में गांठ होना। अगर यह लक्षण नजर आएं तो समय रहते जांच जरूर करायें।
टीबी रोगियों के इलाज पर एक नजर
सामान्य क्षय रोगियों को छह माह तक इलाज की जरूरत होती है। वहीं एमडीआर (गंभीर) मरीजों का नौ से 11 माह तक और (एक्सडीआर) अति गंभीर क्षय रोगियों का इलाज निशुल्क किया जाता है। इसके साथ ही मरीज को पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। इसके अलावा पोषण पोटली भी दी जाती है।