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Unnao: महज 45 दिनों में 549 लोगों में टीबी की पुष्टि, 5 की मौत...मरीजों की संख्या में कमी, बावजूद टेंशन बढ़ी

Unnao News: उप क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार लोग खासी और जुकाम समझ कर जांच नहीं कराते हैं। जबकि सात दिन से अधिक खांसी आने पर जांच करा लेनी चाहिए।

Shaban Malik
Published on: 17 Feb 2024 8:39 PM IST
TB Patients in Unnao
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

TB Patients in Unnao: भारत में टीबी के मामले विश्व में सबसे अधिक हैं। हालांकि, देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए टेस्ट व ट्रीट (Taste and Treat) के साथ ही पोषण के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही हैं। इसके बावजूद उन्नाव जिले में नए रोगी स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाए हुए हैं।

वर्ष 2024 में जिले में मात्र 45 दिनों में 549 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। खांसी, बुखार, जुकाम मानकर लोग इलाज करा रहे थे। जब जांच हुई तो टीबी की पुष्टि हुई। सभी रोगियों का इलाज चल रहा है। उनका नियमित फॉलोअप भी लिया जा रहा है।

मरीजों की संख्या में कमी, बावजूद टेंशन बढ़ी

डॉक्टरों के अनुसार लोग खासी और जुकाम समझ कर जांच नहीं कराते हैं। जबकि, सात दिन से अधिक खांसी आने पर जांच करा लेनी चाहिए। इन मरीजों में लापरवाही सामने आई है। टीबी उन्मूलन के तहत लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सत्य प्रकाश (CMO Satya Prakash) ने बताया कि, टीवी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। पिछले वर्ष 2023 में जनवरी से 17 फरवरी के बीच में 943 मरीज चिन्हित किया गए थे। वहीं, इस वर्ष उसी अवधि में 549 मरीज चिन्हित किया गए हैं। इस बार मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। पिछले वर्ष 2023 में टीवी से 26 मरीजों की मृत्यु हुई थी इस वर्ष 2024 में सिर्फ पांच लोगों की मृत्यु हुई है। पिछले साल बाद से टीवी के मरीजों की संख्या कम हुई है। इस साल डेढ़ गुना ज्यादा जांचें हुई है।

बलगम जांच कराई तो टीबी की पुष्टि

बता दें कि, उन्नाव जिले में 549 लोग सर्दी, जुकाम, खांसी, मानकर अपना इलाज करा रहे थे। डॉक्टर ने जब उनके बलगम जांच कराई तो टीबी की पुष्टि हुई। इनमें से पांच टीबी पीड़ित मरीजों की मौत भी हो गई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आया। चिकित्सक ने लापरवाही न बरतने की सलाह दी। इस सभी टीवी मरीजों का इलाज जिला क्षय नियंत्रण कार्यालय में शुरू कर दिया गया है। साल 2023 में जनवरी से 17 फरवरी के बीच में 943 मरीज चिन्हित किया गए थे। जिसमे टीवी से 26 मरीजों की मृत्यु हुई थी।

549 मरीजों में टीवी की पुष्टि, 5 की मौत

इस वर्ष 2024 में 549 मरीजों में टीवी की पुष्टि हुई है और सिर्फ पांच लोगों की अब तक मृत्यु हुई है। वर्ष 2023 में जनवरी से 17 फरवरी तक 2115 लोगों की माइक्रोस्कोप हुई थी। इस इस वर्ष 2024 मे जनवरी से 17 फरवरी तक 2937 लोगों की माइक्रोस्कोप हुई है, जिसमे 549 मरीजों में टीवी की पुष्टि हुई है। पांच लोगों की मौत भी हुई।

डॉक्टरों ने दी ये सलाह

हालांकि, जिले में जिला क्षय नियंत्रण विभाग की ओर से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। उप क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार, 'लोग खांसी और जुकाम समझ कर जांच नहीं कराते हैं। जबकि, सात दिन से अधिक खांसी आने पर जांच करा लेनी चाहिए। जिसे भी दो सप्ताह से ऊपर खांसी आ रही है, बुखार आ रहा है, खांसी में खून आ रहा है। भूख नहीं लगती वजन कम हो रहा है। ऐसे मरीजों को टीबी की जांच करानी चाहिए। इन मरीजों में लापरवाही सामने आई है। टीबी उन्मूलन के तहत लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

ये लक्षण दिखाई दें तो हो जाएं सजग

उप क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार लोग खासी और जुकाम समझ कर जांच नहीं कराते हैं। जबकि सात दिन से अधिक खांसी आने पर जांच करा लेनी चाहिए। 2 सप्ताह से ऊपर खांसी आ रही है बुखार आ रहा है, खांसी में खून आ रहा है। भूख नहीं लगती वजन कम हो रहा है। ऐसे मरीजों को टीवी की जांच करानी चाहिए। अगर इन मरीजों में लापरवाही सामने आई है। टीबी उन्मूलन के तहत लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

टीबी रोगियों के इलाज पर एक नजर...

डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि सामान्य क्षय रोगियों को छह माह तक इलाज की जरूरत होती है। वहीं, एमडीआर (गंभीर) मरीजों का नौ से 11 माह तक इसके साथ ही (एक्सडीआर) अति गंभीर क्षय रोगियों का इलाज निशुल्क है। पोषण के लिए मिलता है 500 रुपये प्रतिमाह। सरकार की ओर से टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए दिया जाता है। इसके अलावा पोषण पोटली भी दी जाती है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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