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Weather effect on Farmers: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के सपने चकनाचूर, अब सरकारी मदद का ही भरोसा
Weather effect on UP Farmers: उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण गेहूं, चना, जौ आदि की खड़ी फसलों, आम के बौर और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
Weather effect on UP Farmers: हमारी थालियों में 'भोजन' पहुंचाने वाला किसान सिसक रहा है। किसी ने फसल बेचकर बेटी की शादी के सपने देखे थे तो किसी को अंग्रेजी स्कूल में बेटे का एडमिशन कराना था। कोई घर बनवाना चाहता था तो कोई फसल बेचकर अपने बुजुर्ग माता-पिता को तीर्थयात्रा पर ले जाने की ख्वाहिश रखता था। लेकिन एक झटके में उसके सारे सपने टूट गये हैं। बेमौसम बारिश ने अन्नदाता की उम्मीदों पर ओलावृष्टि कर दी है। खेतों में खड़ी फसलें चटाई की तरह बिछ गई हैं। असमय बारिश ने एक बार फिर किसानों की बेबसी को उजागर किया है। परिवार चलाने के लिए अब उसे सरकारी मदद का ही भरोसा है।
देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण गेहूं, चना, जौ आदि मौसम की खड़ी फसलों, आम के बौर और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश के रायसेन और उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में किसान ने फसल की बर्बादी देखकर जान दे दी। बड़ी संख्या में किसान सदमे में हैं।
छलका किसानों का दर्द
अलीगढ़ जनपद के थाना बरला क्षेत्र के गांव अलहलादपुर निवासी किसान प्रेमकिशोर न्यूजट्रैक से बात करते हुए रुआंसे हो जाते हैं। वह बताते हैं कि उसकी खेतों में खड़ी 18 बीघा गेहूं की फसल बेमौसम बारिश में बर्बाद हो गई है। अब बेटी की शादी कैसे होगी? कहते हैं कि बैशाख में बिटिया की शादी होनी थी। बाराबंकी के जवाहर सदमे से नहीं उबर पा रहे हैं। उनका कहना है कि लोन के पैसों से फसल खड़ी की थी, ताकि लखनऊ में बेटे का एडमिशन करा सकूं। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के किसानों से बात करने पर उनका दर्द सामने आया है। अब सभी को सरकार से उचित मदद की आस है।
महोबा: फसल बर्बाद होने से किसान की सदमे से मौत
महोबा जनपद के कबरई थाना क्षेत्र अंतर्गत मकरबई गांव में रहने वाले किसान शिवनाथ पुत्र कल्लू की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक वह बारिश व ओलावृष्टि से चौपट हुई फसल को देखकर सदमे में आ गये थे। परिवार के लोग बताते हैं कि मृतक ने अपनी पुत्री कुंती के विवाह के लिए बैंक से ग्रीन कार्ड पर 1लाख और साहूकारों से भी तकरीबन 1 लाख का कर्ज ले रखा था। बीती एक मार्च को उसने अपनी पुत्री का विवाह शादी की थी। उसे उम्मीद थी कि फसल बेचकर वह कर्ज तो चुका ही देगा, साथ ही बेटी की शादी भी धूमधाम से कर सकेगा।
जिलों में फसलों को भारी नुकसान
उत्तर प्रदेश के वैसे तो 50 से अधिक जिलों में बारिश से किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है लेकिन कई जिलों में 70 फीसदी तक फसलों का नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी फसलों के हुए नुकसान का आकलन राज्य द्वारा नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने के निर्देश दिये हैं। वहीं, राहत आयुक्त ने भी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। खासकर उन किसानों के लिए सरकार की मदद काफी मायने रखती है जिन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नहीं ली थी।
पहले भी खराब हुई थी फसल
इंडिया एटलस ऑन वेदर डिजास्टर्स के मुताबिक, इससे पहले जनवरी-फरवरी में खराब मौसम के कारण देश की 3,90,000 हजार हेक्टेअर में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ था।
आज भी आंधी-बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने बुधवार को भी उत्तर प्रदेश के 57 जिलों में बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। वहीं, भारी बारिश और आंधी को लेकर नौ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुर्खाबाद, बाराबंकी हैं। मौसम विभाग के अलर्ट ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।