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UNTIL YOU COME HOME: सैनिकों- परिवार के भावनात्मक ज्वार की तस्वीर
देश के जवान सीमाओं की रखवाली में दुरूह परिस्थितियों का सामना करते हैं। 'अन्टिल यू कम होम' पुस्तक प्रेम और देश भक्ति की भावनाओं को अपने अंदर समेटे उन्हीं सैनिकों और उनके परिवार पर गुजरने वाले भावनात्मक ज्वार की तस्वीर उकेरती है। पुस्तक में शहीद होने वाले और युद्ध के मोर्चे पर कठिन स्थितियों में फंसे दो नायकों की लव स्टोरी को आपस में पिरोया गया है।
लखनऊ: देश के जवान सीमाओं की रखवाली में दुरूह परिस्थितियों का सामना करते हैं। 'अन्टिल यू कम होम' पुस्तक प्रेम और देश भक्ति की भावनाओं को अपने अंदर समेटे उन्हीं सैनिकों और उनके परिवार पर गुजरने वाले भावनात्मक ज्वार की तस्वीर उकेरती है। पुस्तक में शहीद होने वाले और युद्ध के मोर्चे पर कठिन स्थितियों में फंसे दो नायकों की लव स्टोरी को आपस में पिरोया गया है।
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पहली स्टोरी कैप्टन उदय और जया की है। उदय 1962 में चीन के हमले में 'ला पास' की रक्षा के दौरान वीरगति को प्राप्त होते हैं। जिसकी वजह से उनका प्यार अधूरा रह जाता है। दूसरे पात्र मेजर देव और मृणालिनी हैं जो कारगिल अभियान के दौरान कठिन परिस्थितियों में फंस जाते हैं। यह अलग बात है कि वह युद्ध के मोर्चे से वापस लौट आते हैं। पर वैसी ही पीड़ा की दौर से मृणालिनी भी गुजरती है। जिस पीड़ा के दौर से जया गुजरी। पुस्तक में उदय और जया की कहानी देव व मृणालिनी की कहानी के ताने-बाने में गहराई से गूंथी गई है। ये दोनों कहानियां साथ-साथ चलती हैं और अक्सर आपस में घुल मिल जाती हैं।
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पुस्तक में सैन्य जीवन की दुश्वारियों को सूक्ष्मता से इस तरह रेखांकित किया गया है कि पाठक के जेहन में 'ला पास' को लेकर हुए संघर्ष की स्मृतियां ताजा हो जाती हैं। सैन्य कर्मियों की पत्नियों और परिजनों द्वारा झेली जाने वाली कठिनाइयों की तस्वीर जीवंत हो उठती है।
पुस्तक की लेखिका मृदुला बाजपेई का कविता के प्रति प्रेम भी झलकता है। उनकी अभिव्यक्ति अक्सर कविता के रूप में उमड़ पड़ती है। जब वे जया की पीड़ा बयान करती हैं तो उनकी भाषा बेहद सटीक रहती है। जया का भले ही सेना के एक अधिकारी के साथ विवाह हो जाता है, लेकिन वह तब भी अपने पहले प्रेमी कैप्टन उदय की स्मृतियों में खोई रहती हैं। सामाजिक परम्पराएं उसे उदय के प्रति अपनी भावनाओं की गहराई को व्यक्त करने से रोकती हैं, लेकिन कोई बंधन उसे उदय के प्रेम की खट्टी—मीठी स्मृतियों को याद करने से नहीं रोक पाता है। लेखिका की भाषा साधारण और संयत है।
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