Agra : पत्नी ने पति की याद में बनवाया मकबरा, लोगों ने नाम दिया 'लाल ताजमहल', ASI करता है संरक्षण

Agra: भगवान टॉकीज चौराहा महात्मा गांधी मार्ग के नजदीक बने इस ऐतिहासिक मकबरे को आर सी सेमेट्री के नाम से जाना जाता है। मकबरे की इमारत हूबहू ताज़महल की नकल है।

Rahul Singh
Published on: 17 Sep 2022 7:30 AM GMT
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आगरा स्थित ताजमहल की कॉपी मकबरा (न्यूज नेटवर्क)

Agra Story: आगरा का ताजमहल विश्व प्रसिद्ध है। कहा जाता है, कि मुग़ल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। लेकिन इस खबर के जरिये हम आपको बताने जा रहे है, एक ऐसे मकबरे की कहानी जिसे एक पत्नी ने अपने पति की याद में बनवाया था। देखने मे ये मकबरा ताजमहल की नकल लगता है। भगवान टॉकीज चौराहा महात्मा गांधी मार्ग के नजदीक बने इस ऐतिहासिक मकबरे को आर सी सेमेट्री के नाम से जाना जाता है।

मकबरे की इमारत हूबहू ताज़महल की नकल लगती है। बस अंतर यही नजर आता है, कि ये मकबरा लाल पत्थरों से बना और इसका आकार ताजमहल से कम है। उस दौर में इस मकबरे को बनाने में करीब 1 लाख रुपये का खर्चा आया था। इसे आगरा का सबसे पुराना कब्रिस्तान भी कहा जाता है। इस मकबरे में कर्नल जॉन विलियम हेसिंग का मकबरा बना हुआ है। 1611 में कर्नल जॉन विलियम हेसिंग की पत्नी वेनी ने इस मकबरे का निर्माण करवाया था।

अकबर के पीरियड में रोमन कैथोलिक चर्च और ग्रेव बनाने के लिए दान किया किया गया था। देश के क्रिश्चियन लोगो की कब्र बनी हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण पुरातत्व विद ने बताया कि आर सी सेमेट्री में सबसे पहली ग्रेव कर्नल जॉन हेसिंग की 1611 में बनी थी । कर्नल जॉन हैसिंग की कब्र ताजमहल के निर्माण के काफी बाद बनी है । उसका आर्किटेक्चर कुछ लोग ऐसा मानते हैं । देखने में ऐसा लगता भी है कि वह ताजमहल के आर्किटेक्चर से प्रेरित है ।

पुरानी कब्रो के संरक्षण के लिए ए एस आई ने जारी किया बजट , सबसे पहले प्रमुख कब्रो का किया जाएगा संरक्षण कैथोलिक चर्च में बनी पुरानी कब्रो का संरक्षण करने के लिए योजना तैयार की गई है । कई जगहों पर घास उग गई है । कब्रो से प्लास्टर उखड़ गए है । चुनी गई कुछ कब्रो की मरम्मत की जाएगी । इसके लिए बजट पास हो चुका है । बड़ी कब्रो को संरक्षित करने के लिए बीम कॉलम और पिलर का निर्माण भी किया जाएगा।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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