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संविदा लेबर रखने को एफसीआर मजदूर संघ ने दी चुनौती

Rishi
Published on: 9 May 2017 9:25 PM IST
संविदा लेबर रखने को एफसीआर मजदूर संघ ने दी चुनौती
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इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय खाद्य निगम मजदूर संघ की याचिका पर केन्द्र सरकार को नियमित कर्मियों का वेतनमान घटाकर संविदा लेबर रखने की मूल पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया है, और पूछा है कि ऐसी क्या जरूरत थी, कि वेतन घटाकर संविदा कर्मी रखने पड़े। और क्या इस कटौती से उद्देश्य की पूर्ति हो सकी। कोर्ट ने 23 मई को हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित की खण्डपीठ ने दिया है। मजदूर यूनियन ने 6 जुलाई 16 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। याची का कहना है कि संविदा कर्मियों की नियुक्ति की आवश्यकता नहीं है। केन्द्र सरकार ने धारा 31 के तहत संविदा श्रमिक रखने की छूट दी जिस पर कांट्रैक्ट को लाइसेंस दिया गया।

कोर्ट ने कहा कि धारा 31 का प्रयोग इमरजेंसी आने पर किया जाता है तो एफसीआई की क्या इमरजेंसी थी। जिसके चलते संविदा लेबर रखना पड़ा। वह भी नियमित कर्मियों के वेतन बैण्ड में कमी कर। यह विवाद 1989 से 2011 के बीच का है। कोर्ट ने कहा कि आपात स्थिति में दो साल के लिए संविदा लेबर रखने की छूट है। इसलिए मूल पत्रावली पेश किया जाए। सुनवाई 23 को होगी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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