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UP Assembly Budget Session: उच्च सदन में याद किए गए लता मंगेशकर और अहमद हसन

UP Assembly Budget Session: सदन ने आज पूर्व सदस्य दाऊजी गुप्ता, वीना दुग्गल, चन्द्र प्रताप सिंह और स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 23 May 2022 8:12 PM IST
UP Assembly Budget Session: उच्च सदन में याद किए गए लता मंगेशकर और अहमद हसन
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याद किए गए लता मंगेशकर और अहमद हसन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

UP Assembly Budget Session: विधान परिषद में आज का नज़ारा खासा बदला रहा। जहां नेता सदन की दायित्व संभाल रहे थे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष एवं जलशक्ति मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh), वहीं नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर थे- संजय लाठर (Sanjay Lathar)। सदन में दशकों बाद एक पिता-पुत्र की जोड़ी भी थी। पिता यशवन्त सिंह और निर्दलीय जीतकर आये उनके पुत्र विक्रान्त सिंह रेशू। पहली बार सदन में जनसत्ता दल की आमद हुयी। सदन ने आज पूर्व सदस्य दाऊजी गुप्ता (Dauji Gupta), वीना दुग्गल (Veena Duggal), चन्द्र प्रताप सिंह (Chandrapratap Singh) और स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को श्रद्धांजलि अर्पित की।

नेता सदन स्वतन्त्र देव सिंह ने सदन के सदस्य रहे नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन का शोक प्रस्ताव रखा गया जिस पर सम्पूर्ण सदन ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और सदन की कार्यवाही को सभापति ने कल तक के लिए स्थगित कर दिया।

सभापति की अध्यक्षता में शुरू हुई कार्यवाही

विधान परिषद की कार्यवाही साढे़ बारह बजे सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में शुरू हुई। कार्यवाही की शुरूआत वन्दे मातरम् से हुई। इसके बाद सभापति ने कार्य परामर्शदात्री समिति की संस्तुति सदन के पटल पर रखी। आज 23 मई को समवेत सदन के बाद राज्यपाल का अभिभाषण पढ़कर सुनाया जाना तथा निधन के निदेश व शोक प्रस्ताव। 24 मई को औपचारिक कार्य यथा अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों आदि का सदन की मेज पर रखाा जाना, विधेयकों का पुरःस्थापन आदि यदि कोई हो तो तथा राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। 25 मई को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा। 26 मई को 11 बजे वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक का प्रस्तुतीकरण होगा। प्रश्न प्रहर नहीं होगा। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और विधाई कार्य होंगे।

27 मई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और विधाई कार्य होंगे। 28 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा होगी। 29 को बैठक नहीं होगी। 30 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा और 31 को भी वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा होगी तथा सायं चार बजे उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2022 जैसा विधान सभा द्वारा पारित होगा पर विचार एवं उसका पारण होगा। इसके बाद सभापति ने राज्यपाल के अभिभाषण को सदन में प्रतिवेदिन किया। सभापति ने सदन में दाऊजी गुप्ता, वीना दुग्गल, चन्द्र प्रताप सिंह यादव और स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन की सूचना दी। सदन ने चारों को अलग-अलग मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

अहमद हसन के निधन पर शोक प्रस्ताव किया गया प्रस्तुत

इसके बाद नेता सदन स्वतन्त्र देव सिंह ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे अहमद हसन (Ahmed Hasan) के निधन पर शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। नेता सदन ने कहा कि अहमद हसन सदन के बहुत वरिष्ठ सदस्य थे। यह उनका पांचवां कार्यकाल था। वे नेता सदन, मंत्रिमण्डल के सदस्य के रूप मे और नेता प्रतिपक्ष के रूप में रहे। उनका चाहे राजनीतिक जीवन रहा हो, प्रशासनिक जीवन अथवा सार्वजनिक जीवन उन्होंने पूरी निष्ठा से जिया। वे निर्विवाद और ईमानदार राजनेता व अधिकारी रहे।

नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर ने अहमद हसन के व्यवक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे जिस भी पद पर रहे उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी। अल्पसंख्यक आयोग में रहे तो उसे कानूनी दर्जा दिलवाया। आज जो एम्बुलेन्स व्यवस्था चल रही उसकी परिकल्पना अहमद हसन की ही थी। इसी तरह जब बेसिक शिक्षा मंत्री थे तो बच्चों को पुस्तक, जूते-मोजे आदि देने की भी उन्होंने ही शुरूआत की थी। बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी उन्होंने ही पहल की थी। वे ईमानदार, धर्मनिरपेक्ष और मिलनसार शख्सियत थे। लगातार सदन में शानदार उपस्थिति रही। हमेशा हर मुद्दे पर मुखरित होकर अपनी बात रखते थे।

बहुजन समाज पार्टी के नेता दिनेश चन्द्रा ने कहा कि अहमद हसन विशाल व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे पक्ष-विपक्ष से दलगत राजनीति से कहीं ऊपर उठकर लोगों से मिलते थे और नये सदस्यों को सम्मान देते थे। कांग्रेस के नेता दीपक सिंह ने कहा कि अहमद हसन एक पूरी पाठशाला थे। वे सदन की मर्यादा को लेकर चिंतित रहते थे।परिवार और पार्टी के प्रति बहुत चिंतित रहते थे।

नेता जनसत्ता दल अक्षय प्रताप सिंह ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि ऐसे नेता कम ही होते हैं जो सभी को एक समान समझते है। शिक्षक दल के नेता सुरेश त्रिपाठी ने कहा कि अहमद हसन प्रशासनिक और राजनीतिक जीवन में पूरी तरह से निर्विवाद रहे। अपनी बात को वह पूरी बेबाकी से कहते थे। उनका कार्यकाल याद करने लायक रहा। नेता निर्दलीय समूह राज बहादुर सिंह चन्देल ने कहा कि अहमद हसन सभी का सम्मान करते थे चाहे वह छोटा अथवा बड़ा।

ऊर्जा मंत्री अरविन्द शर्मा ने कहा कि मैं उन्हें एक गाइड के रूप में देखा करता था। वे बड़े विनम्र थे और उनमें दृढ़ता भी थी। देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनका जीवन शीशे की तरह पारदर्शी था। वे जैसे अन्दर थे वैसे ही बाहर थे। निष्पाप और निष्कलंक। उनमें अहंकार नाम की चीज ही नहीं थी। उनकी विनम्रता, सहजता, सरलता गंगा की तरह अविरल थी। उन्होंने एक वाकया सुनाते हुए कि कहा कि पुलिस बलों के लिए उनका जीवन अनुकरणीय है। उनकी शासकीय शैली से सीख लें।

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Shreya

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