UP Assembly Elections 2022: गठबंधन को लेकर नाउम्मीद Aam Aadmi Party, अपने दम पर चुनाव में उतरने को तैयार

यूपी में AAP अभी गठबंधन की सम्भावनाओं को टटोल रही है पर उम्मीद है कि पार्टी अपने दम पर ही चुनाव मैदान में उतरेगी।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Ashiki
Published on: 9 July 2021 1:22 PM GMT
UP Assembly Elections 2022: गठबंधन को लेकर नाउम्मीद Aam Aadmi Party, अपने दम पर चुनाव में उतरने को तैयार
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पड़ोसी राज्य दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ उतरेगी। पार्टी अभी गठबंधन की सम्भावनाओं को टटोल रही है पर उम्मीद इस बात की है कि आम आदमी पार्टी अपने दम पर ही चुनाव मैदान में उतरेगी।

दरअसल, पार्टी का सगठनात्मक ढांचा अन्य छोटे दलों के मुकाबले पूरे प्रदेश में मजबूत है। प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद जब नगर निकाय के चुनाव हुए थें तो आम आदमी पार्टी ने नगर निगम पार्षद की तीन, नगर पंचायत अध्यक्ष की दो नगर पंचायत सदस्य की 18 और नगर पालिका परिषद सदस्य की 13 सीटों पर दर्ज की थी।

जहां तक 2014 में लोकसभा चुनाव की बात है तो दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराने के बाद बेहद उत्साहित अरविन्द केजरीवाल वाराणसी में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडने उतरे थे। लोकसभा के इस चुनाव में इलाहाबाद में आदर्श शास्त्री, मैनपुरी में पीसीएस संघ के अध्यक्ष रहे बाबा हरदेव सिंह, गाजियाबाद में शाजिया इल्मी, गोरखपुर में पूर्व कुलपति प्रोफेसर राधेमोहन मिश्र, जौनपुर में डॉ. केपी यादव जैसे कई खास उम्मीदवारों ने दस्तक दी लेकिन, कारगर नतीजा नहीं निकला। पर, इतना जरूर था कि आप उम्मीदवारों ने चुनाव को रोमांचक बना दिया था।


लखनऊ से अमेठी तक की पहली यात्रा में कुमार विश्वास के स्वागत में जनता सड़कों पर उमड़ आई थी, लेकिन मोदी की लहर में सब ध्वस्त हो गया। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने कुछ सीटों सहारनपुर. गौतमबुद्ध नगर और अलीगढ में ही अपने उम्मीदवार उतारे थे।

आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह लगातार यूपी में प्रवास कर पार्टी को मजबूत दिशा में काम कर रहे हैं। उनके निशाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही रहते हैं। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह उत्तर प्रदेश में बिकरू काण्ड के बाद बेहद सक्रिय हुए हैं। प्रदेश में भ्रष्ट्राचार के कई मामले आम आदमी पार्टी के प्रभारी उठा चुके है। वह ब्राम्हणों की हत्याओं को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर रहते हैं। प्रदेश में किसी भी घटना के होने के बाद सबसे पहले आम आदमी पार्टी ही आंदोलन की भूमिका में दिखाई पड़ती है।


इसके पहले संजय सिंह कह चुके हैं कि उनकी पार्टी भाजपा को हराने के लिए किसी भी गठबंधन को अपना समर्थन देने को तैयार है। उन्होंने कहा था कि यूपी में अगर सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन बनता है तो आम आदमी पार्टी उसे समर्थन करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि यूपी ने अबतक गंदी राजनीति देखी है। ऐसे में अब उसे नया मौका मिलना चाहिए। देश के सबसे बड़े राज्य में अच्छी सुविधाएं क्यों नहीं हो सकती हैं। वह चाहते है कि यूपी में भी मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी मिलना चाहिए। केजरीवाल की इस घोषणा का उन्हे विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है।

2022 के विधानसभा चुनाव में उतरने से भाजपा को कितना नफा-नुकसान होगा। इसका अनुमान लगाना तो अभी मुश्किल है पर इतना तय है कि आप के आने से इस चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।

Ashiki

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