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UP Assembly Elections 2022: चुनाव की तैयारियों में जुटी योगी सरकार, होने लगे दनादन फैसले

उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ सात महीने ही बचे हैं विधानसभा चुनाव के लिए जिसको देखते हुए योगी सरकार अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को खुश करने में जुट गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 17 Jun 2021 6:16 PM IST
UP Assembly Elections 2022: चुनाव की तैयारियों में जुटी योगी सरकार, होने लगे दनादन फैसले
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UP Assembly Elections 2022: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। जिसके लिए योगी सरकार की तरफ से एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं का उत्साह और मनोबल बढ़ाने के लिए बीजेपी नेतृत्व ने कई मोर्चों पर कार्य तेज कर दिया है। योगी सरकार ने निगम, आयोग, बोर्ड व निकायों के रिक्त पदों पर राजनीतिक तैनाती का काम शुरू कर दिया। वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कोरोना पीड़ित कार्यकर्ताओं के घरों तक पहुंचकर उनके दर्द को कम करने के लिए संवेदनाएं जताने में जुटे हैं।

होने लगीं राजनीतिक नियुक्तियां

उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ सात महीने ही बचे हैं विधानसभा चुनाव के लिए जिसको देखते हुए योगी सरकार अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को खुश करने में जुट गई है। बुधवार को यूपी में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के अलावा 12 सदस्यों को नामित करके कार्यकर्ताओं के असंतोष को खत्म करने का प्रयास किया गया है। एससी-एसटी आयोग में बीजेपी ने क्षेत्रीय और जातीय वर्ग का संतुलन बनाने की पूरी कवायद की है, जिसमें जाटव से लेकर पासी और कोरी समुदाय तक को जगह दी गई है।

योगी सरकार ऐसे ही सूबे में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अल्पसंख्यक व महिला आयोग आदि के अलावा विभिन्न विभागों में निगमों, बोर्डों व समितियों में भी कार्यकर्ताओं को समायोजित करने की कोशिश में है। सरकारी पदों पर नियुक्तियों के लिए जिलों से नाम मंगाए गए है, जिसमें जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के साथ नए-पुराने कार्यकर्ताओं का संतुलन बनाने की कोशिश है। इस तरह बीजेपी चुनाव से पहले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्साह और मनोबल को बढ़ाना चाहती है।

शिक्षकों की नाराजगी को दूर करने में जुटी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में प्राइमरी और जूनियर शिक्षक बड़ी तादाद में है, जो सत्ता बनाने और बिगाड़े की ताकत रखते हैं। पिछले दिनों कोरोना काल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने के दौरान संक्रमित हो जाने के चलते बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हो गई थी। ऐसे में शिक्षकों की नाराजगी को देखते हुए योगी सरकार डमैज कन्ट्रोल में जुट गई है। मरने वाले शिक्षक के परिवारों को 30-30 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया।

शिक्षकों की नाराजगी को दूर करने में जुटी योगी सरकार: : फोटो- सोशल मीडिया

योगी सरकार ने प्रदेश के शिक्षक अभ्यीर्थियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए UPTET सर्टिफिकेट की वैधता को आजीवन करने का निर्णय लिया है। शिक्षक भर्ती के संबंध में योगी सरकार का यह फैसला डैमेज कन्ट्रोल के तौर पर देख जा रहा है। आदेश जारी होने के बाद, परीक्षा में एक बार क्वा लिफाई हुए उम्मीेदवारों को बार-बार परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी जबकि अभी तक UPTET प्रमाणपत्र केवल 5 वर्षों तक के लिए मान्यई होता था। प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए शिक्षक भर्ती के लिए प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है।

अब कोरोना पीड़ित परिवारों के घर तक जा रहे हैं बीजेपी नेता

आने वाले चुनाव को देखते हुए कोरोना पीड़ित परिवार से मिलने का सिलसिला बीजेपी ने शुरू किया है, जिसके जरिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सांसद, विधायक और संगठन के बड़े नेता घर-घर जा रहे हैं। पीड़ित परिवार का दुख दर्द बयां कर रहे हैं और अव्यवस्था के लिए यह बताया जा रहा है कि केंद्र की मोदी और योगी सरकार ने अपने हर संभव कोशिश की है जबकि इसके अलावा कोई दूसरी सरकार होती तो हालत काफी खराब होते।

कोरोना पीड़ित परिवारों के घर तक जा रहे हैं बीजेपी नेता : फोटो- सोशल मीडिया


बीजेपी मोर्चा प्रकोष्ठों के गठन में जुटी

भारतीय जनता युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक मोर्चा के अलावा संगठन के विभिन्न विभागों व प्रकोष्ठों में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को समायोजित किया जाएगा। इस तरह से पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह देकर उनके हौसले को बढ़ाना चाहती है ताकि 2022 की चुनावी जंग को फतह किया जा सके। कुल मिलकर अब उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी वाली योगी सरकार अब पूरी तरह से पिछले चार साल के डैमेज कंट्रोल में जुट गयी है।



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