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Lift and Escalator Bill: अब रोकेंगे यूपी में लिफ्ट हादसे, विधानसभा से लिफ्ट एक्ट-2024 पास, लागू हुए ये नियम

Lift and Escalator Bill: बीते शुक्रवार को विधानसभा में सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट पेश किया। इस एक्ट पर सदन के पूरे सदस्यों ने सर्वसम्मति स्थापित किया और एक्ट पास हो गया।

Viren Singh
Published on: 10 Feb 2024 1:16 PM IST
Lift and Escalator Bill
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Lift and Escalator Bill (सोशल मीडिया) 

Lift and Escalator Bill-2024: अगर उत्तर प्रदेश में घर को छोड़कर अन्य किसी जगहों पर लिफ्ट या एस्केलेटर बिना सरकार के अनुमित के लगवाता है, तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होगी। बीते कुछ सालों में राज्य में लगातार लिफ्ट में बढ़े हादसे को रोकने के लिए लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट-2024 लेकर आई। योगी सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट को पास करा लिया। इसके बाद यह एक्ट राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, वहां से मोहर लगने के बाद यूपी में लिफ्ट एंड एस्केलेटर पर कानून बन जाएगा, जिसकी प्रतीक्षा बीते कई वर्षों से की जा रही थी। इस एक्ट के अनुसार, घरेलू लिफ्ट को छोड़कर बाकी सभी स्थान पर लिफ्ट ऑपरेटर रखना अनिवार्य हो गया है।

ऊर्जा मंत्री ने पेश किया एक्ट

बीते शुक्रवार को विधानसभा में सरकार के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट पेश किया। इस एक्ट पर सदन के पूरे सदस्यों ने सर्वसम्मति स्थापित किया और एक्ट पास हो गया। एक्ट के मुताबिक, अब राज्य में किसी भी बहुमंजिला बिल्डिंग या इमारत पर लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए इजाजत लेनी होगी। साथ ही, विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो गया है। लिफ्ट या एस्केलेटर लगने के बाद सरकार की ओर से एक टीम मुआयना करने आएगी, जो कि पहले नहीं होता था। ऑडिट में काफी शर्ते होंगी, जिसको मानना लिफ्ट या एस्केलेटर के मालिक को अनिवार्य होगा।

इन नियमों को पालन करना होगा अनिवार्य

अब सारी लिफ्टें में ऑटो रेस्क्यू डिवाइस से लैस होंगी,ताकि बिजली या फिर तकनीकी खराबी होने पर लिफ्ट का दरवाज नजदीकि फ्लोर में आकर अपने आप रोक जाए। इसके अलावा थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य होगा, जिससे कोई हादसा हो तो पीड़ित को मुआवजा मिले सके। लिफ्ट या एस्केलेटेर के संचालन के दौरान दुर्घटना के कारण होने वाली जनहानि या पशुहानि या चोटिल होने की सूचना 24 घंटे के अंदर डीएम या स्थानीय पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देगी। डीएम विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट से दुर्घटना की जांच कराएंगे। जांच के आधार पर दुर्घटना में मृत या घायल व्यक्ति को स्वामी की ओर से वित्तीय क्षतिपूर्ति दी जाएगी। इसके अलावा लिफ्ट में पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था, आपातकालीन घंटी के साथ, सार्वजनिक परिसरों में स्थापित सभी लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरे लैस होंगी।

कानून से इन शहर के वासियों को मिलेगा अधिक फायदा

यूपी में लिफ्ट एक्ट लागू होने के सबसे अधिक लाभ गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद शहरों में रहने वाले लाखों लोगों को मिलेगा,क्योंकि यहां पर सैकड़ों को हाउसिंग सोसाइटियों में हज़ारों की संख्या में लिफ़्ट लगी हुई है। कोई रखरखाव और मैनेजमेंट को लेकर कोई नियम-कायदे न होने की वजह से आए दिन हादसे हो रहते हैं, जिसमें अब गिरावट देखने को मिलेगी। हाल ही में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक निर्माणाधीन इमारत में लिफ़्ट से हादसा हो गया था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। अगर लिफ्ट एक्ट पहले से होता तो मृतकों को कुछ आर्थिक सहायता मिल गई होती, लेकिन अब कोई लिफ्ट दुर्घटना हुई तो मृतकों को मुआवजा देना होगा।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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