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हंगामेदार होगा यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र, सरकार करेगी अपनी ब्रांडिंग
उत्तर प्रदेश का गुरुवार से शुरु हो रहा शीतकालीन सत्र हंगामेदार होगा इसमें अब कोई शक नहीं हैं। सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष और सरकार के तेवर देख इस पर मुहर भी लग गयी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश का गुरुवार से शुरु हो रहा शीतकालीन सत्र हंगामेदार होगा इसमें अब कोई शक नहीं हैं। सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष और सरकार के तेवर देख इस पर मुहर भी लग गयी है। सरकार जहां विवाद का सबब रहे यूपीकोका कानून को पारित कराएगी वहीं अपनी इमेज ब्रांडिंग के लिए सत्र का इस्तेमाल भी करेगी। विपक्ष ने भी अपनी सारी तैयारी पूरी कर ली है। कानून व्यवस्था, बिजली के बढ़े दाम और किसानों के अलावा गुजरात चुनाव की छाया भी इस सत्र पर पड़नी लाज़मी मानी जा रही है।
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अनुपूरक बजट होगा पास ,सरकार करेगी अपनी ब्रांडिंग
उत्तर प्रदेश के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि 18 दिसंबर को योगी सरकार अपना पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। इस बजट का आकार करीब तीस हजार करोड़ का माना जा रहा है। वहीं इस सत्र में सरकार अपनी ब्रांडिग पर खास ध्यान दे रही है। अपनी छवि के अनुसार योगी सरकार अब अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यूपीकोका कानून लाने जा रही है।
इस कानून को लेकर समाजवादी पार्टी अपनी आपत्तियां पहले से ही जाहिर कर चुकी है। वहीं विपक्षी दल इसे खास वर्ग के उत्पीड़न का हथियार बता रहे है। इसके अलावा सरकार इस सत्र में अपनी धान और गेहूं खरीद को जोर शोर से प्रचारित करने वाली है। वहीं गन्ना किसानों के भुगतान पर भी सरकार विपक्ष को घेरेगी। इसके साथ ही सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस को रोकने के लिए एक प्रारुप पेश कर चुकी है।
अभी उस पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है पर उसे अगर जरुरत पड़ी तो सरकार विधानसभा में पेश कर सकती है। हालांकि इसकी उम्मीद कम ही है। पर ब्रांडिंग के लिए सरकार इस कदम पर भी विचार कर रही है। सरकार के बिजली मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, ‘ सरकार के पास बताने को बहुत कुछ है और विपक्ष के पास मुद्दे ही नहीं है ऐसे में विपक्ष से सकारात्मक विपक्ष होने की उम्मीद हम कर रहे हैं।पर अगर वो हंगामा करना चाहें तो उनकी मर्जी सरकार तो जनता के काम करने के लिए सदन में आ रही है।”
विपक्ष है तैयार
सरकार के पास ब्रांडिंग को लेकर कई हथियार है तो विपक्ष का तरकश भी खाली नहीं है। कानून व्यवस्था के अलावा किसानों के बढ़े बिजली के बिल का ब्रह्मास्त्र सरकार ने विपक्ष को थमा दिया है। अब विपक्ष किसान विरोधी सरकार की मुहर सरकार पर लगाने में कोताही नहीं बरतेगी। वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने जीएसटी को लेकर पहले ही सरकार और भाजपा पर हमला बोल दिया है।
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के मुताबिक, ‘ ये सरकार किसान और व्यापारी दोनों की विरोधी है। हम सदन में दोनों की आवाज बनेंगे। सरकार सिर्फ झूठ का पुलिंदा है, उसके पास सिर्फ झूठ के अलावा कुछ नहीं है। हम सदन में झूठ को बेनकाब करेंगे।’ इसके अलावा बसपा बुलंदशहर में दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाने को तैयार है। वहीं कांग्रेस इस बार सदन में गुजरात की बूटी से लबरेज दिखेगी। माना जा रहा है कि वह अमेठी के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर दिखेगी।
गुजरात का असर
सियासत में सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा है। इस बार के यूपी के शीतकालीन सत्र के दौरान ही गुजरात चुनाव के नतीजे आ रहे है। अगर नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे तो भाजपा इसे सदन में बधाई प्रस्ताव के जरिए एक इवेंट बनाएगी अगर नतीजे कुछ अलग हुए तो विपक्ष इसे भाजपा के खारिज होने की शुरुआत की तरह दिखाएंगे। पर इतना तो तय है कि गुजरात चुनाव की छाया एक दो दिन सत्र पर जरुर रहेगी।
उत्तर प्रदेश का शीतकालीन सत्र भले ही सरकार की मंशा के मुताबिक उसकी ब्रांडिग का हथियार बने या फिर विपक्ष की तैयारी के हिसाब से सरकार को बेनकाब करने का प्लेटफार्म पर इतना तो तय है कि बिजली के दाम, किसान, व्यापारी, जीएसटी और कानून व्यवस्था को लेकर यह सत्र हंगामेदार होना है।