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UP News: PM मोदी से मिले यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, आगामी चुनावों पर की चर्चा
Bhupendra Singh Chaudhary: यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि नेताओं ने आगामी नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 पर चर्चा की।
Bhupendra Chaudhary Meets PM Modi : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी गुरुवार (01 अगस्त) को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी (UP BJP President Bhupendra Singh Chaudhary) ने पीएम मोदी से मिलकर उनका आभार जताया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक मुलाकात चली। इस दौरान भविष्य की योजनाओं पर भी बातचीत हुई।
जानकारी के अनुसार, भूपेंद्र चौधरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आगामी नगर निकाय चुनाव तथा लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चर्चा हुई। ज्ञात हो कि, बीजेपी 'मिशन 2024' की तैयारियों में अभी से जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी से भेंट-मुलाकात के बाद यूपी बीजेपी के प्रदेश गाजियाबाद पहुंचे।
BJP के लिए UP अहम
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नजरिये से लोकसभा चुनाव 2024 अहम है। उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। जितनी अधिक सीटों पर कोई पार्टी जीत दर्ज करती है उसके लिए दिल्ली की सत्ता उतनी ही आसान हो जाती है। बीजेपी 'मिशन 2024' की तैयारियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सबसे अहम राज्य है। हालांकि, इस बीच भूपेंद्र चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
जाट नेता हैं भूपेंद्र सिंह
आपको बता दें, पश्चिम उत्तर प्रदेश से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट नेता हैं। योगी 2.0 में उन्हें पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस में उनका भी नाम है। अब उन्हें एकाएक दिल्ली बुलाये जाने से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि वह यूपी के नए प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं।
..ताकि बना रहे जाटलैंड पर पकड़
बीजेपी आलाकमान ने भूपेंद्र चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला है। यूपी जैसे बड़े सूबे में जहां 'जाटलैंड' सियासी तौर पर काफी अहम माना जाता है, वहां पार्टी की कमान भूपेंद्र सिंह को सौंपकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर पकड़ बनाने की कोशिश की गई है। बीजेपी का ये कदम रालोद और सपा गठबंधन पर भी व्यापक असर डालेगा। इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों दखल को यहां सीमित करने का प्रयास भी है।