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Sonbhadra News: किसान की बेटी ने किया जिला टॉप, हाईस्कूल टॉपर ममता डाक्टर बन करना चाहती है नाम रौशन
Sonbhadra high school topper: हाईस्कूल परीक्षा में जिला टॉप करने वाली चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कालेज मधुपुर की छात्रा तथा मधुपुर ग्राम पंचायत की निवासी ममता (Mamta) की चाहत डाक्टर बनने की है।
Sonbhadra News: हाईस्कूल परीक्षा (UP Board Result 2022) में जिला टॉप करने वाली चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कालेज (Chandragupta Maurya Inter College) मधुपुर की छात्रा तथा मधुपुर ग्राम पंचायत की निवासी ममता (Mamta) की चाहत डाक्टर बनने की है। वह डाक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना चाहती है। फिलहाल उसका लक्ष्य डाक्टरी के लिए नीट की परीक्षा क्वालिफाई करना और इसकी पढ़ाई के लिए बेहतर कालेज हासिल करना है। अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता और गुरूजनों को देने वाली ममता का कहना है कि शार्टकट से बड़ी उपलब्धि नहीं हासिल हो सकती। उसके लिए समयबद्धता, अनुशासित जीवन, कठिन परिश्रम के साथ एक निश्चित लक्ष्य होना जरूरी है।
पढ़ाई और घर के काम में माता-पिता के मदद को अपनी पसंद मानने वाली ममता के पिता कैलाश दूसरों की जमीन बंटाई पर लेकर खेती करने का काम करते हैं। वहीं मां एक सामान्य गृहणी है। गरीब परिवार में पली-बढ़ी होने के बावजूद ममता ने अपने लक्ष्य में गरीबी को बाधक नहीं बनने दिया। स्कूल में बताए गए सेलेबस और इलाके के एक कोचिंक सेंटर से टिप्स लेकर उसने अपनी तैयारी जारी रखी और मजदूर बाप की बिटिया के ताने को दरकिनारे रखते हुए, हाईस्कूल की परीक्षा में सोनभद्र टापर होने का गौरव हासिल कर लिया। उसके दो छोटे भाई हैं।
गांव में खुशी का माहौल
वह भी बहन की तरह जिला टाप करना चाहते हैं। इसके चलते जहां परिवार और उसके गांव में खुशी का माहौल बना रहा। वहीं विद्यालय परिवार में भी इसको लेकर हर्ष का वातावरण बना रहा। प्रधानाचार्य दयाशंकर सिंह कुशवाहा आदि ने उसके घर पहुंचकर बधाई दी और मिष्ठान्न खिलाकर प्रसन्नता का इजहार किया। बता दें कि ममता को हाईस्कूल में 92.50 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं। अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनकर देशसेवा करना चाहती है इंटर की टापर खुशी, खुद पर भरोसे को बताया सफलता का मंत्र
इंटर की परीक्षा में 90.80 अंक हासिल कर जिला टाप करने वाली डा. अंबेडकर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज अनपरा की खुशी केशरी की चाहत अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने की है। वह इसके जरिए देशहित में कुछ बड़ा करना चाहती है। एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाली खुशी का कहना है कि सफलता पाने के लिए एक निश्चित लक्ष्य, अनुशासित जीवन, पढाई की एक समयसारिणी तो हो ही, उससे भी ज्यादा जरूरी है, खुद पर भरोसा। कहा कि स्वयं पर भरोसा हो तो बड़ी से बड़ी मंजिल पाई जा सकती है।
माता-पिता और गुरूजनों का मार्गदर्शन मिलता रहा
बताया कि लाकडाउन के चलते उसके मन में एक बार निराशा की स्थिति बनी थी लेकिन माता-पिता और गुरूजनों के मार्गदर्शन ने उसका हौसला बरकरार रखा। कहा कि परीक्षा में तनाव हावी न होने पाए और परीक्षा की तैयारी सही तरीके से हो, इसके लिए किसी भी विद्यार्थी के लिए सबसे जरूरी है टाइम मैनेजमेंट। बताया कि प्रत्येक पाठ्यक्रम की एक समयसारिणी होनी चाहिए।
स्कूल टाइम के अलावा कम से कम छह से सात घंटे पढ़ाई पर समय देने की जरूरत है। पढ़ाई के लिए, विषयवार पढ़ाई की एक समयसारिणी बनाएं और उसके हिसाब से एक-एक टापिक पर ध्यान देते हुए पढ़ाई करें। उसके पिता गोविंद केशरी की अनपरा बाजार में मोबाइल की दुकान है। वहीं मां एक सामान्य गृहणी है। मूलतः'बिहार के बक्सर की रहने वाली खुशी की पूरी शिक्षा-दीक्षा जिले के अनपरा में हुई है। डा. अंबेडकर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज अनपरा प्रबंधन के मुताबिक उनके यहां से इंटर की परीक्षा में 126 विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे, उसमें से 124 उत्तीर्ण होने में कामयाब रहे। 30 ने ससम्मान, 77 ने प्रथम श्रेणी और 17 ने द्वितीय श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की।