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ढोल में पोल, यूपी बोर्ड परीक्षा : सीएम साहेब...साइकिल पर लद के विदा हुई Answer Booklet

Rishi
Published on: 6 Feb 2018 4:37 PM GMT
ढोल में पोल, यूपी बोर्ड परीक्षा : सीएम साहेब...साइकिल पर लद के विदा हुई Answer Booklet
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लखनऊ : सीएम साहब...आपने तो कहा था कि इस बार बोर्ड परीक्षा पूरे नियम कायदे के साथ होगी। पूरे प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा कराने का ढिंढोरा भी आपके अधिकारियो ने खूब पीटा था। लेकिन यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन ही मंगलवार को 16 नकलची पकडे गये। इतना ही नही परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सील करके संकलन केंद्र तक ले जाने में भी सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए। अगर ऐसे ही परीक्षा करवानी थी तो ये नियम कानून का बखान क्यों किया गया, ये समझ से परे है। इस बार तो आपके अधिकारियों ने मीडिया पर ही पाबंदी लगा दी। लेकिन सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए परीक्षा के बाद संकलन केंद्र पर उत्तर पुस्तिकाएं ले जाने के तरीके ने बदहाल यूपी बोर्ड परीक्षा की पोल खोल ही दी।

साइकिल-ई रिक्शे पर जीआईसी पहुंची बुकलेट

यूपी बोर्ड परीक्षा का मंगलवार को पहला दिन था। पहली शिफ्ट की परीक्षा के बाद शहर के परीक्षा केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं सील की गई। इसके बाद इन्हें मानकों को ताक पर रख कर संकलन केंद्र यानी जीआईसी लाया गया। जब ये कापियां संकलन केंद्र पहुंची तो वहां तैनात कर्मचारी भी साइकिल और ई रिक्शे पर उत्तर पुस्तिकाएं लदी देखकर दंग रह गए।

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कर्मचारी बोले- 12 रूपये में कैसे लाते कापियां

जीआईसी संकलन केंद्र पर बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर पहुंचे एक परीक्षा केंद्र पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि हर परीक्षा केंद्र को प्रत्येक पेपर की कापियों को संकलन केंद्र तक पहुंचाने के लिए सिर्फ 12 रुपए दिए जाते हैं। इतने रुपए में शहर क्षेत्र के सेंटरों से भी कापियां जीआईसी तक पहुंचाना संभव नहीं है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षा केंद्र 30 से 40 किमी तक दूरी पर हैं। वहां से तो इतने बजट में किसी भी हाल में कापियां संकलन केंद्र तक नही पहुंच सकती।

खुली गाड़ियों में कॉपी लाना है बैन

डीआईओएस डॉ मुकेश सिंह ने बताया कि बोर्ड परीक्षा से पहले कापियों और प्रश्नपत्रों को सुरक्षा के साथ सील बंद कमरे में रखवाया गया था। जब परीक्षा केंद्रों पर कापियों और प्रश्न पत्रों को ले जाया गया तो उसे बंद गाड़ियों में ले जाया गया।इसके बाद परीक्षा केंद्रों पर भी इन्हें सीलबंद कमरे में रखा गया था। खुली गाड़ियों जैसे मोटरसाइकिल, रिक्शा, ई-रिक्शा, साइकिल पर कापियां और प्रश्नपत्र ले जाना मानकों का उल्लंघन है। ऐसी घटना हुई है तो इसकी जांच की जायेगी कि किन परिस्थितियों में ऐसा हुआ है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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