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UP Board Exam 2022: पुलिस सुरक्षा और कोराना गाइडलाइन के साथ मेरठ में संपन्न हुई बोर्ड परीक्षा

UP Board Exam 2022: परीक्षा के पहले दिन (first day of exam) सभी केंद्रों पर खूब सख्ती देखने को मिली। साथ ही प्रवेश पत्र और पंजीकरण पत्र को बारीकी से देखा गया।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Shashi kant gautam
Published on: 24 March 2022 3:03 PM IST
First Day UP Board Exam 2022: Board exam concluded in Meerut with police protection and Korana guidelines
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 मेरठ में यूपी बोर्ड परीक्षा का पहला दिन: Photo - Newstrack

UP Board Exam 2022: यूपी बोर्ड की परीक्षाएं (UP Board Exams 2022) आज से शुरू हो गईं। स्कूलों में एंट्री के समय अधिकांश स्थानों पर परीक्षा केन्द्रों (exam centers) के सामने स्थित सड़कों पर जाम ऐखा गया। इस दौरान स्कूल के स्टाफ सड़कों से जाम हटाने में भी लगे रहे। सड़कों के पास बड़े स्कूलों के पास अधिक जाम देखने को मिला।

कानून व्यवस्था (Law and order) के मद्देनजर केंद्रों पर पुलिस भी मौजूद रही और महिला केंद्रों पर महिला पुलिस (women police at women centers) देखने को मिली। परीक्षा केंद्रों पर सैक्टर मजिस्ट्रेट और प्रवेक्षक टीम द्वारा दौरा के पहले दिन जनपद में 100 से अधिक विद्यार्थी अनुपस्थित रहे।

परीक्षा केंद्रों पर खूब सख्ती देखने को मिली

परीक्षा के पहले दिन (first day of exam) सभी केंद्रों पर खूब सख्ती देखने को मिली। कुशवाह केंद्रों पर जूते बेल्ट उतरवाकर भी तलाशी ली गई। साथ ही प्रवेश पत्र और पंजीकरण पत्र को बारीकी से देखा गया। इसके अलावा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर रही। सभी केंद्र कंट्रोल रूम से चेक होते रहे। यूपी बोर्ड के मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाली मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ मंडलों के 17 जिलों में 10,32,972 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इनमें से हाईस्कूल यानी 10वीं के 558,660 परीक्षार्थी हैं। वहीं इंटरमीडिएट यानी 12वीं के 474,312 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।

परीक्षार्थियों के जूते उतरवा कर चेकिंग की गई

खास बात यह रही कि अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी चप्पलों में ही दिखाई दिए। इस दौरान परीक्षार्थियों ने बताया कि उन्हें पहले ही निर्देश दे दिए गए थे कि वह चप्पलों में आएंगे। कुछ केंद्रों पर जहां परीक्षार्थी जूतों में आए वहां उनके जूते उतरवा कर चेकिंग की गई। परीक्षार्थियों को ट्रांसपेरेंट पानी की बोतल और स्टेशनरी किट को ही साथ लाने की अनुमति दी गई थी।

डीआईओएस (DIOS) के मुताबिक नकल रोकने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। सभी परीक्षा केंद्रों को ऑनलाइन कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। डीआईओएस ऑफिस में बनाए गए कंट्रोल रूम को सीधे राज्य स्तर के कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही सभी परीक्षा केंद्रों पर वॉइस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी छात्र या कक्ष निरीक्षक नकल में लिप्त पाए जाते हैं तो उन पर नकल अधिनियम 1998 के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।


सुबह की पाली में दसवीं हिंदी का पेपर

सुबह की पाली में दसवीं हिंदी का पेपर रहा परीक्षा केंन्द्रों से परीक्षा देकर बाहर निकले कुछ परीक्षर्थियों हिंदी के पेपर को आसान बताया तो कुछ परीक्षार्थियों ने तो पेपर को कठिन बताया। केके इंटर कॉलेज के हाईस्कूल के छात्र सनी से जब यह पूछा गया कि पेपर कैसा गया। इस सवाल के जवाब में सनी मुस्करा कर इतना ही बोला-बस ठीक ही गया। ज्यादा अच्छा क्यों नही गया के सवाल पर इस छात्र का कहना था कोरोनाकाल में आनलाइन पढ़ाई से ज्यादा लाभ नहीं मिला। पीडीएफ भेजी गई थी, जो स्कूल खुलने के बाद समझाई गई। ऐसे में पेपर ठीक ही चला गया यही बहुत है।

छात्र आन लाइन पढ़ाई से खुश नहीं

इसी कॉलेज के दसवीं के एक अन्य छात्र पवन कुमार भी आन लाइन पढ़ाई से खुश नही दिखा। बकौल पवन, कोरोना ने पढ़ाई का सत्यानाश कर दिया। आनलाइन पढ़ाई (online study) की लेकिन कभी हमारा इंटरनेट खराब तो कभी शिक्षक का। तो कभी कुछ और गड़बड़ी। कुल मिलाकर आन लाइन पढ़ाई का अनुभव अच्छा नही रहा। अब देखते हैं परीक्षा में कितनी सफलता मिलती। एक अन्य छात्र का कहना था कि चुनाव के चलते 15 दिन पहले ही परीक्षा डेट शीट जारी हुई, जबकि हमेशा 45 दिन पहले डेट शीट जारी होती थी। ऐसे में तैयारी का मौका बहुत कम मिला है।

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Shashi kant gautam

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