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UP BOARD: लेबर की बेटी ने पाया राज्य में तीसरा स्थान, IAS बनना है सपना

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Published on: 15 May 2016 12:04 PM GMT
UP BOARD: लेबर की बेटी ने पाया राज्य में तीसरा स्थान, IAS बनना है सपना
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कानपुर: यूपी बोर्ड में दसवीं की स्टूडेंट निशा साहू ने 97.83 फीसदी नंबर लाकर राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया है। निशा शिवाजी इंटर कॉलेज की स्टूडेंट है। बेटी के टॉपर होने की सूचना मिलते ही निशा के परिजनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। निशा के स्कूल में भी ख़ुशी का माहौल है।

कैसी है निशा की पारिवारिक पृष्टभूमि ?

-नौबस्ता के खाड़ेपुर में रहने वाले रामशंकर ट्रांसपोर्ट में लेबर हैं।

-इसी से वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

-रमाशंकर के परिवार में पत्नी संगीता, बड़ी बेटी निशा और छोटी बेटी नैनसी है। नैनसी 9वीं की स्टूडेंट है।

माता-पिता के साथ निशा माता-पिता के साथ निशा

ऐसी थी निशा की तैयारी ?

-10वीं की टॉपर निशा ने बताया कि एग्जाम के समय वह 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थी।

-उसने बताया आर्थिक तंगी के कारण वह सिर्फ एक महीने ही मैथ्स की कोचिंग कर पाई थी।

-इन मुश्किलों के बाद भी निशा ने मैथ्स में सौ फीसदी अंक हासिल किए हैं।

मां-बाप की मेहनत को सराहा

-निशा ने कहा, मेरे पिता अपने काम में दिन-रात मेहनत करते हैं।

-हम दोनों बहनों को बेटे की तरह पाला है। उन्हें उनको हमसे बहुत उम्मीदें हैं।

-मेरी पढ़ाई में मेरी मां का भी पूरा सहयोग मिला है।

दोस्तों के साथ दोस्तों के साथ

टीचरों की जमकर तारीफ की

-निशा ने स्कूल के टीचरों की जमकर की तारीफ की।

-उसने बताया कि स्कूल में सभी सबजेक्ट पर बराबर ध्यान दिया जाता था।

-वीकली और मंथली टेस्ट होते थे। जिस सब्जेक्ट में कम नंबर आते टीचर स्टूडेंट के उसी विषय पर ध्यान देते थे।

निशा ने क्या दिए टिप्स ?

-निशा ने बताया कि पढ़ाई के दौरान विषय को याद करने का सबसे अच्छा तरीका है लिख-लिखकर याद करना।

-समय-समय पर उन विषयों को पलटकर देखते रहना भी जरुरी है।

nisha-4

आईएएस अफसर बनने की ख्वाहिश

निशा ने बताया कि मेरा सपना आईएएस अफसर बनने का है। आईएएस अफसर बनकर वह देश की सेवा करना चाहती है। उसकी कोशिश अपने पिता की मेहनत को सार्थक बनाना है।

इंटर तक पढ़े हैं पिता

निशा के पिता रामशंकर ने बताया, 'मैंने सिर्फ इंटर तक पढ़ाई की है। मेरी पत्नी संगीता 8वीं तक पढ़ी है। लेकिन आज जब बेटी ने टॉप किया तो खुशी के आंसू छलक पड़े। मेरी खून-पसीने की मेहनत सफल रही।'

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