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इधर UP बोर्ड परीक्षा देंगे छात्र, उधर योगी-मोदी पर फर्स्ट डिवीज़न पास होने का दबाव

यूपी में एक तरफ बोर्ड परीक्षाओं में नक़ल पर सख्ती के बीच परीक्षा जारी है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों का उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। गोरखपुर लोकसभा सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर लोकसभा सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विधान परिष

tiwarishalini
Published on: 10 Feb 2018 3:19 PM IST
इधर UP बोर्ड परीक्षा देंगे छात्र, उधर योगी-मोदी पर फर्स्ट डिवीज़न पास होने का दबाव
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लखनऊ : यूपी में एक तरफ बोर्ड परीक्षाओं में नक़ल पर सख्ती के बीच परीक्षा जारी है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों का उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। गोरखपुर लोकसभा सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर लोकसभा सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विधान परिषद का सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई थी।

इन दोनों ही सीटों पर भाजपा ने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। विपक्षी अब दोनों सीटों पर गटबंधन का प्रत्याशी उतारने की कोशिश में हैं, वही सत्ताधारी दल के लिए दोनों सीटों पर जीत हासिल करना नाक का सवाल बन गया है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ पर फर्स्ट डिवीज़न पास होने का दबाव

यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफा देने से खाली हुई गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए 11 मार्च को मतदान होगा। 2014 में हुए आम चुनावों में गोरखपुर लोक सभा सीट पर योगी आदित्यनाथ ने 3 लाख 12 हज़ार 783 वोटों से जीत हासिल की थी। योगी को कुल पड़े वोटों का 30.31 फीसदी वोट मिला था।

फूलपुर लोकसभा सीट पर केशव प्रसाद मौर्या ने 3 लाख 8 हज़ार 308 वोटों से जीत हासिल की थी। केशव मौर्या को 32.39 फ़ीसदी को वोट मिला था। अब सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्या की उप चुनावों में अग्नि परिक्षा होगी। यह उप चुनाव 10 महीने पुरानी योगी आदित्यनाथ सरकार के कामो के लिए परख के तौर पर परखा जाएगा।

बोर्ड परीक्षाओं का चुनाव पर दिखेगा असर

दरअसल यूपी में हो रही बोर्ड परीक्षाओं में नक़ल रोकने के लिए सरकार सख्ती बरत रही है। परिक्षा केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। एक्ज़ाम में सख्ती के चलते अब तक छः लाख छात्र परीक्षा छोड़ चुके हैं। अब जानकारों का कहना है कि गोरखपुर लोकसभा सीट और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में भी असर दिखाई पड़ सकता है।

सपा को उम्मीद सरकार की वादा खिलाफी का मिलेगा फायदा

उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा इन सीटों को वापस हासिल करना चाहेगी। यह उपचुनाव खास तौर से सत्ताधारी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, क्योंकि मार्च 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। डिप्टी सीएम केशव मौर्या कहते हैं कि फूलपुर में उन के परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन दोनों ही लोक सभा सीटों के उपचुनाव में पार्टी को जीत मिलगी।

विधान परिषद् में नेता विरोधी दल व समाजवादी पार्टी के नेता अहमद हसन कहते हैं, कि चुनाव में जनता सरकार के ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ मतदान करेंगी। मतदाता गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को उसकी वादा खिलाफी का सबक सिखाएंगे। योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा कहते हैं 10 माह में सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं के ज़रिये सीधे बिना भेद भाव के जनता तक लाभ पहुंचाया है ऐसे में इन चुनावों में भाजपा को निश्चित ही जीत मिलेगी। उधर बसपा का रुख क़रीब क़रीब साफ़ हो चुका है।इन चुनावों से बसपा दूर रहेगी।

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tiwarishalini

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