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बजट में सूबे को मिले दो नए एक्सप्रेस वे, जेवर व अयोध्या एयरपोर्ट के लिए मिला बजट
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गाजीपुर तक 341 किलोमीटर लम्बाई में "पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना" का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। परियोजना की कुल लागत लगभग 22 हजार 497 करोड़ रूपये है। उ
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल के इस आखिरी बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए कुछ नया नहीं है, सरकार का मुख्य जोर पुरानी योजनाओं को पूरा कराने पर है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे में सिर्फ बलिया लिंक एक्सप्रेस और गंगा एक्सप्रेस वे नए हैं बाकी एक्सप्रेस वे का काम इस साल पूरा किया जाएगा। इसी तरह जेवर व अयोध्या एयरपोर्टों पर इस साल सरकार का जोर रहेगा। इसके अलावा सूबे में जिन 11 एयरपोर्टों पर काम चल रहा है उन्हें पूरा किया जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गाजीपुर तक 341 किलोमीटर लम्बाई में "पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना" का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। परियोजना की कुल लागत लगभग 22 हजार 497 करोड़ रूपये है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिये लगभग 91 किलोमीटर लम्बाई में "गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे" के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि "पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे" से बलिया को जोड़ने के लिए "बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे" के निर्माण का निर्णय लिया गया है। बुन्देलखंड क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देने के लिये जनपद चित्रकूट को जनपद इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे मार्ग से जोड़ने हेतु लगभग 297 किलोमीटर लम्बाई का "बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे" निर्माणाधीन है। यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखंड के लिए लाईफ लाइन सिद्ध होगा।
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मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 637 किलोमीटर लम्बे "गंगा एक्सप्रेस-वे" जो देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा, के निर्माण का निर्णय लिया गया है। परियोजना हेतु 2 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में डिफेन्स कारिडोर विकसित किये जाने हेतु "डिफेन्स इडस्ट्रियल कॉरिडोर" परियोजना के लिये आवश्यक भूमि झाँसी, चित्रकूट, जालौन, अलीगढ़, आगरा तथा कानपुर जनपदों में चिन्हित की गयी है।
नागरिक उड्डयन
प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिये रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम लागू है। इस योजना को और व्यापक बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा "उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति" प्रख्यापित की गई है जिसमें रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के साथ-साथ नॉन-रीजनल कनेक्टिविटी उड़ानों के लिये प्रोत्साहन प्रदान किये जाने की व्यवस्था है।
राज्य सरकार की इस नीति के सकारात्मक परिणामस्वरूप विगत दो वर्षों में उत्तर प्रदेश से विभिन्न शहरों की हवाई कनेक्टिविटी तथा पैसेन्जर ट्रैफिक में वृद्धि हुई है। प्रदेश में 08 हवाई अड्डे क्रियाशील हैं तथा 11 नये हवाई अड्डों पर कार्य चल रहा है।
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बजट में जनपद गौतमबुद्ध नगर के जेवर में "नोएडा इन्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट" के लिये 2,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एयरपोर्ट का संचालन वर्ष 2023 तक सम्भावित है। जबकि अयोध्या एयरपोर्ट के लिये 500 करोड़ रूपये तथा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम एयरपोर्ट्स के लिये 92 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
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