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UP Budget 2022: यूपी का सबसे बड़ा बजट हुआ पेश, देखें क्या-क्या मिला?

UP Budget 26 May 2022: CM योगी के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा में प्रस्तुत किया। इस बजट में किसानों महिलाओं और युवाओं के लिए कई बड़े घोषणाएं किये गए हैं।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 26 May 2022 1:41 PM IST (Updated on: 26 May 2022 1:41 PM IST)
UP Budget 2022
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वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी बजट 2022 पेश किया (तस्वीर, आशुतोष त्रिपाठी, न्यूज़ट्रैक)

UP Budget 2022 26 May : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी विधानसभा में पेश किया।

सीएम योगी कर रहें संबोधित

बजट पेश होने के बाद बोलें सीएम योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा तिलक हॉल में बजट 2022-23 को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह बजट अगले 5 साल के विजन को देखते हुए तैयार किया गया है। बजट में नाव खरीद के लिए 40 फ़ीसदी सब्सिडी दिया जाएगा साथ ही किसानों को मुफ्त में सोलर पैनल मुहैया कराई जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीब कन्याओं की शादी के लिए 600 करोड़ रुपए का बजे रखा गया है साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को साल में दो गैस सिलेंडर मुफ्त में वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर उनके साथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश विधानसभा तिलक हॉल में बजट 2022-23 को लेकर प्रेसवार्ता करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (तस्वीर, आशुतोष त्रिपाठी, न्यूज़ट्रैक)

कानपुर, आगरा तथा गोरखपुर मेट्रो के लिए बड़ा ऐलान

योगी सरकार के वित्तीय बजट 2022-23 में कानपुर मेट्रो रेल के विकास के लिए 747 करोड रुपए का बजट रखा गया है, साथ ही आगरा मेट्रो रेल के लिए भी 597 करोड रुपए का बजट सरकार ने निर्धारित किया है। साथ ही गोरखपुर में मेट्रो परियोजना की शुरुआत के लिए 100 करोड़ का बजट रखा गया है। इसके अलावा बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने का फैसला भी लिया गया है, साथ ही अयोध्या में सूरजकुंड के विकास के लिए 140 करोड़ का बजट रखा गया है।

अयोध्या, बनारस और गोरखपुर के लिए बड़े ऐलान

उत्तर प्रदेश में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बनारस में पर्यटन सुविधाओं को और बेहतर बनाएगी जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। वहीं अयोध्या में भी पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। साथ ही पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने साल 2022 में कुल 33 करोड़ पेड़ 'वृक्षारोपण अभियान' के तहत लगाने का लक्ष्य रखा है। वहीं गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, गोरखपुर चिड़ियाघर को और बेहतर बनाने के लिए 50 करोड़ का बजट रखा गया है।

बजट 2022-23 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेक्टर

प्रधानमंत्री जी ने देश को "आत्मनिर्भर भारत" का मंत्र दिया है, जिसका परम उद्देश्य भारत देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग-धन्धे हों शिक्षा स्वास्थ्य या कृषि हो, आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने का विजन दिया। हम इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भरता एक स्वस्थ विकसित और सशक्त समाज का प्रधान लक्षण है।

-विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई।

-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

-आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है।

-प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके है। योजना हेतु 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हेतु 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं हेतु 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित किये जाने हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-आशा कार्यकत्री एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

-राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढीकरण हेतु खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

बजट 2022-23 में चिकित्सा शिक्षा सेक्टर

-चिकित्सा शिक्षा प्रदेश में उच्चकोटि की गुणवत्तापूर्ण एवं विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा का विकास किये जाने के दिशा में हमारी सरकार द्वारा उल्लेखनीय प्रगति की गई है।

-राज्य सरकार के संकल्प के अनुरूप प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम एक मेडिकल कालेज स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है।

-वर्तमान में प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज संचालित हैं , जिनमें 35 राज्य सरकार द्वारा एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं।

-वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कालेज की सुविधा से आच्छादित हैं व 14 जनपदों में राज्य सरकार/केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है।

-प्रदेश में 02 एम्स ( गोरखपुर व रायबरेली), आईएमएस बीएचयू, वाराणसी तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अलीगढ़ संचालित है।

-प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा पीपीपी नीति घोषित की गयी है, जिसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे।

-लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के अनुरूप एमबीबीएस एवं पी जी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रदेश के 14 जनपदों- बिजनौर , कुशीनगर , सुल्तानपुर गोण्डा लखीमपुर खीरी , चन्दौली , बुलन्दशहर , सोनभद्र , पीलीभीत औरेया कानपुर देहात कौशाम्बी तथा अमेठी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-प्रदेश की निर्धन आबादी को असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

बजट 2022-23 में सामाजिक सुरक्षा के संकल्प

-वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है।

-उपरोक्त योजना हेतु 7053 करोड़ 56 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के अन्तर्गत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया।

-वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 4032 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रूपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है।

-प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-कुष्ठावस्था विकलांग भरण - पोषण योजना के अन्तर्गत 3000 रूपये प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु 01 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-बुजुर्ग पुजारियों, सन्तों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बोर्ड के गठन हेतु 01 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

श्रमिक एवं स्ट्रीट वेण्डर

-पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश के 18 मण्डलों में प्रत्येक मण्डल में 01-01 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इस हेतु 300 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-कामगारों / श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने हेतु "उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग " का गठन किया गया है।

-शहरी स्ट्रीट येण्डर्स को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 08 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

-प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेण्डिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है । शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं।

बजट 2022-23 में रोजगार सृजन

-प्रदेश में निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 81 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया।

-60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया । निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विगत 05 वर्षों में युवाओं को 4.50 लाख सरकारी नौकरियों में लिया गया।

-यह बताते हुये हर्ष है कि जहाँ जून, 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, यहीं अप्रैल , 2022 में यह घट कर 2.9 प्रतिशत रह गयी है।

-उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 5 वर्षों में 9.25 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करते हुये प्रमाणीकृत किया गया। जिनमें 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है।

-सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के अन्तर्गत 05 वर्षों में 40,000 करोड़ रूपये के निवेश और 04 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

-मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजनान्तर्गत 32 करोड़ मानव दिवस सृजन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

-प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना हेतु प्रोत्साहनात्मक वातावरण का सृजन किया गया है जिसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 3 लाख 97 हजार 028 उद्यम पंजीकृत हुये जिसमें 27 लाख 84 हजार 117 रोजगार का सृजन हुआ।

-प्रदेश की 54,876 ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्राम सचिवालयों के सुचारू संचालन हेतु 56,436 पंचायत सहायक / लेखाकार सह डाटा एण्ट्री ऑपरेटर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

-मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5000 इकाईयों को स्थापित कराया गया तथा 4187 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

-मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-2023 में 800 इकाईयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है।

-माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक चयन में साक्षात्कार समाप्त कर 40,402 शिक्षकों का चयन एवं 7540 पदों का सृजन किया गया है।

-चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं है । लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में नियुक्ति दी गयी तथा लगभग 10,000 सृजित किये गये हैं जो आगामी वर्षों में भरे जाएंगे।

बजट 2022-23 युवाओं के लिये

-प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से 25 दिसम्बर 2021 से निःशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना प्रारम्भ की गयी है।

-इस योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग 12 लाख टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु जनपदों को उपलब्ध कराये जा चुके है।

-लोक कल्याण संकल्प पत्र , 2022 में आगामी 05 वर्षों में 02 करोड़ स्मार्ट फोन / टैबलेट वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

-स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिये 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-युवाओं के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नयी उप्र स्टार्टअप नीति -2020 के अन्तर्गत 05 वर्ष में प्रत्येक जनपद में कम से कम से एक तथा कुल 100 इन्क्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य है।

-जिसके सापेक्ष अब तक 47 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं तथा 5600 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।

-प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा सभी मण्डल मुख्यालयों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया गया है।

-योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जनपदों में किया जा रहा है योजना हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी पदक विजेता खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के माध्यम से राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था की गई है।

-जनपद वाराणसी में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने हेतु जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास दिनांक 02 जनवरी , 2022 को प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया जिस पर 700 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय होगी। विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-भारत सरकार की खेलो इण्डिया एक जनपद- एक खेल योजनान्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में खेलों इण्डिया सेन्टर्स की स्थापना प्रस्तावित है।

-खेल अवस्थापनाओं एवं अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुये वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रदेश में 36 अवस्थापनाओं का निर्माण किया जा रहा है तथा 06 अत्याधुनिक जिम विभिन्न जनपदों में स्थापित किये गये हैं।

वित्तीय बजट 2022-23 में नौकरियों को लेकर ऐलान

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार ने 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है। जिसमें माध्यमिक शिक्षा में 7540 पदों पर भर्ती की जाएगी वहीं मेडिकल कॉलेजों में भी 10 हज़ार पदों पर भर्ती की जाएगी।

बजट में हुई ये बड़ी घोषणाएं

यूपी सरकार ने वित्तीय बजट 2022-23 में दिव्यांग अनुदान 300 से बढ़ाकर एक हजार रुपए प्रति माह दिव्यांग अनुदान देने का घोषणा किया।

-अटल आवासीय विद्यालय के लिए 300 करोड़ का बजट आवंटित किया जाएगा साथ ही अटल विहारी विवि लखनऊ के लिए 100 करोड़ का बजट।

-NHM के तहत 10 हजार 547 करोड़ का बजट, वहीं आशा कार्यकत्रियों के लिए 300 करोड़ का बजट।

बजट 2022-23 में महिला उत्थान

- प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुये "महिला हेल्प डेस्क " की स्थापना की गयी है।

- ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल की जा रही है।

- प्रदेश के जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया।

- महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूँ का गठन किया जा रहा है।

- अगस्त 2020 में गठित "महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन" का क्रियान्वयन /पर्यवेक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।

-प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है महिला सामर्थ्य योजना हेतु 72 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।

-बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यू.पी.एस.ई.ई. 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप एवं 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया।

-सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2021 से 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की रही है।

पिछले कार्यों के बारे में वित्त मंत्री ने बताया

-प्रदेश स्तर पर अन्तर्जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किये जाने के उपरान्त भारत सरकार की " वन नेशन वन राशन कार्ड योजना " के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा माह मई , 2020 से लागू है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्ड धारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।

-मई , 2020 से मार्च , 2022 तक अन्य राज्यों के 37.971 राशन कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 8,99,798 कार्डचारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है।

-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित 3.58 करोड़ अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न के साथ-साथ आयोडाइज्ड नमक , साबुन , चना एवं खादय तेल दिसम्बर< 2021 से मार्च , 2022 तक निःशुल्क वितरित कराया गया, जिस पर लगभग 4801 करोड़ रूपये का व्यय हुआ। इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित हुये।

-यह देश का विशालतम खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम है जिसका विस्तार अप्रैल , 2022 से जून, 2022 तक कर दिया गया है ।

-प्रदेश के 15 करोड़ निर्धन व्यक्तियों को मुफ्त अनाज तथा 03 करोड़ मजदूरों को मार्च, 2022 तक 500 रूपये प्रतिमाह का भत्ता और 98 लाख नागरिकों को 1000 रूपये प्रतिमाह का मत्ता दिया गया।

-प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 167 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाला देश का पहला प्रदेश बना।

-पिछले 05 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 42 लाख 50 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं।

-स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2 करोड़ 61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

-सौभाग्य योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 41 लाख मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिये गये । एण्टी भू - माफिया अभियान के अन्तर्गत 64 हजार 399 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त करायी गयी है।

-2471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू - माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है । वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं तथा 4274 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है।

-पिछले पाँच वर्षों के हमारे कार्यकाल में प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों में आ चुका है।

बजट पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा

कोरोना काल में सरकार जनता के साथ खड़ी रही है, किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया साथ ही पीएम सम्मान निधि योजना से भी 2.55 करोड़ किसानों को लाभ हुआ। हमने माफियाओं पर कार्रवाई की, आज उत्तर प्रदेश 5 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य है। 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला पहला राज्य यूपी होने वाला है, आज यूपी में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। 1.56 लाख करोड़ रुपए का निर्यात कर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने पेश किया यूपी का बजट

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही वित्तीय वर्ष 2022 23 का बजट पेश किया। वित्तीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा जनता ने हमें सेवा का मौका दिया है।

बजट पेश होने से पहले सीएम योगी दिखाया विक्ट्री

उत्तर प्रदेश कि योगी आदित्यनाथ सरकार आज अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट थोड़े ही देर में पेश करने जा रही है। बजट पेश होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ विक्ट्री साइन दिखाते हुए नजर आए हैं।




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