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UP Budget 2023: योगी सरकार के 2.0 बजट ने सबको किया खुश, एक नजर में देंखे आपके लिए क्या खास
UP Budget 2023: योगी सरकार ने 2.0 ने बुधवार को दूसरा बजट विधानसभा में पेश किया गया। बजट में किसके लिए क्या खास रहा, फटाफट यहां देंखे-
UP Budget 2023 Highlights: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज दूसरा बजट विधानसभा में पेश किया गया। सूबे के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है हमारा प्रदेश न केवल भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है अपितु गंगा के उपजाऊ मैदानों के किनारे प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन विद्यमान हैं। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से अधिक का है। 2017 में बीजेपी सरकार आने के बाद खन्ना सातवीं बार बजट पेश कर रहे हैं।
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जानें बजट से जुड़ीं महत्वपूर्ण बातें....
- वर्ष 2017 के पूर्व, प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, आज यह घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गयी है। वित्तीय वर्ष 2023 2024 के लिये जीएसडीपी में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गयी है।
- ग्लोबल इन्वेस्ट्रर्स समिट में 33.50 लाख करोड़ रूपये के 19 हजार से अधिक एमओयू साइन हुए।
- सभी वर्गों की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रूपये प्रस्तावित हैं।
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में हर लाभार्थी को 15 हजार रूपये तक की धनराशि दी जा रही है। 2023-24 वित्त वर्ष के लिए 1050 करोड़ रूपये प्रस्तावित किए हैं।
- निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत वर्तमान में 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। इसके लिए 2023-2024 के बजट में 4032 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा।
- दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
- कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना।
- कोरोना के बचाव हेतु वैक्सीनेशन के 39.20 करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
- चिकित्सा शिक्षण संस्थान स्थापित कर संचालित करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
- भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उत्तर प्रदेश को "इनस्पायरिंग लीडर" के रूप में सम्मानित किया गया है।
- उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।
- अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है।
- प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया।
- गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
- रबी विपणन वर्ष 2022 2023 में 87991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया।
- किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
- खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से 62.66 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
- 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया।
- किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है।
- प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से 01 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
- 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।
- वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 7248 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान प्रस्तावित है ।
- दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत लगभग दिव्यांग भरण पोषण अनुदान के लिए 1120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इस वर्ष 35,950 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया।
- महिला सामर्थ्य योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 83 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि संचालित हैं।
- प्रदेश में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत अक्टूबर, 2022 तक 95 प्रतिशत बच्चों को टीका लगाया गया।
- मिशन इन्द्र धनुष के अंतर्गत 36 लाख 82 हजार से अधिक बच्चों एवं 10 लाख 31 हजार से अधिक गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया।
- प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक ऋण वितरण करने वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के फेज-03, 04 एवं फेज-05 में 81.25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न निःशुल्क वितरित किया गया।
- प्रदेश में अब तक 1.53 करोड़ से अधिक निर्माण श्रमिकों तथा 3,14,611 निर्माण स्थलों का पंजीकरण कराया जा चुका है।
- कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 05 लाख रुपये, स्थायी दिव्यांगता पर 04 लाख रुपये एवं आशिक दिव्यांगता पर 03 लाख रुपये की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है ।
- श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने हेतु प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है।
- असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित "मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने हेतु प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है।
- रोजगार मेलों के माध्यम से 7 लाख 29 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
- असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित "मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना" के लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये उपकरणों के क्रय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढीकरण हेतु 15 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास के लिए 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है।
- विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
- प्रदेश के प्रमुख शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किए जाने के लिए 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु के लिए वर्ष 2023- 2024 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 1306 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के कियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- गोरखपुर नगर स्थित गोडधोड्या नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 650 करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- महाकुम्भ मेला 2025 के भव्य आयोजन के लिए आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है।
- प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- त्वरित आर्थिक विकास योजना के हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों हेतु 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
- बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । पूर्वावल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के लिए 05 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
- - मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक 1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है।
- वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना के लिए 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28. 53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।
- प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, चाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों हेतु लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- यूपी में दुग्ध संघों के सुदृढीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के निराश्रित / बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना लक्षित है जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है।
- बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो- आश्रय केन्द्र स्थापित / क्रियाशील है।
- छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- "निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।
- सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढीकरण हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-2022 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया ।
- मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजनाके अन्तर्गत 2478 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने हेतु 85 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- गाँवों में ई-गवर्नेस विस्तार करने हेतु डॉ० राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तिकरण योजना के लिये 04 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मैनुअल स्कैवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु में 01 करोड़ 65 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसके लिए 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के लिए 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना के लिए 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री स्टैंक योजना हेतु 2 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- स्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं, जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है इस हेतु 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पॉवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण हेतु टैबलेट / स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की गयी। योजना के लिए 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई०टी० पार्क्स की स्थापना की जा रही है ।
- समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
- विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
- ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इसके लिए 35 करोड़ रूपये का बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- 6 सालों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
- 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी दिलाई गई।
- युवा वकीलों को शुरूआती तीन सालों के लिए किताब एवं पत्रिका खरीदने के लिए 10 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।