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UP Budget 2023 Live Update: विधानसभा की कार्यवाही जारी, दिवंगत विधायकों के स्वजनों की बढ़ी पेशन
UP Budget 2023 Live Update: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज यानी सोमवार 27 फरवरी को सातवां दिन है। विधान सभा की कार्यवाही जारी है।
UP Budget 2023 Live Update: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज यानी सोमवार 27 फरवरी को सातवां दिन है। विधान सभा की कार्यवाही जारी है। विधान सभा में बजट सत्र में विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग को आज भी हंगामा देखने को मिल रहा है। सत्ता पक्ष से विपक्षी सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दे को लेकर सदन में सवाल पूछ रहे हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कुल 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ का बजट पेश किया। सरकार का दावा है कि इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है।
योगी सरकार में बढ़ी मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की लाभार्यियों की संख्या
मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष आवंटन पर भाजपा के फिरोजाबाद के नगर विधायक मनीष असीजा ने पिछली सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए अपनी सरकार के मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की उपल्बधियां गिनाईं। विधायक असीजान ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सरकार राज्य के गरीब, जरूरतमंदों लोगों और दीन-दुखियों के इलाज पर पैसा खर्च करती है। उन्होंने कहा कि पिछली योगी सरकार के कार्याकल में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के लाभार्थियों की संख्या पिछली सरकार की तुलना में अधिक बढ़ाई गई है। पहली योगी सरकार में लाभार्थियों की संख्या 86 हजार 620 थी। इस संख्या पर सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये अधिक का खर्च किया है। जबकि पिछली सपा सरकार में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की लाभार्थियों की संख्या 42508 थी और तब की सपा सरकार ने इस पर 552 करोड़ रुपये खर्च किया गया था। उससे पहले बसपा की सरकार में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की संख्या 18 हजार 462 थी और इस मात्र 84 करोड़ रुपये खर्च हुआ था। उन्होंने कहा यह योगी सरकार है किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं हो रहा है।
शाम 9 बजे तक चलेगी कार्यवाही
सदन की कार्यवाही के दौरान मौजूदा विषयों को देखते हुए यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सोमवार को सदन शाम 9 बजे तक चलेगी।
दिवंगत विधायकों के स्वजनों की बढ़ी पेशन
यूपी सरकार के वित्त मंत्री एव संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में सोमवार को सदन से राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियां और पेशन विधेयक पूर्ण बुहमत से पारित हो गया। खन्ना ने कहा कि 2016 में जब सरकार ने विधायकों की पेशन रिवाइज किया था। तब एक बात छूट गई थी। जो विधायक 16 सिंतबर, 2016 से पूर्व दिवंगत हो गए थे। उनकी परिवारिक पेशन मात्र अब 10 हजार रुपये रह गई थी। वह शामिल नहीं हो पाया था। इसलिए सरकार सदन में यह संशोधन लाई है कि जो दिवंगत विधायकों के स्वजनों को 10 हजार रुपये पेशन मिली थी। अब 25 हजार रुपये पेशन कर दी गई है। यही इस विधेयक में संशोधन का एक मात्र तथ्य है।