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महाकुंभ में एक नाविक परिवार ने 45 दिनों में की 30 करोड रुपए तक की कमाई, सदन में बोले सीएम योगी

Maha Kumbh 2025 Success Story: सीएम योगी ने कहा कि एक नाविक परिवार जिनके पास 130 नौकाएं थीं, 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत की है 30 करोड रुपए की। यानी एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपए की कमाई की है। प्र

Sakshi Singh
Published on: 4 March 2025 9:55 PM IST
Maha Kumbh 2025 Success Story
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सीएम योगी आदित्यनाथ बजट सत्र में महाकुंभ 2025 सफलता स्टोरी को बताते हुए

Maha Kumbh 2025 Success Story: मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को देश के सामने और दुनिया के सामने रखने में सफल हुआ है। आपका कितना भी दुष्प्रचार था वह भारत की आस्था को कहीं डगमगा नहीं पाया। आपकी इन नकारात्मक बातों पर ना प्रदेश की जनता को और ना ही देश की जनता को ही विश्वास था। ये आपके लिए उल्टी गिनती है कि जनता अब आपकी बातों को सुनना ही बंद कर दी है। सीएम ने कहा कि सरकार ने इस आयोजन से जुड़कर 7.5 हजार करोड रुपए खर्च किए थे। यह खर्च सिर्फ कुम्भ के लिए नहीं था, बल्कि प्रयागराज जैसी पौराणिक सिटी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार करने का भी माध्यम था। प्रयागराज महाकुम्भ के बहाने इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देने में हम सफल हुए। 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण हुआ, 14 फ्लाईओवर बने, 9 अंडर पास बनाए गए, 12 कॉरिडोर बने। श्रंग्वेरपुर में भगवान राम और निषाद राज की गले मिलती प्रतिमा स्थापित कर कॉरिडोर बनाया, जिस पर आप कब्जा करवा रहे थे और हमने कॉरिडोर बनवाकर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत करने का कार्य करवाया है। आपके लिए यह वोट बैंक था, हमारे लिए विरासत थी, बस अंतर यही है कि हम विरासत की बात कर रहे हैं, आस्था की बात कर रहे हैं इसलिए जनता हमारे साथ है।

45 दिन में एक भी घटना नहीं घटी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग सामान्य बजट पर चर्चा में भाग ले रहे हैं तब प्रयागराज का महाकुम्भ अपनी भव्यता, दिव्यता और अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़कर संपन्न हो चुका है। आप कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक देश और दुनिया से प्रयागराज आए. 66 करोड़ में से आप मान कर चलिए कि कम से कम आधी आबादी तो महिलाओं की रही होगी, क्योंकि महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती है। एक भी छेड़खानी की घटना नहीं हुई, एक भी अपहरण की घटना नहीं, एक भी लूट की घटना नहीं, एक भी हत्या की घटना नहीं, एक भी ऐसा उदाहरण नहीं जो उत्तर प्रदेश को या भारत को या सनातन धर्मावलंबियों को कटघरे में खड़ा करता हो। 66 करोड लोग आ जाएं और सुरक्षित वापस अपने घरों को चले जाएं और वो खुशी-खुशी होकर जाएं। बहुत सारे लोग आना चाहते थे नहीं आ पाए, बहुत सारे लोगों को आने के लिए साधन नहीं मिल पाए, क्योंकि जो अनुमान था उससे कहीं ज्यादा श्रद्धालु वहां पहुंच रहे थे और उन स्थितियों में जो लोग नहीं आ पाए उनके मन में कसक थी की कुछ छूट गया, कुछ चूक हुई है, लेकिन जो आया, जिसने भी डुबकी लगाई, आस्था की डुबकी में जो भी आया अभिभूत होकर गया। यह भारत की विरासत का ऐसा अनुपम उदाहरण है कि इसके बारे में शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते।

विदेशी मीडिया भी महाकुम्भ को देखकर हुआ अभिभूत

सीएम योगी ने कहा कि अक्सर हम देखते हैं कि भारत के बारे में विदेशी मीडिया बहुत नकारात्मक टिप्पणी करता है। विदेशी मीडिया ने इस बार महाकुम्भ के बारे में जो टिप्पणी की है उसे जानना चाहिए। वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा कि यह एक ऐसा आयोजन था जहां अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग जुटे। बीबीसी ने लिखा, महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून कहता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह रहा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इस महाआयोजन में न केवल श्रद्धालु और पर्यटक, बल्कि नेता और हस्तियां भी पहुंची थीं। राइटर ने इसे डिजिटल कुम्भ बताया। इसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया था। गार्जियन ने कहा कि यह पर्वों का पर्व था, लोगों की उमंग और उत्साह चरम पर रहा। सीएनएन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 60 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए, यह आस्था की अभिव्यक्ति का शानदार नजारा है। यूनेस्को के डायरेक्टर टीम कर्टिस ने कहा कि यूनेस्को ने 2019 में कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दी। इससे पहले 1923 में इसके सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।

जो कोई नहीं कर सकता, वह भारत ने करके दिखाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित एक पत्रकार ने अपनी टिप्पणी में कहा कि महाकुम्भ का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर करना एक बड़ी हिम्मत का काम था और यह हिम्मत उत्तर प्रदेश सरकार ने दिखाई। यह आयोजन कितना सफल हुआ यह चमत्कार से कम नहीं। जब करोड़ों लोग एक साथ एक जगह पर आते हैं तो रिस्क होता है, महाकुम्भ के इस महा आयोजन ने यह साबित कर दिया है की यदि इच्छा शक्ति हो तो 66 करोड लोगों को मैनेज किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी का ठीक से इस्तेमाल किया जाए तो सिक्योरिटी प्रोवाइड की जा सकती है। कम्युनिकेशन स्किल हो तो करोड़ों लोगों के आने-जाने का इंतजाम हो सकता है। लोगों का सहयोग मिले तो रोज लाखों लोगों के खाने का इंतजाम किया जा सकता है। हमेशा डराने वाली पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो सकता है। हजारों धर्मगुरु और साधु संतों का मान रखा जा सकता है। गरीब और अमीर को बिना किसी भेदभाव के संगम में डुबकी का अवसर दिया जा सकता है। अगर बिजनेस की कुशलता हो तो 7.3 हजार करोड़ खर्च करके 3 लाख करोड़ से ज्यादा का लाभ हासिल किया जा सकता है। अफवाहों के बावजूद कुशल प्रबंधन से लोगों का भरोसा जीता जा सकता है। महाकुम्भ का यह आयोजन एक अग्नि परीक्षा थी। इस परीक्षा में केंद्र राज्य सरकार खरे उतरी है। पूरी दुनिया में सनातन का मान बढ़ा है।

सीएम योगी का एक्स पर पोस्ट

पूरी दुनिया में भारत की मैनेजमेंट स्किल, क्षमता और कुशलता के प्रति विश्वास बढ़ा है।पूरी दुनिया ने माना है कि जो कोई नहीं कर सकता है वह भारत ने करके दिखाया है। इस अभूतपूर्व आयोजन की गूंज पूरी दुनिया में वर्षों तक सुनाई देगी। यह भारत में सनातन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। सीएम योगी ने कहा कि हमारे कुछ विपक्षी दलों से जुड़े राज्य सरकारों के नेता महाकुम्भ में आए थे, उनमें कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने लिखा कि इस पवित्र आयोजन के लिए सभी आयोजकों को धन्यवाद। यह किसी के भी जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है। सरकार ने यहां करोड़ों लोगों के लिए जो व्यवस्था की है वह कोई छोटा काम नहीं है। सरकार ने अच्छा काम किया है। महाकुम्भ का साक्षी बनकर बहुत खुश हूं। यह शानदार आयोजन था।

आर्थिक रूप से भी सफल रहा महाकुम्भ

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के आर्थिक पक्ष की भी चर्चा करते हुए कहा कि 2019 में काशी विश्वनाथ धाम और 2020 में राम मंदिर के बाद प्रयागराज महाकुम्भ इसके चरम उत्कर्ष रूप के रूप में देश और दुनिया के सामने आया है। विरासत और विकास के साथ आस्था को आर्थिकी के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है, इसके कुछ उदाहरण भी हैं। जिसमें कैट ने स्वयं कहा है कि महाकुम्भ में लगभग 3 लाख करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ है। महाकुम्भ 2025 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढे तीन लाख करोड रुपए के लाभ का अनुमान है और प्रयागराज और आसपास के जनपदों को इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर ने भी कहा है कि महाकुम्भ के कारण उपभोग खर्च में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे चालू वित्त वर्ष में भारत को 6.5 की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी। इस मामले में जो विभिन्न प्रकार के अनुमान लगाए गए हैं उसके अनुसार होटल उद्योग में 40000 करोड़ का, खाने-पीने और दैनिक उपयोग की चीजों में 33000 करोड़ का, परिवहन में 1.5 लाख करोड़ का, पूजन सामग्री में 20000 करोड़ का, दान आदि में 660 करोड़ का, टोल टैक्स में 300 करोड़ का और अन्य में लगभग 66000 करोड़ का कुल 3 लाख 960 करोड रुपए की आर्थिक समृद्धि प्रदेश को प्राप्त होने वाली है।

बताई नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 नए आस्था के कॉरिडोर प्रयागराज महाकुम्भ में बने हैं और उसका लाभ पूरे प्रदेश में मिला और इन पांच कॉरिडोर में प्रयागराज से मां विंध्यवासिनी धाम और काशी के लिए एक, प्रयागराज से अयोध्या और गोरखपुर के लिए दो, प्रयागराज से श्रंग्वेरपुर और लखनऊ-नैमिषारण्य के लिए तीन, प्रयागराज से लालापुर, राजापुर और चित्रकूट का चौथा और प्रयागराज से मथुरा-वृंदावन और शुकतीर्थ का पांचवां कॉरिडोर है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। उन्होंने कहा कि नाविकों के शोषण को लेकर भी आपने चर्चा की। आपका कहना है कि हमने उनकी देखभाल नहीं की। मैं एक नाविक परिवार की एक सक्सेस स्टोरी यहां बता रहा हूं। एक नाविक परिवार जिनके पास 130 नौकाएं थीं, 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत की है 30 करोड रुपए की। यानी एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपए की कमाई की है। प्रतिदिन की अगर आप उनकी बचत देखेंगे तो यह लगभग 50 से लेकर 52000 तक की इनकम की है। प्रयागराज में नाविकों के लिए भी हमने पैकेज की घोषणा की है।

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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