TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP By Election 2024: अखिलेश बनाम योगी, जारी है सपा कांग्रेस की आपसी जोर आजमाइश

UP By Election 2024: विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अभी तक सपा और कांग्रेस के बीच तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। कांग्रेस की ओर से पांच सीटों की डिमांड रखी गई है मगर सपा कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिख रही है

Anshuman Tiwari
Published on: 20 Sept 2024 6:40 PM IST
UP By Election 2024
X

UP By Election 2024 

UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अभी तक सपा और कांग्रेस के बीच तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। कांग्रेस की ओर से पांच सीटों की डिमांड रखी गई है मगर सपा कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत दिखाने वाली इन दोनों पार्टियों की ओर से एक-दूसरे पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।


भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाल रखा है और वे उपचुनाव वाली सीटों पर धुंआधार प्रचार करने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर सपा और कांग्रेस के बीच सीटों की गुत्थी उलझी होने के कारण अभी तक प्रचार अभियान की विधिवत शुरुआत नहीं हो चुकी है। इस बीच कांग्रेस ने इन सभी सीटों पर प्रभारी और पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिए हैं।

कांग्रेस ने बना रखा है सपा पर दबाव

उपचुनाव वाली 10 सीटों को लेकर पैदा हुए गतिरोध को सुलझाने के लिए अभी तक सपा और कांग्रेस के बीच एक भी बैठक नहीं हुई है। इसलिए अभी तक तस्वीर पूरी तरह उलझी हुई है। वैसे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी के लिए पांच सीटों की डिमांड रखी है। कांग्रेस की ओर से उन पांच सीटों की डिमांड रखी गई है, जिन पर 2022 के चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को जीत हासिल नहीं हो सकी थी। कांग्रेस ने जिन सीटों पर नज़रें गड़ा रखी हैं,उनमें गाजियाबाद, खैर,मीरापुर,फूलपुर और मझवां सीटें शामिल हैं।


कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन मजबूत बनाना चाहती है और इसी कारण पार्टी की ओर से इन पांच सीटों की डिमांड रखी गई है। वैसे प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए उपचुनाव वाली सभी 10 सीटों पर प्रभारी और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है। इसके साथ ही इन सभी क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने का भी ऐलान किया जा चुका है।

कांग्रेस के तर्क को सपा ने नकारा

वैसे समाजवादी पार्टी कांग्रेस की ओर से रखी गई पांच सीटों की मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है। सपा नेताओं की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से की जा रही दावेदारी जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। इन नेताओं का कहना है कि अगर सिर्फ हार को ही आधार बनाया जाएगा तो कांग्रेस की ओर से 2027 के विधानसभा चुनाव में 293 सीटों की दावेदारी की जा सकती है।

सपा नेताओं का कहना है कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में मजबूती के आधार पर ही सीटों का बंटवारा किया जाना चाहिए। सपा कांग्रेस को पांच सीटें देने के लिए इसलिए भी तैयार नहीं है क्योंकि पार्टी नेताओं का मानना है कि फिर कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों के लिए दबाव बनाने लगेगी।

कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देना चाहती है सपा

सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे का पेंच इसलिए उलझा हुआ है क्योंकि सपा नेतृत्व कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देना चाहता है। सपा की ओर से कांग्रेस को सिर्फ गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट देने की बात कही जा रही है जबकि कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन दोनों सीटों पर लंबे समय से भाजपा ने कब्जा बना रखा है और उपचुनाव के दौरान भाजपा को इन सीटों पर शिकस्त देना आसान नहीं होगा।


राहुल-अखिलेश की मुलाकात से सुलझेगी गुत्थी

दरअसल कांग्रेस सपा से ऐसी सीटें झटकना चाहती है जहां वह अपनी ताकत दिखा सके और 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी को और मजबूत बना सके। हालांकि सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच लोकसभा चुनाव के पहले से ही अच्छी बॉन्डिंग दिखती रही है।


ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं की आपसी बातचीत के जरिए सीटों की इस उलझी गुत्थी को सुलझाया जा सकता है। कांग्रेस की ओर से गठबंधन के साथियों को साथ लेकर चलने की वकालत की जाती रही है। इस कारण सियासी जानकारों का मानना है कि दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व की चर्चा के बाद इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।



\
Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story