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UP By Election: कटेहरी में बहनजी ने बढ़ाई सपा की मुश्किलें,धर्मराज निषाद को उतारने के पीछे BJP की खास रणनीति

UP By Election: धर्मराज वर्ष 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। 2002 में भी वे बसपा से जीते। वर्ष 2007 में बसपा के ही टिकट पर उन्होंने जीत की हैट्रिक पूरी की।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 25 Oct 2024 12:22 PM IST (Updated on: 25 Oct 2024 12:22 PM IST)
UP By Election: कटेहरी में बहनजी ने बढ़ाई सपा की मुश्किलें,धर्मराज निषाद को उतारने के पीछे BJP की खास रणनीति
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UP By Election: प्रदेश में नौ सीटों पर हो रहे हो उपचुनाव में तीनों प्रमुख दलों भाजपा,सपा और भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद हो रहे इस उपचुनाव में सियासी दलों की ताकत की बड़ी परीक्षा होनी है और यही कारण है कि सभी दलों ने उपचुनाव के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव सपा सांसद लालजी वर्मा के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है क्योंकि पार्टी ने इस सीट पर उनकी पत्नी शोभावती वर्मा को टिकट दिया है।

भाजपा ने गुरुवार को जारी की गई सूची में इस सीट पर धर्मराज निषाद को उतारने का ऐलान किया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कटेहरी उपचुनाव में अमित वर्मा को उतार कर कुर्मी वोट बैंक में सेंधमारी की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है। मायावती का यह कदम सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा की मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

कटेहरी में लालजी वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर

कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बसपा सरकार में ताकतवर मंत्री रहे लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को उतार कर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार की है। सपा के टिकट पर अंबेडकरनगर से लोकसभा का चुनाव जीतने वाले लालजी वर्मा की इस इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस विधानसभा क्षेत्र में सपा के टिकट के कई दावेदार थे मगर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लालजी वर्मा पर ही भरोसा किया।



लालजी वर्मा पहले अपनी बेटी छाया वर्मा को इस सीट से लड़ाना चाहते थे मगर बाद में उपचुनाव होने के कारण उन्होंने जोखिम लेने से परहेज किया। कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले लालजी वर्मा ने फिर अपनी पत्नी का नाम आगे किया जिस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुहर लगा दी। ऐसे में प्रत्याशी भले ही शोभावती वर्मा हों मगर असली चुनाव लालजी वर्मा को ही लड़ना है और उनकी प्रतिष्ठा इस उपचुनाव में दांव पर लगी हुई है।

धर्मराज निषाद की इलाके में मजबूत पकड़

भाजपा ने इस सीट पर पूर्व मंत्री धर्मराज निषाद को उतार कर सपा को घेरने का प्रयास किया है। इस सीट को लेकर पिछले कई दिनों से कयासबाजी चल रही थी मगर आखिरकार पार्टी ने अति पिछड़े वर्ग के धर्मराज निषाद पर भरोसा जताया है। धर्मराज निषाद की भी इस इलाके पर मजबूत पकड़ मानी जाती है।धर्मराज वर्ष 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। 2002 में भी वे बसपा से जीते। वर्ष 2007 में बसपा के ही टिकट पर उन्होंने जीत की हैट्रिक पूरी की। बसपा सरकार में वे मत्स्य मंत्री भी बने।



निषाद समुदाय का मिल सकता है समर्थन

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वे बसपा अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर जौनपुर जिले के शाहगंज से चुनाव लड़े, लेकिन सपा के ललई यादव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 2022 में अकबरपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। अब भाजपा ने एक बार फिर उन्हें कटेहरी से चुनाव मैदान में उतार दिया है। कटेहरी में निषाद जाति के काफी मतदाता होने के होने के कारण भाजपा का यह दांव काफी अहम माना जा रहा है।

मायावती ने सपा के लिए खड़ी कर दीं मुश्किलें

कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में बसपा मुखिया मायावती ने कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले अमित वर्मा को चुनाव मैदान में उतार दिया है। अमित वर्मा कुछ समय पूर्व कांग्रेस का जिलाध्यक्ष पद छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे और इसके बाद उन्होंने बसपा मुखिया मायावती से मुलाकात की थी। मायावती ने उन्हें कटेहरी विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाया था जिसके बाद उन्हें टिकट मिलना तय हो गया था।

अमित वर्मा उर्फ जितेंद्र भैया 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कटेहरी से लड़ चुके हैं। इस चुनाव में उन्होंने 12 हजार वोट हासिल किए थे। 2020 में उन्हें कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनाया गया था मगर जून महीने के दौरान उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। अब बसपा मुखिया मायावती ने कटेहरी में उन्हें उतार कर बड़ी सियासी चाल चल दी है।



कटेहरी विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां सबसे ज्यादा कुर्मी मतदाता हैं। कटेहरी में कुर्मी मतदाताओं की संख्या करीब 45 हजार है। सपा और बसपा दोनों दलों की ओर से कुर्मी प्रत्याशी उतारे जाने से इस वोट बैंक में बंटवारे की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है जानकारों का मानना है कि मायावती ने अमित वर्मा के जरिए सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।

इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम और निषाद मतदाता भी जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। इस क्षेत्र में करीब 40 हजार मुस्लिम और 30 हजार निषाद मतदाता हैं। ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं की संख्या करीब 80 हजार बताई जाती है।

ऐसे में भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद की चुनावी संभावनाएं भी काफी मजबूत दिख रही हैं। यदि वे निषाद समुदाय के वोट के साथ ही ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे तो सपा और बसपा दोनों दलों की नैया पार लगना मुश्किल हो जाएगा। भाजपा ने इसी जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर धर्मराज निषाद को मैदान में उतारा है और पार्टी की यह रणनीति बड़ा असर दिखा सकती है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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