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UP By-Election: प्रदेश की जिला पंचायतों में कब्जा जमाने को सपा तैयार, दो दिन बाद शुरू होगा ऑपरेशन
UP By-Election: पंचायत चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाली सपा ने उपचुनाव में भी भाजपा को चित करने का मन बना रखा है।
UP By-Election: प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के बाद अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने जिला पंचायतों पर नजर गढ़ा दी है। प्रदेश की सर्वाधिक जिला पंचायतों और विकास खंडों पर सपा नेताओं को काबिज कराने के लिए पार्टी ने पूरी रणनीति बना रखी है। दो दिन बाद ऑपरेशन जिला पंचायत शुरू होगा, जो भाजपा (BJP) खेमे का होश उड़ाने वाला साबित हो सकता है।
प्रदेश में पंचायत उपचुनाव ( UP Panchayat By-Election) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 14 जून तक प्रदेश के सभी ग्राम प्रधान, ग्राम, विकास खंड व जिला पंचायत सदस्य की रिक्त हुई सीटों पर चुनाव करा लिए जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि जून के दूसरे पखवारे में जिला पंचायत व ब्लॉक पंचायत अध्यक्षों का भी चुनाव हो जाएगा। पंचायत चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाली समाजवादी पार्टी ने इन चुनावों में भी भाजपा को पटखनी देने का मन बना रखा है। सपा ने सभी जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए अपना जाल फैला दिया है।
भाजपा ने किया दावा
बताया जा रहा है कि भाजपा की अलोकप्रियता बढ़ने और बसपा के भाजपा की बी-टीम बनने के बाद अब जिलों की राजनीति में सपा का सिक्का बोलने लगा है। भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह प्रदेश के कम से कम 65 जिलों में अपनी पंचायत सरकार बनाने की स्थिति में है। हर जिले में भाजपा के बागी बड़ी तादाद में जीते हैं। पार्टी उन्हें वापस लाकर जिला पंचायत की कुर्सी भी हासिल कर लेगी लेकिन सपा खेमा इस दावे को मानने के लिए तैयार नहीं है।
लोग भाजपा से निराश हैं- सपा नेता
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज ट्रैक से कहा कि भाजपा के दावे पर मत जाइए। जमीनी हकीकत इससे उलट है। लोग भाजपा से निराश हैं। जनता ने भी इसका फैसला सुनाया है। जनता के वोट से चुने गए सदस्य भी जन भावना के अनुरूप ही काम करेंगे। दूसरे राजनीतिक दलों के बड़े नेता खुलकर सपा के साथ आ रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में ही देखने को मिलेगा कि किस तरह से दूसरे दलों के बड़े नेता अपनी पार्टी छोडक़र सपा के साथ आ जाएंगे। विभिन्न नेताओं के सपा में साथ आने के बाद भाजपा नेता अपना दावा वापस ले लेंगे। सपा के एक अन्य नेता ने बताया कि दो दिन तक इंतजार करें। जून महीने का पहला सप्ताह बीतने के बाद हर जिले से नेताओं की फ ौज टूटकर आ रही है । सभी सपा नेता अखिलेश यादव के साथ होंगे। इसके साथ ही प्रदेश की जिला पंचायत में अध्यक्ष बनने वालों की तस्वीर सामने आ जाएगी।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन हुआ मजबूत
जिला पंचायत चुनाव के मद्देनजर पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलाव शुरू होता दिख रहा है। विभिन्न जिलों में बसपा व अन्य राजनीतिक दलों को छोडक़र कई बड़े नेता सपा व रालोद के साथ आ चुके हैं। मुजफ्फरनगर में कांग्रेस और बीएसपी के कई लोग राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम चुके हैं। आरएलडी के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक गुर्जर ने दावा किया है कि जूली जाटव और भीष्म गुर्जर ने राष्ट्रीय लोकदल में आस्था जताई है। जूली जाटव कांग्रेस से और भीष्म गुर्जर बसपा से चुनाव जीते हैं। सपा सूत्रों ने बताया कि अन्य जिलों में भी जिला पंचायत व विकास खंड पंचायत सदस्य सपा में आने के लिए तैयार हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की हरी झंडी मिलने के बाद नए लोगों की ज्वाइनिंग कराई जाएगी। इसके साथ ही जिला पंचायत जीतो अभियान भी जोर पकड़ लेगा। बसपा में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। अपना राजनीतिक भविष्य सुरक्षित रखने के लिए जिलों में सभी प्रमुख दावेदार सपा के साथ आने के लिए तैयार हैं। सपा मुख्यालय में दो दिन बाद से ही विभिन्न दलों की ज्वाइनिंग का नजारा देखने को मिल सकता है। सपा के ऑपरेशन जिला पंचायत को शुरू होने दीजिए, भाजपा के दावे हवा में फुस्स हो जाएंगे और इनके नेता जमीन पर चारों खाने चित्त दिखाई देंगे।