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पतंजलि मेगा फूड पार्क पर कैबिनेट की मुहर, जमीन हुई ट्रांसफर, 11 प्रस्तावों को मंज़ूरी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यमुना एक्सप्रेसवे के क़रीब प्रस्तावित पतंजलि मेगा फूड पार्क को हरी झण्डी देते हुए भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है। आज यानि मंगलवार को लोक भवन में हुई कैबिनेट मीटिंग में 11 अहम प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली है। जिस में पैरामेडिकल ट्रेनिंग कालेज झांसी के निर्माण में लागत के अलावा यूपी कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेंट योजना के तहत हमीरपुर - राठ मार्ग के निर्माण परियोजना के इस्टीमेट पर कैबिनेट की मुहर लग गई है।
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ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे पर बाबा रामदेव के प्रस्तावित पतंजलि फ़ूड पार्क को कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। दरअसल 2 नवम्बर 2016 को तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद एवं हर्बल पार्क के लिए 455 एकड़ ज़मीन आवंटित की थी। बाबा रामदेव की पतंजलि यहाँ पर मेगा फ़ूड पार्क डेवलप करना चाहती थी। सरकारी लिखा पढ़ी में उलझी यह योजना उस वक़्त अधर में लटकती हुई नज़र आने लगी थी। जब पतंजलि प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाने की धमकी दे दी थी। जिस के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो बार बाबा रामदेव से बात हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले जल्द ही कैबिनेट में पास करवाने का आश्वासन दिया था।
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राज्य सरकार ने पतंजलि से भूमि हस्तांतरण और सहमती देने के लिए केंद्र सरकार से 30 जून तक का वक़्त मांगा था। आईडीसी अनूप चन्द्र पाण्डेय ने बताया कि 2 नवम्बर 2016 जिन शर्तों और नियमो के तहत ज़मीन दी गई थी उस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने ने बताया कि 455 एकड़ ज़मीन 25 फीसदी रियाती डॉ पर दी गई थी। इस के अलावा सब लीज़ को लेकर दिक़्क़त थी अब 20 फीसदी ज़मीन सब लीज़ की जा सकती है। उन्होंने बताया कि ज़मीन पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के नाम से दी गई थी। इस में अब पतंजलि मेगा फूड पार्क का नाम भी जोड़ दिया गया है।
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कैबिनेट बैठक में यूपी कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेंट योजना के तहत हमीरपुर - राठ मार्ग के निर्माण परियोजना के इस्टीमेट पर मुहर लग गई है। विश्व बैंक ने 72 किलोमीटर लम्बी इस रोड के लिए 400 मिलियन डॉलर यानि 2680 करोड़ रूपए एप्रूव किये हैं। 2 लेन की इस सड़क को 24 माह में तैयार करने की योजना है। इस के अलावा पर्यटन की दृष्टि से फैज़ाबाद और वाराणसी के दो प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली है। फैज़ाबाद में केंद्र की परियोजना स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट हाऊस पर 133.30 करोड़ की परियोजना को मंज़ूरी मिली है। जिस के तहत अयोध्या बाईपास पर संस्कृत विभाग की ज़मीन को पर्यटन विभाग को हस्तानांतरित करने को कैबिनेट की मंज़ूरी मिल गई है। यहाँ पर बस डिपो बनाये जाने का प्रस्ताव है। इस के अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाक़े को डेवलप करने के लिए सरकार ने 166 मकान और ज़मीन खरीद के प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए 413 करोड़ के बजट को मंज़ूरी दे दी है।
कैबिनेट में बाढ़ सागर नहर परियोजना के 3420 करोड़ के बजट को मंज़ूरी देने के अलावा औद्योगिक विकास विभाग के दो और प्रस्तावों को मंज़ूरी मिल गई है। जिस के तहत अब यूपीएसआईडीसी का नाम बदल कर यूपीसीडा कर दिया गया है।