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यूपी में सीएम को लेकर उठा सियासी तूफान, क्या पीएम देंगे योगी को 2019 तक अभयदान

नई दिल्ली: सियासत की नजर में सबसे जटिल प्रदेश यूपी में 2 सीटों की हार ने बीजेपी को सर के बल खड़ा कर दिया है। अब आगे क्या? इसी उधेड़बुन में दिल्ली से बीजेपी आलाकमान ने सीएम को तलब कर लिया। बीजेपी सहित जनता के भी एक धड़े में सीएम बदलने की चर्चाएं चलने लगीं हैं। आज दिल्ली

tiwarishalini
Published on: 16 March 2018 11:29 AM IST
यूपी में सीएम को लेकर उठा सियासी तूफान, क्या पीएम देंगे योगी को 2019 तक अभयदान
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मनोज द्विवेदी मनोज द्विवेदी

नई दिल्ली: सियासत की नजर में सबसे जटिल प्रदेश यूपी में 2 सीटों की हार ने बीजेपी को सर के बल खड़ा कर दिया है। अब आगे क्या? इसी उधेड़बुन में दिल्ली से बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष सहित बड़े नेताओं को तलब कर लिया। बीजेपी सहित जनता के भी एक धड़े में सीएम बदलने की चर्चाएं चलने लगीं हैं।

आज दिल्ली में प्रस्तावित हाईलेवल मीटिंग के बाद यूपी के लिए कुछ चौंकाने वाले परिणाम भी आ सकते हैं--

सरकार में सब ठीक नहीं

यूपी में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच चल रहे शीतयुद्ध को सभी जानते हैं। डीजीपी की नियुक्ति में महीने भर पद खाली रखना भी सरकार का बड़ा फेल्योर था और इसका गलत सन्देश गया। इतना ही नहीं संगठन के नेताओं और सीएम के मध्य भी तनातनी की खबरें लखनऊ के सियारी गलियारों में तैरती रहती है। सरकार ने इन्वेस्टर समिट की जल्दबाजी में वे काम नहीं किये जिसकी घोषणा उन्होंने सरकार बनाते ही की। सड़कों को गड्ढामुक्त करने की योजना लालफीताशाही का शिकार हो गयी. ऐसे कई मुद्दे हैं जिससे सरकार और संगठन, पदाधिकारी, मंत्री और कार्यकर्ताओं के बीच सुलभ सम्बन्ध नहीं है। हार के इन कारणों पर दिल्ली में दो दिनों से चर्चा हो रही है।

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पीएम के लिए महत्वपूर्ण है यूपी

प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ यूपी के बनारस से सांसद हैं बल्कि प्रदेश ने उन्हें 73 सीटें देकर संसद की चौखट तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा साथ दिया है। दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं की उनकी नजर हमेशा प्रदेश पर रहती है।

2019 का चुनाव नजदीक है इसलिए वे जनता के रुझान को समझेंगे। यूपी में बीजेपी को 71 और सहयोगी अपना दल को 2 सीटें मिली थीं। अगले चुनाव में इन्हे रिटेन कर पाना पीएम के लिए भी चुनौती है।

जानकार लोग बताते हैं की यूपी के चुनाव परिणाम के बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सभी विकल्पों पर चर्चा कर रहा है। शुक्रवार दोपहर की बैठक के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी।

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मनोज सिन्हा का नाम फिर उछला

गुरूवार देर रात प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को दिल्ली बुलाया गया तो कई चर्चाओं ने जोर पकड़ा। कहीं मनोज सिन्हा का नाम उछला तो कहीं राजनाथ सिंह को यूपी की कमान देने की बात हुई। हालाँकि दोनों नेताओं की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पार्टी आने वाले चुनावों को लेकर कोई रिस्क नहीं लेगी। वहीं कुछ का मानना है की सीएम योगी आदित्यनाथ को 2019 चुनावों तक अभयदान मिल सकता है लेकिन कई शर्तों के साथ।



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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