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Lucknow: 'नेताजी ने राजनीति में स्थापित होने की बजाय क्रांति का रास्ता चुना, प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद बोले CM योगी
Netaji Subhash Chandra Bose: लखनऊ में सीएम योगी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री ने नेताजी को याद करते हुए कई बातें कही।
Netaji Subhash Chandra Bose : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार (23 जनवरी) को राजधानी लखनऊ में परिवर्तन चौक पर सुभाष चंद्र बोस की जयंती (Birth anniversary of Subhash Chandra Bose) पर नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, 'आजादी के आंदोलन के दौरान अनेक ऐसे अवसर आए जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत की राजनीति में स्थापित हो सकते थे। मगर, इससे इतर उन्होंने हमेशा क्रांति का मार्ग चुना।'
सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाते हुए उन्हें नमन किया। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि 'नेताजी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) में दाखिला लिया था। पढ़ाई के दौरान उनका चयन उस समय की प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा ICS में हुआ था। लेकिन, उन्होंने सेवा ज्वाइन नहीं की। क्योंकि उन्हें देश को गुलाम बनाने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़नी थी। ऐसे में हम देश के लिए उनकी अधिनियकता को स्वीकार करके किसी भी बड़े पद को ठुकरा सकते हैं।इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री और कई विधायकों ने नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
नेताजी ने सदैव क्रांति का मार्ग चुना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में नेताजी द्वारा किए गए योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी 2021 को इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का आवाह्न किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस पर विभिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्यक्रम के जरिये पूरे देश को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने का अवसर दिया है। हम सब जानते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म भारत के तत्कालीन बंगाल प्रांत और आज के उड़ीसा प्रांत के कटक में हुआ था। नेताजी ने अपनी कुशाग्र बुद्धि की वजह से आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराया और देश की आजादी के आंदोलन के साथ जुड़े। आंदोलन के दौरान उन्हे ऐसे कई अवसर मिले, जिसके जरिये वह देश की राजनीति में स्थापित हो सकते थे, लेकिन इससे इतर उन्होंने सदैव क्रांति का मार्ग चुना।
नेताजी के दिए स्लोगन आज भी हर युवा की जुबान पर
नेताजी ने देश के हर नागरिक के मन में राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा हो, इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीयता के मार्ग का सदैव अनुसरण किया और देशवासियों को इसके लिए प्रेरित किया। वह इसके सदैव पक्षधर थे। वह देश ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों जैसे जर्मनी, जापान और सिंगापुर में रहकर वहां के भारतवंशियों के साथ मिलकर देश की आजादी की अलख जलाते रहे। उन्होंने देश की आजादी के लिए जिन मार्गों का उस काल खंड में अनुसरण किया उसमें आजाद हिंद फ़ौज जीता जागता उदाहरण है। नेताजी ने उस समय जो स्लोगन दिये जैसे दिल्ली चलो, जय हिंद का नारा आज भी हम सब के अंदर नया रोमांच पैदा करता है। उन्होंने देश के युवाओं के मन में आजादी का भाव पैदा करने के लिए तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा दिया जो आज भी हर जवान की जुबान पर अक्सर सुनने को मिलता है, जो हर भारतवसियों को रोमांचित करता है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश नेताजी के सपने को साकार कर रहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबाेधन में कहा कि, 'आजादी के अमृत महोत्सव के भव्य आयोजन के साथ देश आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में इस वर्ष नेताजी की जयंती पर उनकाे नमन करना मेरे लिए अत्यंत महान अवसर है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर युवा में आंदोलन की अलख जलाई। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं निश्चित रूप से यह नेताजी जैसे अमूल्य सपूतों और अाजादी के महानायकों के सपनों को साकार कर रहे हैं, जो उन्होंने देखा था। नेताजी ने देश को सुरक्षित और स्वावलंबी बनाने के लिए जो सपना देखा था उस सपने को साकार करने के लिए देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि हर भारतवासी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने को साकार करने के लिए अपने स्तर पर योगदान देगा।'