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सात दशकों से निकल रही नृसिंह शोभायात्रा में शामिल हुए CM योगी, कहा- 'प्रह्लाद की तरह अडिग रहें'

गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिका दहन राख से तिलक लगाने के साथ होती है। आज सीएम योगी ने पूरे विधान से इसे किया।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By aman
Published on: 19 March 2022 4:00 PM IST (Updated on: 19 March 2022 5:07 PM IST)
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भगवान नृसिंह की होलिकोत्सव शोभायात्रा

होली के पावन पर्व पर हर वर्ष निकलने वाली भगवान नृसिंह (Lord Narasimha) की होलिकोत्सव शोभायात्रा पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से निकलती आ रही है। इस यात्रा में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) वर्ष 1996 से लगातार शामिल हो रहे हैं।

औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को संबोधित किया। उन्होंने मौजूद जनता और प्रदेश के लोगों को होली की बधाई दी। कहा, कि 'दो साल के बाद यह पर्व हम फिर से बिना कोरोना और बंदिशों के मना रहे हैं। यह ख़ुशी देती है।'

पर्व अतीत में ले जाता है

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, होली का पर्व हमें अतीत से जोड़ता है। होलिका और हिरण्यकश्यप हर समाज में मौजूद हैं। हिरण्यकश्यप और होलिका ने भक्त प्रह्लाद को उसके भक्ति मार्ग से डिगाना चाहा लेकिन सफल नहीं हो सके। हमें भी भक्त प्रह्लाद की तरह अपने मार्ग से डिगना नहीं चाहिए। प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भी जनता को धन्यवाद दिया। बोले, 'जनता ने राष्ट्रवादी सरकार को चुना है। कोरोना काल में भी केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने अच्छा काम किया। आज गरीबों को महीने में दो बार मुफ्त अनाज मिल रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है। इस दौरान उन्होंने कोरोना में निधन हुए लोगों और उनके परिवारों के लिए संवेदना जताई।

उन्होंने कहा, दो सालों में पहली बार होली पर कोरोना नियंत्रित है। यही वजह है कि हम सब इस आयोजन में आज शामिल हो सके। दूसरी खुशी की बात ये भी है, कि यूपी की जनता ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन के लिए सरकार चुनी है। पहली बार बीजेपी ने गोरखपुर की सभी 9 सीटें जीतीं।

ऐसे शुरू हुई शोभयात्रा

भगवान नृसिंह शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक नानाजी देशमुख (Nana ji Deshmukh) ने 1944 में की थी। गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में होलिका दहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी है। नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था। नानाजी के अनुरोध पर इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के कहने पर महंत अवेद्यनाथ (Mahant Avaidyanath) शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे और यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया।

5 किलोमीटर चलती है शोभायात्रा

बता दें कि, पांच किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने वाली इस शोभायात्रा में पथ नियोजन (Road planning) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) कार्यकर्ता करते हैं। भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर होकर, बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।

गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव

गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिका दहन राख से तिलक लगाने के साथ होती है। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ अन्य साधु संतों के साथ तुरही, नागफनी, मजीरा आदि वाद्य यंत्रों की ध्वनि के बीच होलिका दहन स्थल पर पहुंचते हैं। होलिका की राख का तिलक लगाने के बाद संत समाज मंदिर के मुख्य चबूतरे पर फाग गीतों का आनंद उठाते हैं। होलिका दहन हमें भक्त प्रह्लाद और भगवान श्री विष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के पौराणिक आख्यान से भक्ति की शक्ति का अहसास कराती है।

20 फीट का होगा RSS का ध्वज

इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ध्वज 20 फीट का होगा। बांसुरी की मधुर धुन के बीच ध्वज चढ़ाया जाएगा। जिसे बिगुल की गूंज के साथ उतारा जाएगा। शोभायात्रा में तुरही व नगाड़ा शामिल होंगे जिनसे अतिथियों का स्वागत होगा। भगवान नरसिंह की महाआरती होने के बाद तुरही व नगाड़ा की आवाज भी गूंजेगी। इस बार शोभायात्रा में पांच ट्रालियां शामिल की जाएंगी, जिन पर रंग घोलकर रखा होगा। हर ट्राली पर 15-20 स्वयं सेवक होंगे जो पिचकारियों सें लोगों पर रंगों की बौछार करेंगे। शोभायात्रा लगभग 8 किलोमीटर घूमती है। इस दौरान 200 किलोग्राम अबीर-गुलाल उड़ा दिए जाते हैं।










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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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