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आधी रात में 'संजीवनी' लेकर काशी पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस

शुक्रवार रात बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस वाराणसी के कैंट स्टेशन पहुंची, जिसके बाद लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।

Ashutosh Singh
Reporter Ashutosh SinghPublished By Shreya
Published on: 24 April 2021 12:29 PM IST
आधी रात में संजीवनी लेकर काशी पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस
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वाराणसी स्टेशन पहुंचती ऑक्सीजन एक्सप्रेस (फोटो साभार- ट्विटर)

वाराणसी: शहर में ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच ऑक्सीजन एक्सप्रेस (Oxygen express) उम्मीद की किरण बनकर आई है। शुक्रवार की आधी रात बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस वाराणसी (Varanasi) के कैंट स्टेशन पहुंची तो लोगों ने राहत की सांस ली। माना जा रहा है की अब अगले कुछ दनों तक शहर में ऑक्सीजन की किल्ल्त नहीं रहेगी और इसकी कमी से किसी मरीज की जान नहीं जाएगी। केंद्र सरकार और रेलवे की पहल पर बोकारो से चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात मेडिकल ऑक्सीजन लेकर वाराणसी पहुंची।

कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची लिक्विड ऑक्सीजन के तीन टैंकरों में से एक टैंकर को रामनगर ऑक्सीजन प्लांट में सुरक्षा के बीच भेजा गया। वहीं दो टैंकरों को ऑक्सीजन एक्सप्रेस से लखनऊ के लिए रवाना किया गया है। खबरों के मुताबिक, शुक्रवार की देर शाम बोकारो स्थित स्टील प्लांट से ऑक्सीजन लेकर यह स्पेशल ऑक्सीजन एक्सप्रेस यूपी के लिए रवाना हुई थी और देर रात लगभग 1:50 बजे वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची।

यहां भारी सुरक्षा के बीच लिक्विड ऑक्सीजन से भरे 16 मीट्रिक टन के एक टैंकर को इस एक्सप्रेस से उतारा गया।ऑक्सीजन एक्सप्रेस से उतारे गए टैंकर को रामनगर स्थित ऑक्सीजन प्लांट ले जाया गया है। जहां पर सिलेंडर्स में भरकर ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पतालों में की जाएगी।

गुरुवार को पहुंची थी ऑक्सीजन की पहली खेप

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की पहल पर बोकारो स्थित ऑक्सीजन प्लांट से एक टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन की पहली खेप बृहस्पतिवार देर रात वाराणसी के रामनगर पहुंची।वहीं रात से ही कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू कराई गई।दरअसल वाराणसी के 45 कोविड अस्पताल संचालित हैं। इन अस्पतालों में कुल 1600 ऑक्सीजन युक्त बेड हैं। मौजूदा कोरोना के हालात के मद्देनजर शहर में प्रतिदिन 7000 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है। जबकि सप्लाई सिर्फ 4000 सिलेंडर की हो पा रही है। मतलब डिमांड और सप्लाई में दो गुने का फर्क है। माना जा रहा है की ऑक्सीजन एक्सप्रेस के आने से अगले चार दिनों तक ऑक्सीजन की किल्ल्त नहीं रहेगी। इसके अलावा शहर के बंद पड़े प्लांट भी शुरु हो रहे हैं।

ऑक्सीजन (फोटो- न्यूजट्रैक)

'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' से बढ़ी उम्मीद

दरअसल कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिए कि उद्योगों में ऑक्सीजन सप्लाई फिलहाल रोक दी जाए, अगर अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत है। लिहाजा अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए रेल मंत्री की पहल पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई जा रही है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा 'PM नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा देश भर में ऑक्सीजन आपूर्ति का कार्य निरंतर जारी है। बोकारो-लखनऊ के बीच, दूसरी 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' के माध्यम से वाराणसी में भी ऑक्सीजन आवश्यकता की आपूर्ति की गयी।इससे वाराणसी में कोरोना रोगियों के लिये ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।'

बोकारो में होता है बड़े पैमाने पर लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन

कोरोनाकाल में देशभर की निगाहें झारखंड के बोकारो पर आकर टिक गई हैं।बोकारो स्टील प्लांट में आइनोक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की मदद से बड़े पैमाने पर लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। बोकारो स्टील प्लांट में रोज 150 टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है। अब कोरोना महामारी को देखते हुए प्लांट में ज्यादा से ज्यादा काम और ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई करने की कवायद की जा रही है, ताकि ऑक्सीजन से ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।



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Shreya

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