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विटामिन्स और जरूरी दवाओं को बेवजह न करें स्टोर, बढ़ रही किल्लत
आज हालात यह है कि आइवरमैक्टिन से लेकर जिंकोविट या सक्सी सी और ए टू जेड जैसी दवाओं की बाजार में किल्लत हो गई है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी की दूसरी लहर में दवा आपूर्ति या तो प्रभावित हो रही है या महामारी से सहमी जनता ने कोरोना संक्रमित मरीजों को दी जाने वाली दवा बड़े पैमाने पर स्टोर कर ली है या इसकी ब्लैकमार्केटिंग हो रही है। आज हालात यह है कि आइवरमैक्टिन से लेकर जिंकोविट या सक्सी सी और ए टू जेड जैसी दवाओं की बाजार में किल्लत हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि इस समय लोगों को खुद से ऐसी दवाएं खरीद कर स्टोर करने या खाने से बचना चाहिए। उन्हें ये दवाएं डॉक्टर से पूछकर ही लेनी चाहिए।
असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग से जब दवाओं की कमी के बारे में विभिन्न स्रोतों से आ रही जानकारी को कन्फर्म करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि क्या कहा जा रहा मेरी जानकारी में नहीं है। मै इस समय व्यवस्था में लगा हुआ हूं। इसके बाद ही मीडिया से बात हो पाएगी
स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा इन दवाओ की जाने वाली खरीद से कोरोना संक्रमित या पोस्ट कोविड मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का संकट खड़ा हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन व विशेषज्ञ चिकित्सक विटामिन-सी का उपयोग संक्रमण खत्म करने में अहम मान रहे हैं। कोरोना वायरस की मारक क्षमता कम करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना अति आवश्यक है। इसके लिए विटामिन-सी के सेवन की संस्तुति पूरे विश्व में की जा रही है। इसके चलते लोगों में विटामिन के अंधाधुंध सेवन की प्रवृत्ति बढ़ी है।
सभी को उपलब्ध हो सके दवाइयां
दवाओं की इस अचानक से बढ़ी खरीदारी से मेडिकल स्टोर्स में दवाओं की किल्लत हो गई है। मेडिकल स्टोर्स में मल्टी विटामिन और बुखार की गोलियां भी गायब हो रही हैं। तमाम जगह ग्राहकों को एक निश्चित मात्रा में ही दवाएं दी जा रही हैं, ताकि सबको दवा मिल सके।
कोरोना संक्रमित से संपर्क में आने वाले लोगों को दी जाने वाली आइवरमेकटिन दवा की भी शार्टेज हो गई है। इस संबंध में जब असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग दिनेश तिवारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हम युद्धस्तर पर व्यवस्था में लगे हुए हैं। यह समय इस तरह की बातों का नहीं है।
हालांकि दवाओं के बड़े कारोबारी ने कहा है कि विटामिन्स हो सकता है किसी मेडिकल स्टोर पर खत्म हुई हो लेकिन इसकी शॉर्टेज नहीं है। सभी दवाएं उपलब्ध हैं। और मरीजों को दी जा रही हैं।