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UP के किन जिलों में कहां से कितना आ रहा ऑक्सीजन, यहां जानें सबकुछ
कोरोना से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई और अधिक बढ़ाये जाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। डीआरडीओ वाराणसी अस्पताल तथा कानपुर के लिये ऑक्सीजन एक विशेष रेल के माध्यम से पहुंचाये जाने के साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ के लिये गुजरात से 80 मीट्रिक टन के टैंकर भरकर ऑक्सीजन कल तक उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। बीते 24 घंटे में रिकार्ड 994.83 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश भर में की गयी है। इसके अलावा सेल्फ प्रोडक्शन के तहत एयर सेपरेटर्स यूनिट्स के माध्यम से 78.46 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति की गयी है।
अपर मुख्य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी (Awanish Kumar Awasthi) ने बीते चौबीस घंटे में प्रदेश भर में हुई ऑक्सीजन की सप्लाई के बारे में बताया कि 586.58 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति रिफीलर्स को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा की गयी है। साथ ही 318.36 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सा संस्थानों को तथा 89.89 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति ऑक्सीजन सप्लायर्स द्वारा सीधे निजी चिकित्सालयों को की गई है। इस प्रकार कुल 994.83 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की सप्लाई बीते 24 घंटे में प्रदेश भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में की गयी है।
10 टैंकर पहुंचे लखनऊ
अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि जमशेदपुर से 10 ऑक्सीजन टैंकर कुल 80 मीट्रिक टन क्षमता के आज प्रातः 11 बजे लखनऊ पहुंचाया गया है। इसी प्रकार कानपुर के लिये 6 टैंकर लगभग 48 मीट्रिक टन क्षमता के उपलब्ध कराये गये हैं। डीआरडीओ लखनऊ के अस्पताल के लिए भी पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। साथ ही डीआरडीओ वाराणसी अस्पताल के लिये भी ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था की गयी है।
कानपुर के लिये कल 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन एक विशेष रेल के माध्यम से पहुंचाये जाने की व्यवस्था की गयी है। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ के लिये जामनगर गुजरात से 80 मीट्रिक टन के टैंकर भरकर ऑक्सीजन कल प्रातः तक उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग को तत्परता से पूरा करने के उद्देश्य से गृह विभाग में बने एक विशेष कन्ट्रोल रूम के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की ऑनलाइन मानीटरिंग की जा रही है।