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टीकाकरण में निजी अस्पताल फिसड्डी, लाखों वैक्सीन वापस, जानें पूरी वजह

UP Coronavirus Vaccination: ज़्यादातर लोग वैक्सीन लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों को ही तव्वजो दे रहे हैं। जनता निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने से कतरा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रुपयों का है।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Shivani
Published on: 7 Aug 2021 6:46 AM GMT (Updated on: 7 Aug 2021 7:13 AM GMT)
टीकाकरण में निजी अस्पताल फिसड्डी, लाखों वैक्सीन वापस, जानें पूरी वजह
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UP Coronavirus Vaccination : देश में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। रोज़ाना, लाखों लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। मग़र, ज़्यादातर लोग वैक्सीन लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों को ही तव्वजो दे रहे हैं। जनता निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने से कतरा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रुपयों का है। दरअसल, निजी अस्पतालों में शुल्क लेकर, तो सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, केंद्र सरकार ने 75 फीसदी वैक्सीन सरकारी अस्पतालों व 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पतालों को देने का निर्णय किया था। इसके मद्देनजर जहां सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन बचती ही नहीं है, तो प्रदेश के निजी अस्पतालों को 45 लाख वैक्सीन वापस करनी पड़ी।

Private Hospitals की बेरुखी ज़िम्मेदार

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 15 हजार निजी अस्पताल हैं, जिसमें से अब तक सिर्फ 104 अस्पताल ही टीका लगाने के लिए आगे आए हैं। इसी कारण जुलाई में निजी अस्पतालों के लिए तय 25 प्रतिशत कोटे की 47 लाख वैक्सीन में से 45 लाख टीके वापस हो गए। अगस्त में यूपी को कुल 2.08 करोड़ टीके मिलने हैं। इसमें 1.56 करोड़ वैक्सीन सरकारी अस्पतालों को और 52 लाख टीके निजी अस्पतालों के लिए हैं। वैक्सीन लगाने में निजी अस्पतालों का जुलाई जैसा ही रवैया रहा, तो अगस्त में भी 50 लाख टीकों से प्रदेशवासी वंचित हो सकते हैं।


केंद्र सरकार को लिखा गया पत्र

राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने बताया कि 'निजी अस्पतालों की बची वैक्सीन सरकारी अस्पतालों को दिए जाने के लिए केंद्र को पत्र लिखा गया है। टीकाकरण के मामले में यूपी देश में अव्वल है।' इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट डा. अशोक राय कहते हैं कि 'बड़े पैमाने पर मुफ्त वैक्सीन लगाए जाने के केंद्र होने से पैसा देकर वैक्सीन लगवाने के लिए लोग निजी अस्पतालों की ओर कम ही रुख कर रहे हैं। फिर निजी अस्पतालों को वैक्सीन लगाने के लिए डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही डाटा फीडिंग के लिए कंप्यूटर आपरेटर की भी व्यवस्था करनी होती है, जिससे वे दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं।'


निजी अस्पतालों में वैक्सीन की दर

• कोविशील्ड - 780 रुपये

• कोवैक्सीन - 1410 रुपये

• स्पूतनिक - 1145 रुपये

वैक्सिनेशन में UP नंबर-1

प्रदेश में अब तक कुल 5.32 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। 4.49 करोड़ ने पहली डोज और 83.18 लाख ने टीके की दूसरी डोज लगवाई है। इसमें कोविशील्ड के 4.73 करोड़ और कोवैक्सीन के 59.29 लाख टीके ही लगाए गए हैं।

Shivani

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