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इलाज में लापरवाही से मौत पर कोर्ट सख्त, डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश
लखनऊ: सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. आरके चौधरी सहित डाॅ. पीसी जैन, डाॅ. एसके राय व डाॅ. आरएन गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश एसओ तालकटोरा को दिया है। उन्होंने यह आदेश रेनू शुक्ला की अर्जी पर दिया है।
अर्जी में इन डाॅक्टरों पर अपने ही अस्पताल के एक कर्मचारी के इलाज में जानबूझकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। बता दें, कि उक्त कर्मचारी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अर्जी में इस अस्पताल के कुछ कर्मचारियों को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया है।
ये है मामला
रेनु ने अर्जी में आरोप लगाया है कि उनके पति अतुल कुमार शुक्ला उर्फ गोपाल इसी अस्पताल में इलेक्ट्रीशियन कम जनरेटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे। 22 अगस्त, 2016 को अस्पताल के चिकित्सकों व अधिकारियों की लापरवाही से ड्यूटी के दौरान उनके पति को बिजली का करंट लग गया। इस दौरान वह झुलस गया। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. आरके चौधरी एवं ड्यूटी ऑफिसर व सर्जन डाॅ. पीसी जैन द्वारा जानबूझकर समय से समुचित चिकित्सा व्यवस्था प्रदान नहीं की गई। फिर एक साजिश के तहत उनके पति को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां से वापस पुनः रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। यहां डाॅ. एसके राय ने उनके पति को भर्ती कर लिया, जबकि इस अस्पताल में बर्न युनिट नहीं है। इनकी घोर लापरवाही से उनके पति की दशा दिनोंदिन बिगड़ती गई और 28 अगस्त को उनकी मौत हो गई।
यह भी है कहना
यह भी आरोप है कि मौत के बाद उनके पति को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल व प्राइवेट अस्पताल सिप्स भेजा गया, जो अमानवीय व नियम विरुद्ध था। सिप्स के डाॅक्टरों द्वारा उनके पति को मृत घोषित किया गया। जबकि उनके पति की मौत पहले ही हो चुकी थी। आरोप है, कि इन डाॅक्टरों द्वारा जानबूझकर उनके पति के इलाज में लगातार घोर लापरवाही बरती गई, जिससे उनकी पति की मौत हुई। यह हत्या की श्रेणी में आता है।