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UP News: बगैर पुख़्ता सबूतों के न की जाए गिरफ्तारी, बेलगाम पुलिस अधिकारियों को डीजीपी का सख्त निर्देश
UP News: सूबे के बेलगाम पुलिसकर्मियों के लिए यूपी के पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने सख्त निर्देश दिए हैं, बगैर पुख़्ता सबूतों के गिरफ्तारी न की जाए।
Uttar Pradesh News: प्रदेश में पिछले कुछ समय से पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के लगातार मनमानी करने की खबरें आती रही हैं। पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार की कई बार भारी फजीहत हो चुकी है। ऐसे में सूबे के बेलगाम पुलिसकर्मियों के लिए यूपी के पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने कुछ सख्त निर्देश दिए हैं, जिसका अगर कोई पुलिसकर्मी उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
बगैर पुख्ता सबूत के नहीं होगी गिरफ्तारी
डीजीपी डीएस चौहान ने अपने मातहतों को फौरी गिरफ्तारी से बचने को कहा है। उन्होंने कहा कि किसी शख्स को तभी गिरफ्तार किया जाए, जब उसके खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हों। केवल संदेह के आधार पर ऐसी कार्रवाई न की जाए। इसके अलावा महिलाओं, बुजुर्गों व नाबालिगों को पूछताछ के लिए थाने न बुलाने का निर्देश दिया है।
दरअसल, डीजीपी का ये दिशा निर्देश सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें शीर्ष अदालत ने सात साल से कम सजा वाले मामलों में होने वाली गिरफ्तारी, पूछताछ के नोटिस आदि को लेकर सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश जारी कर इसका अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा है। अदालत ने अपने उस आदेश में पुलिस को बताया है कि महिलाओं, दिव्यांगों, बुजुर्गों और नाबालिगों से उसे किस तरह से पेश आना चाहिए।
थाने में महिलाओं से नहीं होगी पूछताछ
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए डीजीपी ने थानेदारों को निर्देश दिया है कि महिलाओं से पूछताछ के लिए उन्हें थाने नहीं बुलाया जाए। महिलाओं से पूछताछ वहीं करनी होगी, जहां वो रहती हैं। पूछताछ के दौरान परिजनों और महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। वहीं, बच्चों, दिव्यांगों और बुजुर्गों से पूछताछ के दौरान भी परिवार के सदस्यों, संरक्षकों या किशोर कल्याण अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है।
डीजीपी डीएस चौहान ने इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर थानेदारों और विवेचकों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।