×

PF से पैसा निकालने के लिए शादी का कार्ड न मांगे पुलिस विभाग

लिस कर्मचारियों को विभिन्न तरह के भत्तों के भुगतान में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने विभागाध्यक्षों व कार्यालय अध्यक्षों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

tiwarishalini
Published on: 6 Nov 2017 9:18 AM GMT
PF से पैसा निकालने के लिए शादी का कार्ड न मांगे पुलिस विभाग
X
PF से पैसा निकालने के लिए शादी का कार्ड न मांगे पुलिस विभाग

लखनऊ : पुलिस कर्मचारियों को विभिन्न तरह के भत्तों के भुगतान में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने विभागाध्यक्षों व कार्यालय अध्यक्षों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

एक महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि किसी अधिकारी या कर्मचारी के घर में यदि शादी है तो पीएफ से पैसा निकालने के लिए उससे शादी का कार्ड नहीं मांगा जाए।

सुलखान सिंह ने सोमवार को कहा कि इसके अलावा जीपीएफ का आवेदन मंजूर करते हुए सात दिन के भीतर कोषागार में भेजा जाए। भुगतान में विलंब से बचने को कहा गया है। डीजीपी के इन निर्देशों में यात्रा भत्तों के भुगतान के लिए कहा गया है कि गैर जरूरी वजहों से कर्मचारी बाहर न भेजे जाएं। न ही उन्हें गृह जिले में ड्यूटी पर भेजा जाए।

भत्ते का भुगतान समय पर किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो पुलिस उपाधीक्षक, अकाउंटेंट व क्लर्क को जिम्मेदार माना जाएगा। अगर भत्ता या क्लेम देरी से या गलत भेजे गए तो इसे स्वीकृत करने वाले थानाध्यक्ष व अन्य अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।

यह भी पढ़ें ... पुलिस की वेतन विसंगतियां दूर करना पहली प्रायाॅरिटी : DGP सुलखान

दिए गए ये निर्देश

मकान किराया भत्ता भुगतान के लिए नाइट आउट पास की जरूरत खत्म कर दी गई है। विशेष रिजर्व ड्यूटी पर रात के समय पुलिस लाइन में ड्यूटी लगाई जाए। इसका समय एक महीने से अधिक न हो। एक बार ड्यूटी लगने के बाद सभी की बारी आने से पहले दोबारा उसी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई जाए।

चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों के लिए डॉक्टर के स्तर पर देरी हो रही हो तो संबंधित पुलिस अधीक्षक सीएमओ से बात करें। जो कर्मचारी लाइन हाजिर, सीईआर या एईआर हैं, उनकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करें। इसके लिए पुलिस की ड्यूटी लगाएं। इसमें लापरवाही मिली तो संबंधित क्षेत्राधिकारी लाइंस जिम्मेदार होंगे। जो कर्मी हाईकोर्ट के काम में लगाए जा रहे हैं, वे अपने व्यक्तिगत खर्च से कभी भी शपथ पत्र न खरीदें। अपने जिले से इस काम का एडवांस पैसा लें। कोर्ट के काम में कोई अनुचित पैसा मांगता है तो कतई न दें, इसकी शिकायत करें।

कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने से कोर्ट का कोई स्टाफ जुबानी मना करता है तो उसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट जज या सीजेएम से करें। सभी एसपी अपनी अध्यक्षता में एक शिकायत निवारण सेल बनाएं। इसमें एक अतिरिक्त राजपत्रित अधिकारी और दो निरीक्षक होने चाहिए। यहां सभी शिकायतें दर्ज हों और इनका निस्तारण किया जाए। इसकी हर तिमाही रिपोर्ट आईजी को दें।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story