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UP Election 2002 Analysis: इस बार किसका होगा बुंदेलखंड, 2017 में बीजेपी का बोला था डंका, 2022 में विपक्ष ने भी कसी कमर

UP Election 2002 Analysis: बीजेपी को बुदंलेखंड में जहां वापसी की उम्मीद है तो वहीं समाजवादी पार्टी अपनी पैठ मजबूत करने में लगी है।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Monika
Published on: 17 Nov 2021 5:47 PM IST
UP Election 2022
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(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Election 2002 Analysis: यूपी में चुनावी (UP Election 2022 Bundelkhand) बाजार सज चुका है, वोट मांगने के लिए नेता शहर से गांव तक का चक्कर लगा रहे हैं। यूपी के मतदाता इस बार किस पर मेहरबान होते हैं यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन इस बार बुंदेलखंड (Bundelkhand Mein Kiski lehar) की बंजर जमीन पर कौन सी पार्टी का जीत का फसल काटेगी यह देखना दिलचस्प होगा। क्योंकि 2017 के चुनाव में यहां बीजेपी (Bundelkhand Mein BJP) का यहां डंका बोला था और वह विपक्ष का पूरी तरह से सफाया कर दिया था। कभी यहां बसपा (Bundelkhand Mein BSP) का दबदबा हुआ करता था लेकिन 2017 में मोदी लहर (Bundelkhand Mein Modi lehar) का खुमार यहां के लोगों के सिर चढ़कर इस कदर बोला था कि सभी 19 सीटें बीजेपी की झोली में चली गई थी। अब 2022 में भी वहीं जीत दोहराने के लिए पूरी कसरत शुरू कर दी है।

बीजेपी को बुदंलेखंड में जहां वापसी की उम्मीद है तो वहीं समाजवादी पार्टी (Bundelkhand Mein Samajwadi Party) अपनी पैठ मजबूत करने में लगी है। मायावती (Bundelkhand Mein mayawati) को पुराना करिश्मा होने की उम्मीद है। कांग्रेस के लिए यहां सबसे ज्यादा मुश्किल दिखाई देता है। उसकी वजह है कि उनके पास ना तो यहां बड़े नेता बचे हैं और ना ही उनका इतना मजबूत संगठन है। कांग्रेस (congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) इसी को ध्यान में रखते हुए आज (बुधवार) से मिशन बुंदेलखंड (Mission Bundelkhand) की शुरुआत चित्रकूट से कर दी है। सीएम योगी 19 नवंबर को पीएम मोदी की रैली (Bundelkhand Mein PM Modi ki rally) की तैयारियों का जाएजा लेने महोबा (Mahoba pahuche CM Yogi) पहुंचे हैं, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह झांसी पहुंचे (Rajnath Singh pahuche Jhansi) । इससे पहले यहां बसपा प्रबुद्ध सम्मलेन के जरिए और अखिलेश यादव रथ यात्रा (Bundelkhand Mein Akhilesh Yadav Rath Yatra) निकालकर यहां के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर चुके हैं। आखिर क्या है बुदंलेखंड का सियासी समीकरण और किस पार्टी का यहां रहा है दबदबा चलिए बताते हैं...?

बुंदेलखंड के सात जिले चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर में विधानसभा की 19 सीटें आती हैं। 2017 के चुनाव में यहां विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया था। सभी 19 सीटों पर कमल खिला था। वहीं 2012 के चुनाव की बात करें तो बीजेपी को महज दो सीटें मिलीं थीं। जिसमें झांसी सदर और चरखारी थी। भाजपा 2017 की जीत को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत के साथ वहां मैदान में उतर चुकी है। हालांकि 2017 की अपेक्षा 2022 में यूपी के समीकरण बदले हैं। चुनाव के लिए अभी से विपक्षी दलों की सक्रियता बढ़ गई है। यहां इस पार अखिलेश से लेकर मायावती और प्रियंका गांधी की सक्रियता भी बढ़ गई है।

पश्चिम की कमी बुदंलेखंड में भरपाई की कोशिश

गौरतलब है कि किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की इस बार मुश्किलें बढ़ी हुई है। भाजपा आलाकमान से लेकर स्थानीय नेता तक सकते में हैं। बीजेपी जहां पश्चिमी में किसानों को मनाने में लगी है तो वहीं बुंदेलखंड के जरिए यहां की कमी को पूरा करने की कोशिश भी कर रही है। यही वजह की 19 नवंबर को प्रधानमंत्री की महोबा में रैली होने जा रही है। इसके बाद झांसी का भी दौरा करेंगे। पीएम मोदी की रैली से पहले यहां उन तमाम मुद्दों को हल करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। जिसके लिए विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर है। दरअसल पिछले दिनों खाद की किल्लत से हुई किसान की मौत के बाद अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने मोदी-योगी सरकार पर हमला बोला था।

2017 में प्यासा बुंदेलखंड, 2022 में खाद की किल्लत है मुद्दा

जाहिर 2017 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड (Bundelkhand UP Election 2022) में सूखा और पीने का पानी प्रमुख मुद्दा था। बीजेपी इसे जोरशोर से उठाकर विपक्ष पर जमकर हमले बोली थी। यहीं नहीं ट्रेन से पानी को पहुंचाया गया था। अब इस बार जब सूबे की सत्ता पर बीजेपी काबिज है तो विपक्ष खेती, खाद के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है। यही वजह है कि ललितपुर में किसान की मौत का मुद्दा विपक्ष ने जमकर उझाला था। पीएम मोदी महोबा और झांसी दौरे के दौरान बीजेपी के पक्ष में फिर से माहौल तैयार करने की कोशिश करेंगे।

हर घर जल योजना की शुरुआत (har ghar jal yojana)

वैसे केंद्र सरकार की मदद से यूपी सरकार बुंदेलखंड में हर घर जल योजना के अंतर्गत पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना के तहत तेजी से कार्य कर रही है। इस योजना के दो चरणों में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्रों में घर-घर नल से पानी पहुंचाया जा रहा है। हर घर जल योजना में 38 हजार नए गांव जुड़ेंगे। इस योजना से वर्ष 2022 तक लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत नए गावों के लिए डीपीआर बनाने के काम में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा व चित्रकूट के कुल 4,513 राजस्व ग्रामों में से 891 राजस्व ग्राम पाइप पेयजल योजनाओं से पहले से जुड़े हैं। बाकी बचे सात जिलों के 3,622 राजस्व ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 479 भूमिगत व सतही स्रोत पर आधारित पानी पहुंचाने के कार्य तेजी से चल रहा है।

देश के पिछड़े जिलो में बुंदेलखंड का भी नाम

बुंदेलखंड क्षेत्र भारत के मध्य भाग में स्थिति है, जिसमें उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के छह जिले शामिल हैं। प्राकृतिक संसाधनों का भंडार होने के बावजूद ये क्षेत्र देश के सबसे पिछड़े 200 जिलों में शामिल है और पानी की समस्या से जूझ रहा है। इसी पानी की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार हर घर जल योजना के तहत पानी पहुंचाने का कार्य तेजी से कर रही है। बुंदेलखंड कई बार खूसे की मार से झेल चुका है। जिससे यहां किसानों की खेती तो बर्बाद होती ही गर्मी में पीने के पानी की भी काभी किल्लत हो जाती है। जो यहां के लोगों की प्रमुख समस्याओं में से एक है। सूखे ने जहां किसानों को बर्बाद दिया जिसकी वजह से हजारों किसानों से यहां आत्महत्या भी की है। यही नहीं सूखे के कारण यहां का 80 फीसदी किसान बैंक का कर्जदार हो गया है।

2003 से अबतक 11 हजार से ज्यादा किसानों ने दी जान

देश जहां आजादी की मना रहा है तो वहीं बुदंलेखंड (Bundelkhand News) की हालत देखकर रोना आता है। आजादी के इतने साल बाद भी यहां के लोगों की गरीबी नहीं दूर हुई। गरीबी की बात कौन करे दो जून की रोटी भी उन्हें सही से नसीब नहीं हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2003 से अबतक 11 हजार से ज्यादा किसान बांदा-चित्रकूट, हमीरपुर-महोबा और झांसी मंडल में आत्महत्या कर चुके हैं। तमाम सरकारी सुविधाओं के बाद भी क्षेत्र के 80 फीसदी से ज्यादा किसान कर्जदार हैं। यह मुद्दा भी बुंदेलखंड में एक बार फिर छाये रहने की उम्मीद है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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