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UP Election 2022: हिंदुत्व को और धार देगी भाजपा, 19 को अमित शाह-योगी आदित्यनाथ मथुरा में
UP Election 2022: 19 दिसम्बर को एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा पहुंचेंगे। इस बार वह अकेले नहीं आ रहे हैं बल्कि इस बार उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी होंगे।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के पहले हिंदुत्व (Hindutva) धार देने के लिए भाजपा अब पूरी तरह से अपना मन बना चुकी है। अयोध्या, काशी के प्रति अपनी आस्था सिद्ध कर चुकी पार्टी अब मथुरा के प्रति भी अपनी आस्था का प्रमाण देने की तैयारी में है। हाल हो में गत आठ दिसम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा का दौरा कर चुके है। अब वह एक बार फिर 19 दिसम्बर को यहां आ रहे हैं। इस दौरे की खास बात यह है कि इस बार वह अकेले नहीं आ रहे हैं बल्कि इस बार उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी मथुरा आ रहे हैं। स्थानीय प्रशासन दौरे की तैयारियों में जुट गया है।
भगवान राम की नगरी अयोध्या के विकास के लिए योगी सरकार (Yogi Sarkar) करोड़ों रुपये की सौगात पहले ही दे चुकी है। केंन्द्र की मोदी सरकार के सहयोग से हवाई अड्डे से लेकर सड़को तक नया निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) समेत अन्य क्षेत्रों का विकास कार्य मोदी के संसदीय क्षेत्र में कराया जा रहा है।
इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) भी कह चुके हैं कि अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण से भक्तों में खुशी है। जैसा कि हम लोग आंदोलन के समय नारा लगाते थे कि अयोध्या हुई हमारी, अब काशी-मथुरा की बारी। काशी और मथुरा दोनों हमारी हैं। काशी में कॉरिडोर बन चुका है। अब कृष्ण जन्मभूमि की बारी है। केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान पर विपक्ष काफी शोर शराबा कर चुका है।
इसके पहले योगी आदित्यनाथ अपने हालिया दौरे में मथुरा के लिए 201.16 करोड़ रुपए की 196 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर चुके हैं। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति-पत्र और चेक आदि भी बांटे थे। मथुरा के अपने दौरे में योगी विभिन्न सरकारी लाभकारी योजनाओं के बारे में बताने के साथ विरोधी दलों पर जमकर हमला कर चुके हैं।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि अगले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अपने विकास कार्यों पर उन्ही धार्मिक स्थलों पर फोकस कर रही हैं जो हिन्दू आस्था के वर्षों से केंद्र रहे हैं। साथ ही पिछली सरकारों में इन केंद्रों की उपेक्षा होती रही है। भाजपा सरकार की नीति धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने की भी है।