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UP Election 2022: अखाड़े में उतरे ओवैसी के गामा, पढ़ें Newstrack की ये चुनावी रिपोर्ट

UP Election 2022: ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अपने प्रत्याशियों की जो दूसरी लिस्ट जारी की है उसमें साहिबाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के बागी पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा को टिकट दिया है। अब तय है कि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 19 Jan 2022 4:41 PM GMT
UP Election 2022
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असदुद्दीन ओवैसी

UP Election 2022: चुनाव भी कुश्ती के अखाड़े से कम नहीं होते। और यूपी विधानसभा चुनाव के अखाड़े में असदुद्दीन ओवैसी (asaduddin owaisi party aimim candidate list) की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुसलमीन भी उतरी हुई है। असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम समुदाय के स्वघोषित नेता हैं और उनका इरादा है कि समुदाय के लोग बस उन्हीं को नेता मानें। बहरहाल, ओवैसी ने सर्वधर्म सद्भाव का ख्याल रखते हुए एक हिन्दू प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में उतार दिया है जिसका नाम भी अखाड़े के अनुरूप 'गामा' है।

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अपने प्रत्याशियों की जो दूसरी लिस्ट जारी की है उसमें साहिबाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के बागी पंडित मनमोहन झा उर्फ गामा को टिकट दिया है। अब तय है कि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है

हैं कौन मनमोहन झा

मनमोहन झा मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। दसवीं पास मनमोहन बेहद गरीब परिवार से हैं जो बचपन में ही काम की तलाश में दिल्ली आ गए थे। बाद में वो पॉलिटिक्स में हाथ आजमाने लगे। ओवैसी से हाथ मिलाने से पहले मनमोहन झा समाजवादी पार्टी में जिला उपाध्यक्ष और साहिबाबाद विधानसभा के प्रभारी भी रह चुके हैं। मनमोहन झा साहिबाबाद में गामा के नाम से प्रसिद्ध हैं। वैसे तो मनमोहन का कुश्ती और गामा पहलवान से कोई लेनादेना नहीं है फिर भी वो गामा नाम से जाने जाते हैं। माना जाता है कि मनमोहन झा की गाजियाबाद और साहिबाबाद क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।

असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर

22 साल बाद हुआ मोहभंग

मनमोहन झा 22 साल तक समाजवादी पार्टी में रहे लेकिन अब उनका मोहभंग हो गया है। गामा का कहना है कि वह समाजवादी पार्टी में इसलिए शामिल हुए थे, क्योंकि सपा पहले लोहिया के सिद्धांतों पर चलती थी लेकिन सपा अब पूंजीपतियों की पार्टी हो गई है। गामा का कहना है हमें गरीब होने के कारण अपमानित किया गया है। उनका कहना है कि एआईएमआईएम संविधान के प्रावधानों को मानती है। जब बीजेपी अस्तित्व में आई थी तब उसके पास कोई एमएलए और एमपी नहीं थे।

आज वह देश में शासन कर रही है। एक ब्राह्मण को टिकट देने के सवाल पर मनमोहन गामा का कहना है कि धर्म की राजनीति दूसरी पार्टियां करती हैं। मनमोहन झा का कहना है कि ओवैसी संविधान पर भरोसा करते हैं। उनके बारे में गलत कहा जाता है कि वह सिर्फ मुस्लिम नेता हैं। ओवैसी साहब ने तो एक ब्राह्मण को नहीं, बल्कि एक भारतीय को टिकट दिया है।

साहिबाबाद विधानसभा सीट पूरे प्रदेश में सबसे अधिक मतदाताओं वाली सीट है। यहां से वर्ष 2012 में जहां 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, वहीं 2017 के चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में थे।

Divyanshu Rao

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