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राजनीतिक घेराबंदी के बीच फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य, फाजिलनगर से बसपा ने उतारा अल्पसंख्यक उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कुशीनगर का फाजिलनगर विधानसभा सीट वीआईपी सीट बन गया है। जहां सपा से उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ बीजेपी ने सुरेंद्र कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet Kumar
Published on: 16 Feb 2022 11:49 AM GMT
राजनीतिक घेराबंदी के बीच फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य, फाजिलनगर से बसपा ने उतारा अल्पसंख्यक उम्मीदवार
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 स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल तस्वीर)

कुशीनगर। जनपद का फाजिलनगर विधानसभा सीट (Fazilnagar assembly seat) चुनावी उठापटक के बाद सबसे चर्चित हो गया है। भाजपा तथा बसपा के चुनावी घेराबंदी के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बुरी तरह फंसे हुए प्रतीत हो रहे हैं। उन्हें इस बार लोकतंत्र की पनघट रूपी विधानसभा में पहुंचने की डगर कठिन दिख रही है।

फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग 28 के दोनों तरफ पड़ता है। यह विधानसभा सोशलिस्टो का गढ़ रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में लड़ाई त्रिकोणात्मक हो गई है। यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री व कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। स्वामी के सामने बसपा के इलियास अंसारी (Ilyas Ansari) तथा भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा (Surendra Kushwaha) सीना तान कर उनकी राह रोकने और अपना परचम लहराने की हर जोर आजमाइश कर रहे हैं।

2012 के चुनाव पर नजर डालें तो उस समय बसपा के कलामुद्दीन अंसारी को 44,501 सपा के विश्वनाथ सिंह को 40,425 तथा भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा को 49,995 मत मिला था। 2012 के चुनाव में गंगा सिंह कुशवाहा (Ganga Singh Kushwaha) चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। बसपा और भाजपा में मतो में हार जीत का फासला लगभग तीन प्रतिशत का रहा।

बसपा ने उतारा अल्पसंख्यक उम्मीदवार

2017 के चुनाव में बसपा ने अपने महावत को बदला और इस बार चनऊ बिरादरी के जगदीश सिंह को टिकट दिया। वहीं सपा ने पूर्व विधायक और बुजुर्ग नेता इसी बिरादरी के ही विश्वनाथ सिंह को टिकट दिया। इस विधानसभा में चनऊ बिरादरी का काफी प्रभाव है। 2017 के चुनाव में भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा 102505 मत पाकर पुनः इस सीट पर कब्जा बरकरार रखे। इस बार चुनाव में सपा दूसरे नंबर पर और बसपा तीसरे नंबर पर चली गई । 2022 का चुनाव दंगल बदल चुका है। इस बार सपा से जनपद के बाहरी नेता स्वामी प्रसाद चुनाव मैदान में हैं। बसपा ने पहली बार ब्राह्मण बिरादरी के संतोष तिवारी को टिकट दिया। लेकिन उम्मीदवारों के नामांकन प्रक्रिया के दौर में ही सपा से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे अल्पसंख्यक समुदाय के मोहम्मद इलियास अंसारी को टिकट देकर मैदान में उतारा है। इलियास अंसारी स्थानीय नेता हैं और एक लंबे अरसे से राजनीति में सक्रिय है।

बीजेपी ने बनाया सुरेन्द्र कुशवाहा को उम्मीदवार

वहीं भाजपा ने लगातार दो बार विधायक रहे गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह भी क्षेत्रीय और भाजपा के वोटो खूब भरोसा कर ताल ठोक रहे हैं। जानकार बताते है कि स्वामी प्रसाद चुनाव के बाजीगर है चुनावी बयार भाप जाते हैं। इस बार बसपा बखूबी जानती है कि 2012 में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रत्याशी उतारने पर हार जीत का फैसला कम था और उस समय प्रतिद्वंदी उम्मीदवार स्थानीय थे। 2022 का माहौल कुछ और हो गया है। सपा के मतों पर सेधमारी होने के प्रबल आसार हैं।

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