UP Election 2022: बसपा ने खेला बड़ा दांव, ओबरा से राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त रहे सुभाष खरवार को बनाया उम्मीदवार

बहुजन समाज पार्टी ने सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा पर अपना दल एस से एक दिन पूर्व बसपा में शामिल हुए विधायक हरिराम चेरो को अपना उम्मीदवार घोषित किया।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Kaushlendra Pandey
Published on: 15 Feb 2022 4:25 PM GMT (Updated on: 15 Feb 2022 5:27 PM GMT)
UP Election 2022: बसपा ने खेला बड़ा दांव, ओबरा से राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त रहे सुभाष खरवार को बनाया उम्मीदवार
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फाइल तस्वीर

सोनभद्र। बसपा ने एक बार फिर से सोनभद्र में बड़ा दांव खेला है। एक दिन पूर्व अपना दल एस छोड़ बसपा (BSP) में शामिल हुए विधायक हरिराम चेरो (Hariram Chero) के दुद्धी विधानसभा सीट (Duddhi assembly seat) से प्रत्याशी बनाए जाने की बात पर जहां मंगलवार की देर शाम मुहर लगा दी गई। वहीं 2007 से 2012 तक रही बसपा सरकार के समय राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त पद पर रहे सुभाष खरवार (Subhash Kharwar) को ओबरा विधानसभा सीट (Obra assembly seat) से प्रत्याशी घोषित कर सभी को चौंका दिया है। सुभाष लंबे समय से बसपा से जुड़े रहे हैं। बीच में कुछ समय के लिए सपा को ज्वाइन किया था। उसके बाद फिर से बसपा में शामिल हो गए।

हरिराम चेरो को मिला टिकट

नामांकन के लिए महज दो दिन शेष रहने के साथ ही जहां चुनावी सरगर्मी शवाब पर पहुँच गई है। वहीं बसपा ने जिले की चारों विधानसभाओं पर तगड़ी घेराबंदी बनाने के लिए, जहां घोरावल में मोहन कुशवाहा और राबटर्सगंज में अविनाश शुक्ला को पहले से प्रत्याशी बनाया हुआ है। वहीं मंगलवार की देर शाम दुद्धी से अपना दल एस छोड़कर आए हरिराम चेरो को दुद्धी विधानसभा से टिकट देकर भाजपा-सपा के सामने बड़ी चुनौती पेश की है।

पलटा सियासी समीकरण

वहीं ओबरा में गोंड़ बिरादरी के उम्मीदवार को पहली पसंद बनाने की चल रही परंपरा से अलग हटकर सुभाष खरवार को प्रत्याशी बनाकर यहां का सियासी समीकरण पलट कर रख दिया है। बताते चलें कि ओबरा विधानसभा में गोंड़ बिरादरी के बाद दूसरा सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय खरवारों का है। 2012 से अब तक खरवारों को टिकट न मिलने का दर्द भी इस समुदाय की जुबां से जब-तब सुनने को मिलता रहता है। 2017 में खरवार बिरादरी के व्यक्ति को टिकट न मिलने पर सुभाष खरवार ने निर्दल ताल ठोंकी थी और 6198 मत हासिल किए थे। हालांकि पूरी बिरादरी का समर्थन उन्हें नहीं मिल पाया था।

बताते हैं कि बसपा ने इन्हीं सारे समीकरण को देखते हुए, आखिरी समय में दुद्धी सीट के साथ ओबरा सीट पर भी बड़ा दांव खेला है। इस बार सुभाष निर्दल की बजाय, बसपा से चुनावी समर लड़ेंगे। ऐसे में इस बार बाजी उनके हाथ लगती है, या फिसल जाएगी? इसको लेकर जहां चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वहीं राजनीतिक पंडितों की तरफ से भाजपा, सपा और कांग्रेस की तरफ से गोंड़ बिरादरी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में देखते हुए, सुभाष की उम्मीदवारी के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। बसपा के मुख्य कोआर्डिनेटर ने दुद्धी से हरिराम चेरो और ओबरा से सुभाष खरवार को अधिकृत प्रत्याशी बनाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि कार्यकर्ताओं में भी इसको लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।

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