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UP Election 2022: भाजपा की सूची में बड़ा सियासी दांव, ओबीसी और दलितों का दबदबा, 60 फ़ीसदी टिकट बांटे
UP Election 2022: इन 85 उम्मीदवारों में से 49 उम्मीदवार ओबीसी और दलित समुदाय से जुड़े हुए हैं यानी पार्टी की ओर से 60 फ़ीसदी टिकट ओबीसी और दलित समुदाय को दिया गया है।
UP Election 2022: भारतीय जनता पार्टी की ओर से घोषित उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों की दूसरी सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ओबीसी और दलित मतदाताओं का फिर समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी की ओर से घोषित 85 उम्मीदवारों की दूसरी सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है।
इन 85 उम्मीदवारों में से 49 उम्मीदवार ओबीसी और दलित समुदाय से जुड़े हुए हैं यानी पार्टी की ओर से 60 फ़ीसदी टिकट ओबीसी और दलित समुदाय को दिया गया है। पार्टी की ओर से इससे पहले जारी सूची में भी 60 फ़ीसदी टिकट ओबीसी और दलित समुदाय को ही दिए गए थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य समेत तीन ओबीसी मंत्रियों और कई विधायकों के पार्टी छोड़ने से परेशान पार्टी नेतृत्व की ओर से ओबीसी और दलित मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बड़ा सियासी दांव खेला गया है। सूची में 15 महिला उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए गए हैं। भाजपा की इस सूची से साफ हो गया है कि भाजपा ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों को जवाब देने की कोशिश की है।
सामान्य वर्ग व महिलाओं का भी रखा ध्यान
भाजपा की ओर से शुक्रवार को घोषित की गई 85 उम्मीदवारों की सूची में सभी वर्गों को रिझाने का प्रयास किया गया है। ओबीसी और दलितों के साथ ही सामान्य वर्ग का भी पूरा ख्याल इस सूची में रखा गया है। 85 उम्मीदवारों की सूची में 49 टिकट ओबीसी और दलित समुदाय को बांटे गए हैं। सामान्य वर्ग से जुड़े 36 उम्मीदवारों को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
पार्टी ने 15 महिलाओं को भी टिकट देकर आधी आबादी का पूरा ध्यान रखने का संदेश दिया है। इस सूची को पार्टी की ओर से बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है क्योंकि इसके जरिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों को जवाब देने का प्रयास किया गया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पार्टी ने काफी संतुलन बनाने की कोशिश की है।
सूची में कई चर्चित नाम
दूसरे दलों से भाजपा में आने वाले नेताओं का भी पूरा ख्याल इस सूची में रखा गया है। सूची में चर्चित नाम मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव का है जिन्हें सिरसागंज सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। 3 दिन पहले समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने वाले नितिन अग्रवाल को उनकी ही पुरानी सीट हरदोई से टिकट दिया गया है।
सूची में एक और चर्चित नाम कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का है जिन्हें कन्नौज विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है। असीम अरुण कन्नौज सीट से ही टिकट चाहते थे और पार्टी ने उनकी मुराद पूरी कर दी है।
भाजपा की ओर से जिन महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा गया है उनमें एक चर्चित नाम रायबरेली से आदिति सिंह का शामिल है। अदिति सिंह ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। हालांकि वे काफी दिनों से भाजपा और मुख्यमंत्री योगी की तारीफ कर रही थीं।
बिधूना सीट से रिया शाक्य को उतारा
बिधूना विधानसभा सीट से रिया शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा गया है जिनके पिता विनय शाक्य ने हाल ही में भाजपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। रिया ने आरोप लगाया था कि उनके चाचा ने पिता को बरगला कर भाजपा से इस्तीफा दिलवाया है।
सपा की ओर से अभी बिधूना सीट पर प्रत्याशी नहीं घोषित किया गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि रिया का मुकाबला अपने पिता विनय शाक्य से होता है या चाचा देवेश शाक्य से। इटावा से सरिता भदौरिया और छिबरामऊ से अर्चना पांडे एक बार फिर टिकट पाने में कामयाब रही हैं। हाथरस कांड के कारण चर्चा में आए जिले से भी एक महिला प्रत्याशी अंजुला माहौर को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
छह मंत्रियों को मिला दोबारा टिकट
भाजपा की ओर से शुक्रवार को घोषित की गई सूची में 6 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। उन्नाव की पुरवा सीट से बसपा से बगावत करने वाले अनिल सिंह को टिकट दिया गया है। योगी सरकार के जो छह मंत्री दोबारा टिकट पाने में कामयाब रहे हैं उनमें एक चर्चित नाम सतीश महाना का भी है जिन्हें महाराजपुर विधानसभा सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा गया है।
फतेहपुर की हुसैनगंज सीट से राघवेंद्र प्रताप सिंह धुन्नी फिर भाजपा का टिकट पाने में कामयाब रहे हैं। कल्याणपुर से नीलिमा कटियार और भोगांव से रामनरेश अग्निहोत्री पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है।