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UP Election 2022: भाजपा का बहुत ही बुरा हाल, अब BJP विधायक बाला प्रसाद अवस्थी का इस्तीफा, सपा में शामिल

UP Election 2022: एक दिन में भाजपा को तीसरा जोर का झटका लगा है। अब लखीमपुर खीरी से पांच बार के भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने इस्तीफा दे दिया।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 13 Jan 2022 2:25 PM IST (Updated on: 13 Jan 2022 2:34 PM IST)
BJP VIDHAYAK Bala Prasad Awasthi
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भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से एकदम से हड़कंप मच गया है। चुनावी तारीखों के एलान होते ही भाजपा को एक के बाद एक जबरदस्त झटके लगातार लगते ही जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा विधायक विनय शाक्य के बाद अब लखीमपुर खीरी से पांच बार के भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने इस्तीफा दे दिया। भाजपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुँचे हैं। पार्टी जॉइन करने के लिए मनोज पाण्डेय के साथ समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुँचे हैं । रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक नेता मनोज पांडे

चुनावों से प्रदेश की सबसे मजबूत पार्टी भाजपा को जरूरी ही किसी की काली नजर लग गई है, जो पार्टी में इस्तीफों का सिलसिला बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इतनी बड़ी तादात में मंत्रियों और विधायकों का इस्तीफा एकसाथ होना सच में बड़ी बात है। इससे भाजपा पार्टी का नाम चुनावों से तुरंत पहले प्रभावित होेता दिखाई दे रहा है। यूपी की सियासत में इन इस्तीफों में जबरदस्त हलचल मचा के रख दी है।

बाला प्रसाद अवस्थी पांच बार रह चुके विधायक

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ब्राम्हणों की उपेक्षा के आरोप के चलते आज धौरहरा के पार्टी विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने इस्तीफा दे दिया। इससे पहले बिल्सी से ब्राम्हण विधायक राधा कृष्ण शर्मा भी भाजपा छोड़ चुके हैं। बाला प्रसाद अवस्थी पांच बार विधायक रह चुके हैं। धौरहरा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी किसान रहे हैं और छात्र राजनीति से शुरुआत करके वह विधायक बनते रहे हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में बाला प्रसाद अवस्थी ने सपा के यशपाल सिंह चौधरी को मात्र 3353 वोट के अंतर से हराया था। ब्राम्हण और दलित बाहुल्य इस सीट पर हमेशा कांटे की टक्कर होती रही है।

1991 के चुनाव में चली राम लहर में पहली बार भाजपा का खाता खुला था। जब बाला प्रसाद विधायक यहां के विधायक बने। 1993 में यह सीट सपा के खाते में चली गई और यशपाल चौधरी विधानसभा पहुंचे। 1996 में कांग्रेस के सरस्वती प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की।

2002 में सपा के यशपाल चौधरी फिर विधायक बने। वहीं 2007 में मायावती की सोशल इंजिनियरिंग फार्मूले ने इस सीट पर बसपा का खाता खोला और बाला प्रसाद विधायक चुने गए। 2012 में भी जनता ने बसपा के शमशेर बहादुर को जिताया। 2017 में मोदी लहर को भांपकर बाला प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा और फिर विधायक बने।

इससे पहले अब तक बदायूं जिले के बिल्सी से भाजपा विधायक राधा कृष्ण शर्मा राकेश राठौर माधुरी वर्मा जय चौबे के अलावा यूपी की बलिया के चिलकलहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम चुके हैं। धर्म सिंह सैनी ने दो दिन पहले एक वीडियो जारी कर अपने इस्तीफे की खबर का खंडन किया था लेकिन आज एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में उनके इस्तीफे की चर्चा तेज हो गयी है।

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