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UP Election 2022: क्या चुनाव से पहले ऑल आउट हो जाएगी भाजपा, अब तक इतने विधायकों ने छोड़ी पार्टी

UP Election 2022: विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक लगातार पार्टी का साथ छोड़ते जा रहे हैं।

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Newstrack NetworkReport Bishwajeet Kumar
Published on: 13 Jan 2022 2:53 PM IST
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भाजपा (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Election: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सभी राजनीतिक टीमें अपना पलड़ा भारी करने के लिए हर मुमकिन कोशिश अपना रही है। और टीम के खिलाड़ी अपना राजनीतिक भविष्य उज्जवल देखने के लिए लगातार टीम बदलते नजर आ रहे हैं। इस चुनावी लीग में कई खिलाड़ी अपनी टीम को छोड़ दूसरी मैं शामिल होते नजर आ रहे हैं जिससे टीम का विकेट लगातार गिरता जा रहा है। इस वक्त इन राजनीतिक टीमों में सबसे बुरा हाल भारतीय जनता पार्टी का दिख रहा है जिसमें तीन दिनों से लगातार विकेट गिरते ही जा रही हैं।

विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला कब शुरू हुआ, जब उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति के नेताओं में एक बड़ा चेहरा माने जाने वाले योगी कैबिनेट के मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया इस्तीफा देते हुए उन्होंने मौजूदा योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।

कई बीजेपी नेताओं के इस्तीफे से मचा हड़कंप

स्वामी ने कहा की यह सरकार दलित पिछड़ों और बेरोजगारों की उपेक्षा कर रही है जिसके कारण वह मंत्री पद से और भाजपा से इस्तीफा दे रहे हैं। बता दे स्वामी प्रसाद मौर्य योगी कैबिनेट में श्रम मंत्री के रूप में कार्यरत थे। अपने 5 साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद उन्होंने इस सरकार पर यह गंभीर आरोप लगाया हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के बाद से ही कई बीजेपी नेताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया इसमें बीजेपी के कई विधायकों बृजेश प्रजापति जो बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं, कानपुर के बिल्हौर विधानसभा सीट से भगवती सागर और शाहजहांपुर के तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशनलाल कैसे कई अन्य नाम भी शामिल है।

भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने वाले अगर मंत्रियों की बात करें तो स्वामी प्रसाद मौर्या के बाद योगी कैबिनेट में पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने भी इस्तीफा दे दिया। बता दे दारा सिंह चौहान मऊ के मधुबन विधानसभा सीट 2017 विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए थे।


स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के अलावा एक और मंत्री धर्म सिंह सैनी ने भी इस्तीफा दे दिया। धर्म सिंह सैनी योगी कैबिनेट में आयुष मंत्री के पद पर कार्यरत थे सैनी को स्वामी प्रसाद मौर्या का बेहद करीबी माना जाता है।

वहीं 2 दिन से चर्चा का विषय बने रहे बीजेपी विधायक विनय शाक्य ने भी आज भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में विनय शाक्य औरैया के बिधूना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। बता दे दो दिन पहले विनय शाक्य की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें वह अपने पिता के लापता होने की बात कह रही थी और उनके लापता होने के पीछे अपने चाचा देवेश शाक्य के हाथ होने की बात कह रही थी।

बीजेपी के अब तक इतने विकेट गिरे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के कुल 10 विधायकों का जिनमें तीन कैबिनेट मंत्री भी शामिल है। पार्टी से इस्तीफा देना बीजेपी के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है। बताते चलें इन कुल इस्तीफा देने वाले विधायकों की कतार कुछ इस प्रकार है।

कुशीनगर के पडरौना विधानसभा सीट से विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य, बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश प्रजापति, कानपुर के बिल्हौर विधानसभा सीट से विधायक भगवती प्रसाद सागर, शाहजहांपुर के तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा, शिकोहाबाद विधानसभा सीट से विधायक मुकेश वर्मा, मऊ के मधुबन विधानसभा सीट से विधायक दारा सिंह चौहान, औरैया के बिधूना विधानसभा सीट से विधायक विनय शाक्य, सीतापुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश राठौड़, संत कबीर नगर के खलीलाबाद विधानसभा सीट से विधायक जय चौबे और बहराइच के नाना पार विधानसभा सीट से माधुरी वर्मा ने इस्तीफा दिया है।

100 और विधायक दे सकते हैं इस्तीफा

शिकोहाबाद विधानसभा सीट से इस्तीफा देने वाले विधायक मुकेश वर्मा ने आज कहा की भाजपा में इस्तीफा देने वालों की कतारें अभी और लंबी होने वाली है। अभी कम से कम 100 और विधायक भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। इसका देने के बाद मुकेश वर्मा ने कहा हमारे नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हैं। वह जैसा फैसला करेंगे और जिसका समर्थन करेंगे हम भी उन्हीं का समर्थन करेंगे। मुकेश वर्मा ने कहा भारतीय जनता पार्टी अगड़ों की पार्टी है उस पार्टी में पिछड़ों और दलितों का कोई सम्मान नहीं है।



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Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

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