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UP Election 2022: यूपी चुनाव भाजपा के टॉप एजेंडे में, पीएम मोदी समेत शीर्ष नेताओं का लगातार दौरा
UP Election 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है। इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुट गई है।
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav) भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है। अब यूपी चुनाव भाजपा के एजेडे (BJP Top Agenda) में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है और इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुट गई है। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद अब पीएम मोदी का भी फोकस उत्तर प्रदेश पर ही होगा।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी की ओर से अब हर महीने पीएम मोदी के यूपी दौरे (Narendra Modi Ka UP Daura) का कार्यक्रम मनाया जा रहा है। पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी के अलावा अन्य क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे और पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP nadda) भी उत्तर प्रदेश का लगातार दौरा करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार यूपी चुनाव को लेकर शीर्ष स्तर पर लगातार मंथन का दौर चल रहा है और पार्टी नेतृत्व यूपी के चुनाव को लेकर काफी गंभीर हो गया है। इसी कारण शीर्ष नेताओं के दौरे का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।
जल्द तय होगा शीर्ष नेताओं का कार्यक्रम
पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया था और राज्य इकाई के महत्वपूर्ण नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने योगी कैबिनेट के कई मंत्रियों से सरकार और संगठन के बारे जानकारी हासिल की थी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह ने भी लखनऊ का दौरा करके पार्टी की चुनावी संभावनाओं की नब्ज टटोली थी।
बाद में दोनों नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को राज्य की सियासी स्थिति का पूरा ब्योरा दिया था। दोनों नेता सोमवार को एक बार फिर लखनऊ पहुंचने वाले हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री और दूसरे बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय करने पर भी चर्चा की जाएगी। जानकारों के मुताबिक दोनों नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा संगठन के अन्य प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
मंत्रियों-विधायकों को सक्रिय होने का निर्देश
पिछले कुछ महीनों के दौरान मंत्रियों और विधायकों के अपने क्षेत्रों से दूर रहने के कारण पार्टी नेतृत्व को अच्छा फीडबैक नहीं मिला है। इसी कारण अब मंत्रियों और विधायकों को क्षेत्रों में सक्रिय होने का निर्देश दिया गया है। मंत्रियों से अपने-अपने क्षेत्रों के हर ब्लॉक का दौरा करने और वहां प्रवास करने को कहा गया है।
उन्हें लोगों की शिकायत शिकायतें सुनने और उनका निराकरण करने का भी निर्देश दिया गया है। कोरोना काल में हुई दिक्कतों के कारण लोगों में नाराजगी बताई जा रही है। इस कारण जनप्रतिनिधियों से सक्रिय होने और लोगों की नाराजगी दूर करने को कहा गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र से कटे होने की शिकायतें आम हैं और पार्टी इन शिकायतों को लेकर अब काफी गंभीर हो गई है।
जुलाई से हो सकती है दौरों की शुरुआत
जानकार सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम तय होने के बाद जुलाई से दौरों की शुरुआत हो सकती है। पार्टी का मानना है कि पीएम मोदी के दौरों से कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास पैदा होगा और पार्टी की चुनावी संभावनाएं मजबूत होंगी।
कोरोना महामारी को देखते हुए पीएम मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं के अधिकांश दौरे सरकारी ही होंगे और इस दौरान विकास कार्यों पर ही ज्यादा फोकस दिए जाने की संभावना है। पार्टी की ओर से वैक्सीन को लेकर चलाया जा रहा जागरूकता कार्यक्रम और तेजी से चलाए जाने की योजना भी बनाई गई है।
संगठन को सक्रिय बनाएंगे शाह और नड्डा
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कोरोना महामारी को देखते हुए अभी राजनीतिक रैलियों और सभाओं पर पार्टी की ओर से जोर नहीं दिया जाएगा। पार्टी का मानना है कि इससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री की चुनावी रैलियों को लेकर तमाम सवाल उठाए गए थे और इस कारण भाजपा अभी राजनीतिक रैलियों से परहेज करने की पक्षधर है। जहां पीएम मोदी सरकारी कार्यक्रमों में ज्यादा शिरकत करेंगे वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा संगठन को सक्रिय बनाने की कोशिश करेंगे।
केंद्रीय मंत्रियों को भी अलग-अलग जिलों के दौरे की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर लगातार होमवर्क का दौर चल रहा है। पार्टी का मानना है कि शीर्ष नेतृत्व की सक्रियता से कार्यकर्ताओं का हौसला भी बढ़ेगा और लोगों से संवाद कायम करने में कामयाबी मिलेगी। इसके जरिए विकास कार्यों पर फोकस करने की योजना भी बनाई गई है।
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