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UP Election 2022: फिल्म स्टार्स के बिना फीका है इस बार का चुनाव, पसरा सन्नाटा
UP Election 2022: हर चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े दलों से लेकर छोटे दलों तक में ऐसे प्रयोग किए जाते रहे हैं लेकिन इस दफे फिल्म स्टार्स खुद ही दूरी बनाए हुए हैं।
UP Election 2022: पिछले कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान बालीवुड के स्टारों का यहां जमावड़ा होता था पर कई सालों बाद पहला मौका है जब विधानसभा चुनाव में सन्नाटा दिख रहा है। इसके पीछे एक कारण कोरोना भी है जिसके चलते प्रचार प्रसार पर रोक है।
इस बार के चुनाव में न तो टीवी कलाकार दिख रहे हैं और न ही फिल्मी तड़क भड़क वाले अभिनेता अभिनेत्रियां। हर चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े दलों से लेकर छोटे दलों तक में ऐसे प्रयोग किए जाते रहे हैं लेकिन इस दफे फिल्म स्टार्स खुद ही दूरी बनाए हुए हैं। एक खास बात और है कि अबतक किसी बालीवुड स्टार को टिकट भी नहीं दिया गया है। यह बात अलग है कि बालीवुड स्टार लोकसभा का चुनाव ही लड़ते आए हैं।
उत्तर प्रदेश में फिल्म स्टार्स का तड़का
अस्सी के दौर में फिल्म स्टार्स की राजनीति में इंट्री दक्षिण भारत से शुरू हुई थी, जो धीरे-धीरे उत्तर भारत तक पहुंच गयी। 1984 प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव लड़ा और राजनीति के दिग्गज हेमवती नन्दन बहुगुणा को पटकनी दी। बाद में उनकी पत्नी जया बच्चन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य बनी।
उत्तर प्रदेश में फिल्म स्टार्स का तड़का लगाने की बात की जाए तो इसमें समाजवादी पार्टी के नेता और बिजनेसमैन अमर सिंह का नाम सबसे पहले सामने आता है। जिन्होंने हर चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए फिल्म स्टार्स उतारने का काम किया।
2007 के विधानसभा चुनाव में तो अमिताभ बच्चन ने लखनऊ के लक्ष्मण मेला पार्क में आकर पार्टी के लिए प्रचार किया, जबकि 2009 के लोकसभा में संजय दत्त ने यहां आकर पार्टी के लिए प्रचार किया। इसके अलावा इस चुनाव में माडल अभिनेत्री नफीसा अली ने भी लखनऊ की गलियों की खाक छानी।
तीन साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लडी तो उनके प्रचार के लिए फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा प्रचार के लिए यहां आई। इसके अलावा जावेद जाफरी भी 2014 में लखनऊ से लोकसभा का चुनाव लड चुके हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में रवि किशन गोरखपुर से जीते थे। जबकि आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा ने दिनेश यादव उर्फ निरहुआ को टिकट दिया पर वो चुनाव हार गए। मथुरा से हेमा मालिनी लगातार भाजपा सांसद हैं। वह लखनऊ मेें पहले भी भाजपा के पक्ष में प्रचार प्रसार के लिए हर बार आती रही हैं।
इसी तरह फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली को सपा ने 1998 में लखनऊ से अटल बिहारी बाजपेयी के खिलाफ चुनाव में उतारने का काम किया। जबकि अभिनेत्री नगमा भी कांग्रेस से चुनाव लडने के साथ ही पार्टी का प्रचार करती आई हैं। इसके पहले अभिनेत्री सेनिना जेटली भी कांग्रेस के प्रचार के लिए लखनऊ आ चुकी है।
कॉमेडियन राजपाल यादव ने भी वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी नई पार्टी का गठन कर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया था लेकिन उनका यह प्रयोग असफल रहा था। जिस पर उन्होंने राजनीति से दूरी बना रखी है। बुंदेलखंड़ को अलग राज्य बनाने को लेकर सक्रिय रहे अभिनेता राजा बुंदेला भी इस बार चुनाव से गायब हैं।
जबकि अमीषा पटेल शिल्पा शेट्टी विवेक ओबराय सुरेश ओबेराय जैसे तमाम सितारों ने यूपी के चुनाव में आते रहे हैं पर पिछले कई वर्षो में यह पहला मौका है जब फिल्म स्टार्स के बिना पूरा चुनाव फीका दिख रहा है।