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UP Election 2022: विकास के दावों के साथ भाजपा बुंदेलखंड में वोटों की फसल काटने की कोशिश में
UP Election 2022: 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की घोषणा की गयी थी।
UP Election 2022: जहां एक तरफ कई वर्षो तक सूखे की मार झेलते रहे बुंदेलखण्ड (Bundelkhand) में राजनीतिक दल वोटों की फसल काटते रहें वहीं यहां के मतदाता हर चुनाव में अलग अलग राजनीतिक दलों (Political parties) को वोट देकर विकास की बाट जोहते रहे हैं। ब्राह्मण (Brahmins) और पिछड़ी जाति (Backward Castes) की बहुतायत संख्या वाले इस पूरे क्षेत्र में कभी कांग्रेस (congress) तो कभी सपा (SP) , कभी बसपा (BSP) तो कभी भाजपा (BJP) पर विश्वास जमाया गया।
यदि पिछले चुनाव की बात की जाए तो यहां की सभी 19 सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए एक रिकार्ड बनाने का काम किया था। जबकि इसके पहले 2012 में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पांच सीटे और 2007 में बसपा ने 15 सीटों पर अपनी जीत का परचम लहराया था।
पहले यह पूरा क्षेत्र कांग्रेस के प्रभाव वाला क्षेत्र था। लेकिन अयोध्या आंदोलन के बाद जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो उसके बाद से पार्टी की हालत खराब होती गयी। लेकिन कांग्रेस के बुरे दिनों के बाद भी उसे 2007 में 206 सीटों वाली पूर्ण बहुमत की मायावती की सरकार में चार सीटे मिली जबकि 2012 में 224 सीटों वाली अखिलेश सरकार में 4 सीटें मिली। हिन्दुत्व लहर के कारण अब कांग्रेस यहां कुछ कमजोर हुई है।
2014 में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की घोषणा
2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की घोषणा (Bundelkhand separate state) की गयी थी। जबकि कई भाजपा नेताओं उमा भारती (uma bharti) से लेकर राजा बुंदेला (Raja Bundela) तक अलग राज्य के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरते रहे। लेकिन अब भाजप विकास (vikas karya) की बात कहकर पृथक बुंदेलखंड की मांग को दबाने की कोशिश में है। भाजपा इस चुनाव में पिछले चुनाव का प्रदर्शन दोहराने के मूड में है। इसलिए योगी सरकार ( Yogi Government ) ने इस पूरे क्षेत्र में अपने कार्यकाल के दौरान खूब विकास कार्य (vikas karya) कराए हैं। चार साल पहले तक पलायन जिस बुंदेलखंड के लोगों का यथार्थ था, वहां रोजगार की असीम संभावनाएं दस्तक दे चुकी हैं। 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनवेस्टर समिट का आयोजन किया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने यूपी के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की थी। इस कॉरिडोर के लिए जिन छह जिलों को चुना गया उनमें से दो जिले झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड के हैं।
यहां यह बताना जरूरी है कि पहले बुंदेलखंड की बदहाली की एक बड़ी वजह यातायात का दुर्गम होना था। जिसके कारण लोग यहां आने से कतराते थें। पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के अपने मास्टर प्लान में रोड कनेक्टिविटी का ध्यान रखते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू कराया।
हवाई सेवा के पंख लगने जा रहे
जिस बुंदेलखंड में एक्सप्रेसवे की ही बात कल्पना थी, वहां अब हवाई सेवा के भी पंख लगने जा रहे हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलने की उम्मीद है। 14849.09 करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड क्षेत्र को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा। करीब 296 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे अभी चार लेन का होगा। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित किए जाने की योजना है। बुंदेली धरा की धर्मनगरी चित्रकूट के अलावा योगी सरकार ललितपुर, झांसी से भी फ्लाइट की सुविधा देने की घोषणा कर चुकी है। चित्रकूट का हवाईअड्डा तो खूबसूरती का मिसाल बनेगा।