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UP Election 2022: आजमगढ़ में सीएम की पहल से क्यों बढ़ रही अखिलेश की मुसीबत ?

UP Election 2022: अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) की मौजूदगी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (kendriya grih mantri amit shah) शनिवार को आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने के साथ ही कई परियोजनाओं की सौगात देंगे।

Rajendra Kumar
Report Rajendra KumarPublished By Shweta
Published on: 12 Nov 2021 7:29 PM IST
Akhilesh Yadav and CM Yogi
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अखिलेश यादव और सीएम योगी (फोटो साभारः सोशल मीडिया)

UP Election 2022: सूबे का आजमगढ़ (Azamgarh Me Akhilesh Yadav) जिला समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (samajwadi party rashtriya adhyaksh akhilesh yadav) का संसदीय क्षेत्र है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तमाम नेता यह मानते हैं कि आजमगढ़ में पार्टी का परचम फहराने का मतलब है कि पूरे पूर्वांचल में किला फतह। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Mukhyamantri Yogi Adityanath) भी इस जिले सहित पूरे पूर्वांचल में बीजेपी का (up election 2022) परचम लहराने की मंशा रखते हैं। इस सोच के तहत उन्होंने इस जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना कराने की योजना तैयार की।

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath Visit Azamgarh) की मौजूदगी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (amit shah) शनिवार को आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने के साथ ही कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। अपने किलों को अभेद्य बनाने के साथ सपा के किलों को ढ़हाने की कोशिशों के तहत मुख्यमंत्री की यह पहल समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव (SP Mukhiya Akhilesh Yadav) की मुसीबतें बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( तथा बीजेपी संगठन द्वारा समूचे पूर्वांचल सहित आजमगढ़ पर दिए जा रहे ध्यान का संज्ञान लेते हुए राजनीतिक जानकारों एवं वरिष्ठ पत्रकारों का यह कहना है। सूबे की राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला (Senior Journalist Brijesh Shukla) के अनुसार आजमगढ़ सपा और बसपा का बड़ा किला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजमगढ़ को खासा महत्व देते हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने यहाँ बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। सपा-बसपा के इस किले में सेंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार महीने में तीन बार पूर्वांचल का दौरा कर चुके हैं। इसका एक बड़ा कारण आजमगढ़ की भौगोलिक स्थिति भी है। इस जिले की सीमाएं जौनपुर, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, गोरखपुर से घिरी हैं।

समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया के जमाने से ये जिला समाजवादी विचारधारा से काफी प्रभावित रहा है। यहां करीब 45 प्रतिशत यादव-मुस्लिम मतदाता हैं। अगड़ी जातियां 24 प्रतिशत के करीब हैं। जबकि दलित 30 प्रतिशत के आस-पास हैं। इस सामाजिक समीकरण के चलते वर्षों से यह जिला सपा -बसपा का गढ़ बना हुआ है। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस जिले को अपने फोकस में लिया। उन्होंने यहां विकास कार्य कराने शुरू किए। अखिलेश सरकार में पैसे की कमी से बंद हो गई सठियांव चीनी मिल को उन्होंने शुरू कराया। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ सूबे की गरीब जनता को मिले इस पर ध्यान दिया। फ्री राशन वितरण, उज्ज्वला एवं पेंशन योजना तथा किसान सम्मान निधि योजना का लाभ जिले के गरीबों लोगों को उपलब्ध कराने में मुख्यमंत्री के दिए गए जोर के चलते यहां बीजेपी को फैलने का आधार मिला। यहीं नहीं कोरोना संकट में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले में लोगों का हालचाल पूछने आएं तो लोगों में अखिलेश यादव के जिले में ना आने का सवाल उठाया था। तब लापता अखिलेश यादव के पोस्टर भी आजमगढ़ में लगाए गये थे। अखिलेश यादव के गढ़ में उनके ही लापता होने के पोस्टर लगने के बाद से बीजेपी ने इस इलाके में अपनी घुसपैठ बढ़ाई और पार्टी संगठन ने सरकार की उपलब्धियों को समूचे आजमगढ़ में पहुंचाना शुरू किया। यूपी के पूर्वांचल में 28 जिलों की 164 विधानसभा सीटें है।

बृजेश शुक्ला (Senior Journalist Brijesh Shukla) कहते हैं कि वर्ष 2017 से पहले तक पूर्वांचल सपा का गढ़ माना जाता था। वर्ष 2017 में बीजेपी ने पूर्वांचल में बड़ी बढ़त बनाई (up vidhan sabha chunav) और सत्ता की कुर्सी पर बैठी। वर्ष 2017 में बीजेपी (UP election 2017 bjp) को पूर्वांचल की 28 जिलों की 164 विधानसभा सीट में से 115 सीट मिली थी। अब मुख्यमंत्री और बीजेपी संगठन इस रिकॉर्ड को कायम रखना चाहते हैं। अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाए जाने की योजना तैयार की। आनन फानन में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए जमीन खोजी गई। अब शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गृहमंत्री अमित शाह आजमगढ़ में इस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान उनकी जनसभा भी होगी। इस जनसभा के जरिए योगी आदित्यनाथ तथा अमित शाह पूरे पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे। आजमगढ़ की धरती से यह दोनों नेता अखिलेश यादव को निशाने पर लेकर एक बार फिर पूर्वांचल में पार्टी की जीत का खांका भी खींचेगे। बृजेश शुक्ला का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ के राजनीतिक समीकरण को बदलने में जी-जान से जुटे हुए हैं। उनकी मेहनत के चलते ही इस बार बीजेपी आजमगढ़ में भी अपना दबदबा बनाएगी। फ्री राशन वितरण, उज्ज्वला एवं पेंशन योजना तथा किसान सम्मान निधि योजना का गरीबों को मिला लाभ इसमें अहम भूमिका निभाएंगी और आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की सीटों में इजाफा करने में सहायक साबित हो सकती। बीते विधानसभा चुनावों में बीजेपी आजमगढ़ की दस में से केवल एक सीट ही भाजपा जीत सकी थी। पांच सीटों पर सपा और चार सीटों पर बसपा ने विजय हासिल की थी। आगामी चुनावों में बीजेपी की सीटों में इजाफा होने की बात बृजेश शुक्ला कहते हैं। उनका यह भी कहना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव की आजमगढ़ में सक्रियता ज्यादा नहीं है, ऐसे में पूर्वांचल तथा आजमगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुसीबतों में इजाफा करेगी।

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